गोण्डा लाइव न्यूज एक प्रोफेशनल वेब मीडिया है। जो समाज में घटित किसी भी घटना-दुघर्टना "✿" समसामायिक घटना"✿" राजनैतिक घटनाक्रम "✿" भ्रष्ट्राचार "✿" सामाजिक समस्या "✿" खोजी खबरे "✿" संपादकीय "✿" ब्लाग "✿" सामाजिक "✿" हास्य "✿" व्यंग "✿" लेख "✿" खेल "✿" मनोरंजन "✿" स्वास्थ्य "✿" शिक्षा एंव किसान जागरूकता सम्बन्धित लेख आदि से सम्बन्धित खबरे ही निःशुल्क प्रकाशित करती है। एवं राजनैतिक , समाजसेवी , निजी खबरे आदि जैसी खबरो का एक निश्चित शुल्क भुगतान के उपरान्त ही खबरो का प्रकाशन किया जाता है। पोर्टल हिंदी क्षेत्र के साथ-साथ विदेशों में हिंदी भाषी क्षेत्रों के लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है और भारत में उत्तर प्रदेश गोण्डा जनपद में स्थित है। पोर्टल का फोकस राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को उठाना है और आम लोगों की आवाज बनना है जो अपने अधिकारों से वंचित हैं। यदि आप अपना नाम पत्रकारिता के क्षेत्र में देश-दुनिया में विश्व स्तर पर ख्याति स्थापित करना चाहते है। अपने अन्दर की छुपी हुई प्रतिभा को उजागर कर एक नई पहचान देना चाहते है। तो ऐसे में आप आज से ही नही बल्कि अभी से ही बनिये गोण्डा लाइव न्यूज के एक सशक्त सहयोगी। अपने आस-पास घटित होने वाले किसी भी प्रकार की घटनाक्रम पर रखे पैनी नजर। और उसे झट लिख भेजिए गोण्डा लाइव न्यूज के Email-gondalivenews@gmail.com पर या दूरभाष-8303799009 -पर सम्पर्क करें।

भक्त अंगरा जी

Image SEO Friendly

जिसने ईश्वर कर नाम सिमरन किया है, यदि कोई पुण्य किया है, वह प्रभु भक्त बना ओर ऐसे भक्तों ने सातगुरु जी नानक dev जी का यश गान किया है। अंगरा वेद काल के समय भक्त हुआ है।  इसने सिमरन करके अथर्ववेद को प्रगट किया।  कलयुग ओर अन्य युगों के लिए अंगरा भक्त ने ज्ञान का भंडार दुनिया के आगे प्रस्तुत किया।  इस भक्त का सभी यश करते हैं। इस भक्त विद्वान के पिता का नाम उरु तथा माता का नाम आग्नेय था। 

भक्त अंगरा एक राज्य का राजा था। इसके मन में इस बात ने घर कर लिया कि सभी प्रभु के जीव हैं ओर यदि किसी जीव को दुःख मिला तो इसके लिए राजा ही जिम्मेवार होगा।  राजा को अपनी प्रजा का सदैव ध्यान रखना चाहिए। इन विचारों के कारण अंगरा बच-बच कर सावधानी से राज करता रहा। राज करते हुए उसे कुछ साल बीत गए। 

एक दिन नारद मुनि जी घूमते हुए अंगरा की राजधानी में आए| राजा ने नारद मुनि का अपने राजभवन में बड़ा आदर-सत्कार किया। राजा अंगरा ने विनती की कि मुनिवर! राजभवन छोड़कर वन में जाकर तपस्या क्यों न की जाए? राज की जिम्मेदारी में अनेक बातें ऐसी होती हैं कि कुछ भी अनिष्ट होने से राजा उनके फल का भागीदार होता है। उसने कहा कि मैं ताप करके देव लोक का यश करने का इच्छुक हूं। 

राजा अंगरा के मन की बात सुनकर नारद मुनि ने उपदेश किया – राजन! आपके ये वचन ठीक हैं। आपका मन राज करने से खुश नहीं है। मन समाधि-ध्यान लगाता है| मनुष्य का मन जैसा चाहे वही करना चाहिए। मन के विपरीत जाकर किए कार्य उत्तम नहीं होते। यह दुःख का कारण बन जाते हैं। जाएं! ईश्वर की भक्ति करें। 

देवर्षि नारद के उपदेश को सुनकर अंगरा का मन ओर भी उदास हो गया ।  उसने राज-पाठ त्याग कर अपने भाई को राज सिंघासन पर बैठा दिया तथा प्रजा की आज्ञा लेकर वह वनों में चला गया।  अंगरा ने वन में जाकर कठोर तपस्या की।  भक्ति करने से ऐसा ज्ञान हुआ कि उसके मन में संस्कृत की कविता रचने की उमंग जागी। उसने वेद पर स्मृति की रचना की 17वीं स्मृति आपकी रची गई है। 

अन्त काल आया कहते हैं कि जब प्राण त्यागे तो ईश्वर ने देवताओं को आपके स्वागत के लिए भेजा।  आप भक्ति वाले वरिष्ठ भक्त हुए।  जिनका नाम आज भी सम्मानपूर्वक लिया जाता है। परमात्मा की भक्ति करने वाले सदा अमर हैं। 

No comments:

Post a Comment

कमेन्ट पालिसी
नोट-अपने वास्तविक नाम व सम्बन्धित आर्टिकल से रिलेटेड कमेन्ट ही करे। नाइस,थैक्स,अवेसम जैसे शार्ट कमेन्ट का प्रयोग न करे। कमेन्ट सेक्शन में किसी भी प्रकार का लिंक डालने की कोशिश ना करे। कमेन्ट बॉक्स में किसी भी प्रकार के अभद्र भाषा का प्रयोग न करे । यदि आप कमेन्ट पालिसी के नियमो का प्रयोग नही करेगें तो ऐसे में आपका कमेन्ट स्पैम समझ कर डिलेट कर दिया जायेगा।

अस्वीकरण ( Disclaimer )
गोण्डा न्यूज लाइव एक हिंदी समुदाय है जहाँ आप ऑनलाइन समाचार, विभिन्न लेख, इतिहास, भूगोल, गणित, विज्ञान, हिन्दी साहित्य, सामान्य ज्ञान, ज्ञान विज्ञानं, अविष्कार , धर्म, फिटनेस, नारी ब्यूटी , नारी सेहत ,स्वास्थ्य ,शिक्षा ,18 + ,कृषि ,व्यापार, ब्लॉगटिप्स, सोशल टिप्स, योग, आयुर्वेद, अमर बलिदानी , फूड रेसिपी , वाद्ययंत्र-संगीत आदि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी केवल पाठकगणो की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दिया गया है। ऐसे में हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि आप किसी भी सलाह,उपाय , उपयोग , को आजमाने से पहले एक बार अपने विषय विशेषज्ञ से अवश्य सम्पर्क करे। विभिन्न विषयो से सम्बन्धित ब्लाग/वेबसाइट का एक मात्र उद्देश आपको आपके स्वास्थ्य सहित विभिन्न विषयो के प्रति जागरूक करना और विभिन्न विषयो से जुडी जानकारी उपलब्ध कराना है। आपके विषय विशेषज्ञ को आपके सेहत व् ज्ञान के बारे में बेहतर जानकारी होती है और उनके सलाह का कोई अन्य विकल्प नही। गोण्डा लाइव न्यूज़ किसी भी त्रुटि, चूक या मिथ्या निरूपण के लिए जिम्मेदार नहीं है। आपके द्वारा इस साइट का उपयोग यह दर्शाता है कि आप उपयोग की शर्तों से बंधे होने के लिए सहमत हैं।

”go"