गोण्डा लाइव न्यूज एक प्रोफेशनल वेब मीडिया है। जो समाज में घटित किसी भी घटना-दुघर्टना "✿" समसामायिक घटना"✿" राजनैतिक घटनाक्रम "✿" भ्रष्ट्राचार "✿" सामाजिक समस्या "✿" खोजी खबरे "✿" संपादकीय "✿" ब्लाग "✿" सामाजिक "✿" हास्य "✿" व्यंग "✿" लेख "✿" खेल "✿" मनोरंजन "✿" स्वास्थ्य "✿" शिक्षा एंव किसान जागरूकता सम्बन्धित लेख आदि से सम्बन्धित खबरे ही निःशुल्क प्रकाशित करती है। एवं राजनैतिक , समाजसेवी , निजी खबरे आदि जैसी खबरो का एक निश्चित शुल्क भुगतान के उपरान्त ही खबरो का प्रकाशन किया जाता है। पोर्टल हिंदी क्षेत्र के साथ-साथ विदेशों में हिंदी भाषी क्षेत्रों के लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है और भारत में उत्तर प्रदेश गोण्डा जनपद में स्थित है। पोर्टल का फोकस राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को उठाना है और आम लोगों की आवाज बनना है जो अपने अधिकारों से वंचित हैं। यदि आप अपना नाम पत्रकारिता के क्षेत्र में देश-दुनिया में विश्व स्तर पर ख्याति स्थापित करना चाहते है। अपने अन्दर की छुपी हुई प्रतिभा को उजागर कर एक नई पहचान देना चाहते है। तो ऐसे में आप आज से ही नही बल्कि अभी से ही बनिये गोण्डा लाइव न्यूज के एक सशक्त सहयोगी। अपने आस-पास घटित होने वाले किसी भी प्रकार की घटनाक्रम पर रखे पैनी नजर। और उसे झट लिख भेजिए गोण्डा लाइव न्यूज के Email-gondalivenews@gmail.com पर या दूरभाष-8303799009 -पर सम्पर्क करें।

बकरी और सियार- छत्तीसगढ़ की लोक-कथा

Image SEO Friendly

एक बकरी थी। रोज़ सुबर जंगल चली जाती थी - सारा दिन जंगल में चरती और जैसे ही सूर्य विदा लेते इस धरती से, बकरी जंगल से निकल आती। रात के वक्त उस जंगल में रहना पसन्द नहीं था। रात को वह चैन की नींद सो जाना चाहती थी। जंगल में जंगली जानवर क्या उसे सोने देगें?
जंगल के पास उसने एक छोटा सा घर बनाया हुआ था। घर आकर वह आराम से सो जाती थी।

कुछ महीने बाद उसके चार बच्चे हुए। बच्चों का नाम उसने रखा आले, बाले, छुन्नु और मुन्नु। नन्हें-नन्हें बच्चे बकरी की ओर प्यार भरी निगाहों से देखते और माँ से लिपट कर सो जाते।
बकरी कुछ दिनों तक जंगल नहीं गई। आस-पास उसे जो पौधे दिखते, उसी से भूख मिटाकर घर चली जाती और बच्चों को प्यार करती।

एक दिन उसने देखा कि आसपास और कुछ भी नहीं है। अब तो फिर से जंगल में ही जाना पड़ेगा - क्या करे? एक सियार आस-पास घूमता रहता है। वह तो आले, बाले, छुन्नु और मुन्नु को नहीं छोड़ेगा। कैसे बच्चों की रक्षा करे? बकरी बहुत चिन्तित थी। बहुत सोचकर उसने एक टटिया बनाया और बच्चों से कहा - "आले, बाले, छुन्नु और मुन्नु, ये टटिया न खोलना, जब मैं आऊँ, आवाज़ दूँ, तभी ये टटिया खोलना" - सबने सर हिलाया और कहा - "हम टटिया न खोले, जब तक आप हमसे न बोले"।

बकरी अब निश्चिन्त होकर जंगल चरने के लिए जाने लगी। शाम को वापस आकर आवाज़ देती -

"आले टटिया खोल
बाले टटिया खोल
छुन्नु टटिया खोल
मुन्नु टटिया खोल"

आले, बाले, छुन्नु, मुन्नु दौड़कर दरवाज़ा खोल देते और माँ से लिपट जाते।

वह सियार तो आस-पास घुमता रहता था। उसने एक दिन एक पेड़ के पीछे खड़े होकर सब कुछ सुन लिया। तो ये बात है। बकरी जब बुलाती, तब ही बच्चे टटिया खोलते।

एक दिन बकरी जब जंगल चली गई, सियार ने इधर देखा और उधर देखा, और फिर पहुँच गया बकरी के घर के सामने। और फिर आवाज लगाई -

आले टटिया खोल
बाले टटिया खोल
छुन्नु टटिया खोल
मुन्नु टटिया खोल

आले, बाले, छुन्नु और मुन्नु ने एक दूसरे की ओर देखा -

"इतनी जल्दी आज माँ लौट आई" - चारों बड़ी खुशी-खुसी टटिया के पास आये और टटिया खोल दिये।

सियार को देखकर बच्चों की खुशी गायब हो गई। चारों उछल-उछल कर घर के और भीतर जाने लगे। सियार कूद कर उनके बीच आ गया और एक-एक करके पकड़ने लगा।

आले, बाले, छुन्नु, मुन्नु रोते रहे, मिमियाते रहे पर सियार ने चारों को खा लिया।

शाम होते ही बकरी भागी-भागी अपने घर पहुँची - उसने दूर से ही देखा कि टटिया खुली है। डर के मारे उसके पैर नहीं चल रहे थे। वह बच्चों को बुलाती हुई आगे बढ़ी - आले, बाले, छुन्नु, मुन्नु। पर ना आले आया ना बाले, न छुन्नु न मुन्नु।

बकरी घर के भीतर जाकर कुछ देर खूब रोई। उसके बाद वह उछलकर खड़ी हो गई। ध्यान से दखने लगी ज़मीन की ओर। ये तो सियार के पैरों के निशान हैं। तो सियार आया था। उसके पेट में मेरे आले, बाले, छुन्नु, मुन्नु हैं।

बकरी उसी वक्त बढ़ई के पास गई और बढ़ई से कहा - "मेरे सींग को पैना कर दो" -

"क्या बात है? किसको मारने के लिए सींग को पैने कर रहे हो" -

बकरी ने जब पूरी बात बताई, बढ़ई ने कहा - "तुम सियार से कैसे लड़ाई करोगी? सियार तुम्हें मार डालेगा। वह बहुत बलवान है" -

बकरी ने कहा, "तुम मेरे सींग को अच्छी तरह अगर पैने कर दोगे, मैं सियार को हरा दूँगी" -
बढ़ई ने बहुत अच्छे से बकरी के सींग पैने कर दिए।
बकरी अब एक तेली के पास पहुँची। तेली से बकरी ने कहा - "मेरे सीगों पर तेल लगा दो और उसे चिकना कर दो" -
तेली ने बकरी के सीगों को चिकना करते करते पूछा - "अपने सीगों को आज इतना चिकना क्यों कर रहे हो?"
बकरी ने जब पूरी कहानी सुनाई, तेली ने और तेल लगाकर उसके सीगों को और भी चिकना कर दिया।

अब बकरी तैयार थी। वह उसी वक्त चल पड़ी जंगल की ओर। जंगल में जाकर सियार को ढ़ूढ़ने लगी। कहाँ गया है सियार? जल्दी उसे ढ़ूड निकालना है। आले, बाले, छुन्नु, मुन्नु उसके पेट में बंद हैं। अंधेरे में न जाने नन्हें बच्चों को कितनी तकलीफ हो रही होगी।
बकरी दौड़ने लगी - पूरे जंगल में छान-बीन करने लगी।
बहुत ढूँढ़ने के बाद बकरी पहुँच गई सियार के पास। सियार का पेट इतना मोटा हो गया था, आले, बाले, छुन्नु, मुन्नु जो उसके भीतर थे।
बकरी ने कहा - "मेरे बच्चों को लौटा दो", सियार ने कहा - "तेरे बच्चों को मैनें खा लिया है अब मैं तुझे खाऊँगा"।
बकरी ने कहा - मेरे सींगो को देखो। कितना चिकना है "तुम्हारा पेट फट जायेगा - जल्दी से बच्चे वापस करो"।
सियार ने कहा - "तू यहाँ मरने के लिये आई है"।
बकरी को बहुत गुस्सा आया। वह आगे बहुत तेजी से बढ़ी और सियार के पेट में अपने सींग घोंप दिए।
जैसे ही सियार का पेट फट गया, आले, बाले, छुन्नु, मुन्नु पेट से निकल आये। बकरी खुशी से अब चारों को लेकर घर लौट कर आई।
तब से आले, बाले, छुन्नु, मुन्नु टटिया तब तक नहीं खोलते जब तक बकरी दो बार तो कभी तीन बार दरवाजा खोलने के लिए न कहती।
रोज सुबह जाने से पहले बकरी उन चारों से फुसफुसाकर कहकर जाती कि वह कितने बार टटिया खोलने के लिए कहेगी।

No comments:

Post a Comment

कमेन्ट पालिसी
नोट-अपने वास्तविक नाम व सम्बन्धित आर्टिकल से रिलेटेड कमेन्ट ही करे। नाइस,थैक्स,अवेसम जैसे शार्ट कमेन्ट का प्रयोग न करे। कमेन्ट सेक्शन में किसी भी प्रकार का लिंक डालने की कोशिश ना करे। कमेन्ट बॉक्स में किसी भी प्रकार के अभद्र भाषा का प्रयोग न करे । यदि आप कमेन्ट पालिसी के नियमो का प्रयोग नही करेगें तो ऐसे में आपका कमेन्ट स्पैम समझ कर डिलेट कर दिया जायेगा।

अस्वीकरण ( Disclaimer )
गोण्डा न्यूज लाइव एक हिंदी समुदाय है जहाँ आप ऑनलाइन समाचार, विभिन्न लेख, इतिहास, भूगोल, गणित, विज्ञान, हिन्दी साहित्य, सामान्य ज्ञान, ज्ञान विज्ञानं, अविष्कार , धर्म, फिटनेस, नारी ब्यूटी , नारी सेहत ,स्वास्थ्य ,शिक्षा ,18 + ,कृषि ,व्यापार, ब्लॉगटिप्स, सोशल टिप्स, योग, आयुर्वेद, अमर बलिदानी , फूड रेसिपी , वाद्ययंत्र-संगीत आदि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी केवल पाठकगणो की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दिया गया है। ऐसे में हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि आप किसी भी सलाह,उपाय , उपयोग , को आजमाने से पहले एक बार अपने विषय विशेषज्ञ से अवश्य सम्पर्क करे। विभिन्न विषयो से सम्बन्धित ब्लाग/वेबसाइट का एक मात्र उद्देश आपको आपके स्वास्थ्य सहित विभिन्न विषयो के प्रति जागरूक करना और विभिन्न विषयो से जुडी जानकारी उपलब्ध कराना है। आपके विषय विशेषज्ञ को आपके सेहत व् ज्ञान के बारे में बेहतर जानकारी होती है और उनके सलाह का कोई अन्य विकल्प नही। गोण्डा लाइव न्यूज़ किसी भी त्रुटि, चूक या मिथ्या निरूपण के लिए जिम्मेदार नहीं है। आपके द्वारा इस साइट का उपयोग यह दर्शाता है कि आप उपयोग की शर्तों से बंधे होने के लिए सहमत हैं।

”go"