गोण्डा लाइव न्यूज एक प्रोफेशनल वेब मीडिया है। जो समाज में घटित किसी भी घटना-दुघर्टना "✿" समसामायिक घटना"✿" राजनैतिक घटनाक्रम "✿" भ्रष्ट्राचार "✿" सामाजिक समस्या "✿" खोजी खबरे "✿" संपादकीय "✿" ब्लाग "✿" सामाजिक "✿" हास्य "✿" व्यंग "✿" लेख "✿" खेल "✿" मनोरंजन "✿" स्वास्थ्य "✿" शिक्षा एंव किसान जागरूकता सम्बन्धित लेख आदि से सम्बन्धित खबरे ही निःशुल्क प्रकाशित करती है। एवं राजनैतिक , समाजसेवी , निजी खबरे आदि जैसी खबरो का एक निश्चित शुल्क भुगतान के उपरान्त ही खबरो का प्रकाशन किया जाता है। पोर्टल हिंदी क्षेत्र के साथ-साथ विदेशों में हिंदी भाषी क्षेत्रों के लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है और भारत में उत्तर प्रदेश गोण्डा जनपद में स्थित है। पोर्टल का फोकस राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को उठाना है और आम लोगों की आवाज बनना है जो अपने अधिकारों से वंचित हैं। यदि आप अपना नाम पत्रकारिता के क्षेत्र में देश-दुनिया में विश्व स्तर पर ख्याति स्थापित करना चाहते है। अपने अन्दर की छुपी हुई प्रतिभा को उजागर कर एक नई पहचान देना चाहते है। तो ऐसे में आप आज से ही नही बल्कि अभी से ही बनिये गोण्डा लाइव न्यूज के एक सशक्त सहयोगी। अपने आस-पास घटित होने वाले किसी भी प्रकार की घटनाक्रम पर रखे पैनी नजर। और उसे झट लिख भेजिए गोण्डा लाइव न्यूज के Email-gondalivenews@gmail.com पर या दूरभाष-8303799009 -पर सम्पर्क करें।

लालच बुरी बला - असमिया लोक-कथा

Image SEO Friendly

आसाम के एक गाँव में तोराली नाम की लड़की रहती थी। गोरा रंग, माथे पर लाल बिंदिया व हाथों में चाँदी की चूडियाँ खनकाती तोराली सबको प्रिय थी। बिहुतली रंगमंच पर उसका नृत्य देखकर लोग दाँतों तले उँगली दबा लेते।

एक दिन उसके पिता के पास अनंत फुकन आया। वह उसी गाँव में रहता था। उसने तोराली के पिता से कहा, 'मैं आपकी लड़की से विवाह करना चाहता हूँ।'

फुकन के पास धन-दौलत की कमी न थी। तोराली के पिता ने तुरंत हामी भर दी।

सुबाग धान (मंगल धान) कूटा जाने लगा। तोराली, अनंत की पत्नी बन गई। कुछ समय तो सुखपूर्वक बीता किंतु धीरे-धीरे अनंत को व्यवसाय में घाटा होने लगा। देखते ही देखते फुकन के घर में गरीबी छा गई।

तोराली को भी रोजी-रोटी की तलाश में घर से बाहर निकलना पड़ता था। इस बीच उसने पाँच बेटों को जन्म दिया। एक दिन पेड़ के नीचे दबने से फुकन की आँखें जाती रहीं। तोराली को पाँचों बेटों से बहुत उम्मीद थी। वह दिन-रात मेहनत-मजदूरी करती। गाँववालों के धान कूटती ताकि सबका पेट भर सके।

तोराली भगवान से प्रार्थना करती कि उसके बेटे योग्य बनें किंतु पाँचों बेटे बहुत अधिक आलसी थे।

उन्हें केवल अपना पेट भरना आता था। माता-पिता के कष्टों से उनका कोई लेना-देना नहीं था।

तोराली ने मंदिर में ईश्वर से प्रार्थना की कि उसे एक मेहनती व समझदार पुत्र पैदा हो। परंतु उसने बालक की जगह एक साँप को जन्म दिया। जन्म लेते ही साँप जंगल में चला गया। तोराली अपनी फूटी किस्मत पर रोती रही।
तोराली के पाँचों बेटे उसे ताना देते-
'तुम माँ हो या नागिन, एक साँप को जन्म दिया।'

फुकन के समझाने पर भी लड़कों के स्वभाव में कोई अंतर नहीं आया। कोई-कोई दिन ऐसा भी आता जब घर में खाने को कुछ न होता। पाँचों बेटे तो माँग-मूँगकर खा आते। फुकन और तोराली अपने छठे साँप बेटे को याद करके रोते।

एक रात तोराली को सपने में वही साँप दिखाई दिया। उसने कहा, 'माँ, मेरी पूँछ सोने की है। मैं रोज घर आऊँगा। तुम मेरी पूँछ से एक इंच हिस्सा काट लिया करना। सोने को बेचकर घर का खर्च आराम से चलेगा।'

तोराली ने मुँह पर हाथ रखकर कहा, 'ना बेटा, अगर मैं तुम्हारी पूँछ काटूँगी तो तुम्हें पीड़ा होगी।'

“नहीं माँ, मुझे कोई दर्द नहीं होगा।' साँप ने आश्वासन दिया और लौट गया।

वही सपना तोराली को सात रातों तक आता रहा। आठवें दिन सचमुच साँप आ पहुँचा। तोराली ने कमरा भीतर से बंद कर लिया। डरते-डरते उसने चाकू से पूँछ पर वार किया। सचमुच उसके हाथ में सोने का टुकड़ा आ गया। साँप की पूँछ पर कोई घाव भी नहीं हुआ। माँ से दूध भरा कटोरा पीकर साँप लौट गया।

तोराली ने वह सोना बेचा और घर का जरूरी सामान ले आई। शाम को खाने में पीठा व लड्डू देखकर लड़के चौंके। तोराली ने झूठ बोल दिया कि उनके नाना ने पैसा दिया था।

इसी तरह साँप आता रहा और तोराली घर चलाती रही। उसका झूठ ज्यादा दिन चल नहीं सका। बेटों ने जोर डाला तो तोराली को पैसों का राज बताना ही पड़ा। बड़ा लड़का दुत्कारते हुए बोला, 'मूर्ख माँ, यदि हमारे साँप-भाई की पूरी पूँछ सोने की है तो ज्यादा सोना क्‍यों नहीं काटती?'

छोटा बोला, 'हाँ, इस तरह तो हम कभी अमीर नहीं होंगे। रोज थोड़े-थोड़े सोने से तो घरखर्च ही पूरा पड़ता है।'

तोराली और फुकन चुपचाप बेटों की बातें सुनते रहे। बेटों ने माँ पर दबाव डाला कि वह कम-से-कम तीन इंच सोना अवश्य काटे ताकि बचा हुआ सोना उनके काम आ सके।

तोराली के मना करने पर उन्होंने उसकी जमकर पिटाई की। बेचारा अंधा फुकन चिल्लाता ही रहा। रोते-रोते तोराली ने मान लिया कि वह अगली बार ज्यादा सोना काटेगी। अगले दिन साँप बेटे ने दरवाजे पर हमेशा की तरह आवाज लगाई-

दरवाजा खोलो, मैं हूँ आया
तुम्हारे लिए सोना हूँ लाया
क्या तुमने खाना, भरपेट खाया?

सदा की तरह तोराली ने भीतर से ही उत्तर दिया-

मेरा बेटा जग से न्यारा
माँ के दुख, समझने वाला
क्या हुआ गर इसका है रंग काला

साँप भीतर आया, तोराली ने उसे एक कटोरा दूध पिलाया, बेटों की मार से उसका अंग-अंग दुख रहा था। उसने नजर दौड़ाई, पाँचों बेटे दरारों से भीतर झाँक-झाँककर उसे जल्दी करने को कह रहे थे।

तोराली ने चाकू लिया और पूँछ का तीन इंच लंबा टुकड़ा काट दिया। अचानक चाकू लगते ही पूँछ से खून की धार बह निकली। साँप बेटा तड़पने लगा और कुछ ही देर में दम तोड़ दिया। तोराली, बेटे की मौत का गम मनाती रही और बेटों को अपने लालच का फल मिल गया।
हाँ, वह तीन इंच टुकड़ा भी तीन घंटे बाद माँस का टुकड़ा बन गया।

No comments:

Post a Comment

कमेन्ट पालिसी
नोट-अपने वास्तविक नाम व सम्बन्धित आर्टिकल से रिलेटेड कमेन्ट ही करे। नाइस,थैक्स,अवेसम जैसे शार्ट कमेन्ट का प्रयोग न करे। कमेन्ट सेक्शन में किसी भी प्रकार का लिंक डालने की कोशिश ना करे। कमेन्ट बॉक्स में किसी भी प्रकार के अभद्र भाषा का प्रयोग न करे । यदि आप कमेन्ट पालिसी के नियमो का प्रयोग नही करेगें तो ऐसे में आपका कमेन्ट स्पैम समझ कर डिलेट कर दिया जायेगा।

अस्वीकरण ( Disclaimer )
गोण्डा न्यूज लाइव एक हिंदी समुदाय है जहाँ आप ऑनलाइन समाचार, विभिन्न लेख, इतिहास, भूगोल, गणित, विज्ञान, हिन्दी साहित्य, सामान्य ज्ञान, ज्ञान विज्ञानं, अविष्कार , धर्म, फिटनेस, नारी ब्यूटी , नारी सेहत ,स्वास्थ्य ,शिक्षा ,18 + ,कृषि ,व्यापार, ब्लॉगटिप्स, सोशल टिप्स, योग, आयुर्वेद, अमर बलिदानी , फूड रेसिपी , वाद्ययंत्र-संगीत आदि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी केवल पाठकगणो की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दिया गया है। ऐसे में हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि आप किसी भी सलाह,उपाय , उपयोग , को आजमाने से पहले एक बार अपने विषय विशेषज्ञ से अवश्य सम्पर्क करे। विभिन्न विषयो से सम्बन्धित ब्लाग/वेबसाइट का एक मात्र उद्देश आपको आपके स्वास्थ्य सहित विभिन्न विषयो के प्रति जागरूक करना और विभिन्न विषयो से जुडी जानकारी उपलब्ध कराना है। आपके विषय विशेषज्ञ को आपके सेहत व् ज्ञान के बारे में बेहतर जानकारी होती है और उनके सलाह का कोई अन्य विकल्प नही। गोण्डा लाइव न्यूज़ किसी भी त्रुटि, चूक या मिथ्या निरूपण के लिए जिम्मेदार नहीं है। आपके द्वारा इस साइट का उपयोग यह दर्शाता है कि आप उपयोग की शर्तों से बंधे होने के लिए सहमत हैं।

”go"