आयुर्वेद स्वयं में ही एक बहुत व्याप्त ग्रन्थ है जिसमें लाखों जड़ी-बूटियां और कई रोगों की औषधि शामिल है। आयुर्वेद में ऐसा कोई रोग नहीं है जिसका इलाज संभव न हो लेकिन इसमें परहेज करना अनिवार्य होता है जैसे खट्टे से परहेज, चाय से परहेज इत्यादि। यह परहेज बीमारी और उसके इलाज पर निर्भर करता है कि परहेज किस प्रकार का होगा। यहाँ हम कुछ आयुर्वेदिक औषधि के नाम एवं उन आयुर्वेदिक औषधि के फायदे के बारे में जानेंगे। वैसे तो आयुर्वेदिक यह जड़ी-बूटी बहुत ही आसानी से उपलब्ध हो जाती है लेकिन कुछ दुर्लभ भी होती हैं।
चर्म रोगों के लिए:
चर्म रोगों के लिए उपयोगी आयुर्वेदिक औषधि के नाम इस प्रकार हैं नीम, तुलसी, नीबू, एलोवेरा, चन्दन, हल्दी इत्यादि। त्वचा संबंधी सारे रोग इनसे नष्ट हो जाते हैं। इनके नियमित प्रयोग से किसी प्रकार का चर्म रोग नहीं होता और अगर पहले से कोई चर्म रोग है तो वह नष्ट हो जाता है। इसमें से सबसे उपयोगी है नीम। नीम के पानी से रोज स्नान करने से बहुत फायदा होता है और ऐसे ही नहाने के पानी में गुलाबजल और हल्दी मिलाकर नहाने से हर प्रकार का चर्म रोग समाप्त हो जाता है।
चोट के लिए:
किसी प्रकार का जख्म या चोट लगने पर एलोवेरा, हल्दी, नमक और प्याज बहुत असरकारी होते हैं। ऐसी चोट जिसमें से रक्त बहाव हो उसमें आमी हल्दी का लेप लगाने से चोट और रक्त बहाव रोकने में सहायता मिलती है। अंदरूनी चोट के लिए एलोवेरा लें, उसकी उपरी परत निकाल लें इसके बाद एलोवेरा को उलटी तरफ (जेल के विपरीत तरफ) से गुनगुने कर लें और जेल वाली तरफ हल्दी छिड़क दें। इस गुनगुने हुए एलोवेरा को चोट वाली जगह लगाये और कपडे से बांध दें। इससे दर्द में बहुत रहत मिलती है।
जोड़ों के दर्द के लिए:
अरंडी, सरसों एवं अजवाइन, काले तिल का तेल जोड़ों के दर्द के लिए बहुत लाभदायक होते हैं। सरसों के तेल के साथ अजवाइन डालकर गरम करें और इस तेल से जोड़ों पर हलके हाथ से मालिश करें। इससे दर्द में बहुत राहत मिलती है। काले तिल के तेल को गुनगुना करके जोड़ों पर लगाने से जोड़ों का दर्द नष्ट हो जाता है। इस तरह की कई आयुर्वेदिक औषधि के नाम है जो जोड़ों के दर्द में आराम देती है, जैसे कपूर का तेल, अरंडी के पत्तों की सिकाई इत्यादि।
ऐसी ही कई आयुर्वेदिक औषधि के नाम और आयुर्वेदिक औषधि के फायदे हैं जो अतुल्य हैं। आयुर्वेद सबसे उम्दा चिकित्सा प्रणाली है जो देश विदेश तक फैली हुई है।
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