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राजकुमारी और मटर का दाना: डेनमार्क की लोक-कथा

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एक समय की बात है एक राजकुमार था जो शादी करना चाहता था । उसके लिए चाहिए थी एक राजकुमारी । उसकी परियों ने उसे बहुत ही प्यार से पाला था । इसलिए उसकी यह प्रतिज्ञा और आग्रह था कि उसकी होने वाली पत्नी भी उसके लिए सही मायने में राजकुमारी हो।

लेकिन उसके राज्य में ऐसी कोई भी राजकुमारी नहीं थी जो सही मायने में उसके लिए राजकुमारी बन सके । इसलिए राजकुमार अपनी पत्नी की तलाश में सारी दुनिया घूमने लगा । जो कोई भी राजकुमारी मिलती उसमें कोई न कोई खामी होती थी। किसी की नाक ऊंची थी तो किसी का कद छोटा था किसी की चाल में खोट था। तो किसी की आवाज में खोट था। इतनी तलाश के बावजूद भी ऐसी कोई भी । राजकुमारी नहीं मिली जो वह अपनी पत्नी बना सके वह निराश होकर अपनी राज्य लौट आया। उसने सोचा कि शायद उसके जीवन में पत्नी का सुख है ही नहीं।

एक दिन जब वह अपने महल वापस लौटे तो जोर की बारिश होने लगी। आसमान में काले बादल छा गए। और कड़कती बिजली की आवाज ने महल की दीवारों को हिला कर रख दिया । महल के पास सभी लोग इकट्ठा होकर आग जलाकर कुदरत के कहर को देखने लगे। तभी महल की मुख्य द्वार पर किसी की गेट खटखटाने की आवाज आई ।

राजकुमार के पिता ने यानी महाराज ने जब दरवाजा खोला। तो बाहर एक बहुत ही सुंदर राजकुमारी खड़ी हुई थी। उसके लंबे सुनहरे घने बाल बारिश में भीग रहे थे । और उसके रेशम के जूतों से पानी टपक रहा था । उसने कहा कि वह एक राजकुमारी है। उसने कहा कि वह नजदीकी राज्य से अपने राज्य वापस लौट रहे थे । उसकी ऐसी अवस्था को देखकर महाराज को विश्वास नहीं हुआ कि वह एक राजकुमारी है।

महाराज ने सोचा कि क्या वह सच बोल रही है । महाराज उन्हें भीतर ले आया । और सभी से परिचय करवाया महारानी ने कहा । तुम्हारी ऐसी दशा पर भरोसा करना मुश्किल है । मैंने कभी इतनी अस्त-व्यस्त राजकुमारी नहीं देखी ।

चतुर रानी को दाल में कुछ काला नजर आया क्योंकि उन्हें महल की सुरक्षा जो करनी थी । महारानी ने असलियत जानने के लिए एक युक्ति की । उन्होंने घर से एक सूखा मटर का दाना लिया। और मेहमान कक्ष के भीतर उनके बिस्तर के बीचो बीच रख दिया । और फिर उस मटर के ऊपर अच्छे से अच्छे मुलायम गद्दे रख दिए।

इतने आकर्षक मुलायम गद्दे किसी ने नहीं देखे होंगे । इन गद्दों से राजकुमारी की पसंद का अंदाजा लगाया जा सकता था। पहला गद्दा गहरा मुलायम रंग का। दूसरा बैंगनी रंग का। जो अच्छे धागों से बना हुआ था। तीसरा सफेद रंग का पट्टे वाले गद्दे। स्प्रिंग वाले गद्दे । जरी वाले गद्दे बहुत ही अच्छे और मुलायम गद्दे। और सोने की धागों से बनी हुई गद्दे।

जिसके ऊपर अच्छे-अच्छे चित्र बने हुए थे ।डिजाइन बने हुए थे । मटर के दाने के ऊपर यह सारे मुलायम गद्दे रखने के बाद राजकुमारी को उस पर सुलाया गया । मटर के दाने के ऊपर इतने सारे गद्दे रखने की फिजूल की मेहनत के बाद महारानी बोली । -अब चलें चेक करते हैं कि वह राजकुमारी है या नहीं ।

इतने सारे गद्दों के ऊपर सोने के बाद राजकुमारी सुबह जब नाश्ता करने आई। तो खुद को अस्वस्थ महसूस कर रही थी । महारानी ने राजकुमारी से पूछा क्या अच्छी नींद आई। तो राजकुमारी ने जवाब दिया । नहीं मैं नहीं सो पाई मुझे बिस्तर पर कुछ चुभ रहा था । जो पत्थर से भी ज्यादा सख्त था मुझे लगता है । वह टोपियों में लगाने वाला कोई लोहे का गोला ही था । जो मेरे पूरे शरीर पर घाव के निशान पड़ गए हैं। सभी घर के सदस्य हंसने लगे थे।

क्योंकि वह राजकुमारी असली राजकुमारी थी । और यह सबको पता चल चुका था। क्योंकि इतनी मुलायम और कोमल त्वचा किसी राजकुमारी की ही हो सकती थी । और फिर राजकुमार ने उसके साथ राजकुमारी शादी कर ली । और फिर मटर के दाने को बिस्तर से निकालकर राज्य के संग्रहालय में रख दिया गया । जहां वह मटर आज भी महफूज है।

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