अच्छी सेहत और रोगों को दूर रखने के लिए पोषक तत्वों से युक्त आहार को प्राथमिकता देना जरूरी है। ऐसे में उचित आहार का चुनाव करना हमारे लिए जरूरी होता है। यही नियम मक्खन पर भी लागू होता है। अब आप सोचेंगे कि मक्खन कैसे सेहत के लिए लाभदायक हो सकता है। इसमें तो जरूरत से ज्यादा फैट होता है, लेकिन तब भी हम यही कहेंगे कि कुछ मामलों में मक्खन सेहत के लिए फायदेमंद है। अब सेहत के लिहाज से कौन-सा मक्खन खाना चाहिए और कौन सा नहीं, यह आपको लेख में आगे जानने को मिलेगा। इस आर्टिकल में हम मक्खन के फायदे, मक्खन के नुकसान और मक्खन का उपयोग कैसे करें, इस बारे में विस्तार से बताएंगे।
मक्खन क्या है? –
मक्खन एक तरह का डेयरी उत्पाद है। इसे दही, लस्सी, मलाई व दूध को मथकर निकाला जाता है। मक्खन को दधिज या माखन के नाम से भी जाना जाता है। मक्खन कई प्रकार के होते हैं, जिनमें दूध से बना बटर, पीनट बटर व कोको बटर मुख्य है। मक्खन में ऊर्जा, वसा और प्रोटीन जैसे मुख्य पोषक तत्व होते हैं। मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड फैट वाला बटर का सेवन बेहतर होता है। ध्यान रहे कि इतने गुणों के बाद भी इसे कम मात्रा में सेवन करना ही उचित होगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि अगर हाई सैचुरेटेड फैट और ट्रांस फैट वाले बटर का सेवन कर रहे हैं, तो हृदय रोग की समस्या बढ़ सकती है । इस आर्टिकल में आगे हम बटर का उपयोग करने के विभिन्न तरीकों व फायदों के बारे में विस्तार से बताएंगे।
मक्खन (बटर) के फायदे –
स्वास्थ्य के लिहाज से मक्खन के कई फायदे हैं, जिनके बारे में हम यहां बता रहे हैं। साथ ही हम स्पष्ट कर दें कि इसे दवा या किसी मेडिकल ट्रीटमेंट का विकल्प न समझा जाए। यह घरेलू नुस्खे की तरह सिर्फ स्वस्थ्य रहने में मदद कर सकता है। वहीं, अगर कोई बीमार है, तो उसे डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करना चाहिए।
1. हृदय को स्वस्थ रखने के लिए
हृदय को स्वस्थ रखने की बात करें, तो इस मामले में पीनट बटर सबसे बेहतर है, क्योंकि इसमें मोनोअनसैचुरेटेड फैट पाए जाता हैं, जिसे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जा सकता है। मोनोअनसैचुरेटेड फैट, कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करने में मदद कर सकता है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होने पर हृदय रोग से बचना आसान हो जाता है। वहीं, आम बटर में सैचुरेटेड फैट की मात्रा ज्यादा पाई जाती है। इसलिए, ऐसा माना जा सकता है कि मक्खन के फायदे स्वस्थ हृदय के लिए हो सकते हैं।
2. पेट व वजन को कम करे
पेट को बढ़ाने से रोकने में मक्खन का सेवन मददगार हो सकता है। दरअसल, कम फैट वाले आहार का सेवन करने पर बढ़ते मोटापा से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके अलावा, कंजुगेटेड लिनोलिक एसिड (CLA) युक्त खाद्य पदार्थ के सेवन से भी वजन को जरूरत से ज्यादा बढ़ने से रोका जा सकता है । इसमें पेट का बढ़ना भी शामिल है। वहीं मक्खन में यह गुण पाया जाता है। फिलहाल, इस संबंध में और शोध किए जाने की जरूरत है ।
3. प्रतिरक्षा को मजबूत करने में मददगार
द नेशनल एकेडमी प्रेस के मुताबिक, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण शरीर में संक्रमण और कई अन्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। वहीं, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए विटामिन-ए मददगार हो सकता है। जिन खाद्य आहार में विटामिन-ए पाए जाते हैं, उनमें मक्खन भी शामिल है । इसलिए, मक्खन को इम्यून सिस्टम के लिए लाभकारी कहा जा सकता है, लेकिन इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि मक्खन कम फैट वाला होना चाहिए। अभी इस संबंध में और शोध किए जाने की जरूरत है।
4. एंटी कैंसर की तरह
बटर के फायदे कैंसर जैसी जानलेवा समस्या को दूर रखने के लिए हो सकते हैं। पीनट में आइसोफ्लेवोन्स, फाइटोस्टेरोल, रेसवेराट्रोल और फेनोलिक एसिड पाए जाते है, जो एक तरह कि एंटी कैंसर की तरह काम करता है। चुकी पीनट बटर, पीनट से बनाए जाते हैं। जो कैंसर की समस्या को दूर रखने के साथ साथ इसके लक्षण से भी राहत दिलाने का काम कर सकता है। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि पीनट बटर को एंटी-कैंसर की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है ।
5. इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम का इलाज
इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम पेट से जुड़ी समस्या है। इसमें कब्ज, एसिडिटी, बदहजमी व डायरिया आदि समस्याएं हो सकती हैं । इस समस्या से बचने के लिए सीमित मात्रा में बटर का सेवन किया जा सकता है। बटर में ब्यूटायरेट नामक कंपाउंड पाया जाता है, जो शॉट चेन फैटी एसिड का एक प्रकार है । पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के मामले में ब्यूटायरेट पर भरोसा किया जा सकता है। ब्यूटायरेट आंतों में सूजन को होने से रोक सकता है। साथ ही तरल पदार्थ व इलेक्ट्रोलाइट के स्तर को संतुलित बनाए रखने में मदद कर सकता है । इस प्रकार कहा जाता सकता है कि मक्खन के फायदे में इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम से बचना भी शामिल है।
मक्खन का उपयोग –
मक्खन को कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है, जिनमें से सबसे आम तरीकों के बारे में हम यहां बता रहे हैं।
कैसे खाएं:
- ब्राउन ब्रेड पर मक्खन (बटर) को लगाकर खाया जा सकता है।
- रोटी या पराठे के साथ भी मक्खन को खाया जा सकता है।
- कुछ मक्खन ऐसे होते हैं, जिनसे सब्जी बनाकर भी खाया जा सकता है।
- कई आहार में बटर को ऊपर से गार्निश किया जा सकता है।
- बटर को आमलेट बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
कब खाएं:
- सुबह ब्रेड के साथ खाया जा सकता है।
- दोपहर या रात की सब्जी तैयार करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
- शाम के नाश्ता में आमलेट के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं।
कितना खाएं:
प्रतिदिन एक चम्मच या 14 g मक्खन खाना स्वास्थ्य के लिहाज से फायदेमंद हो सकता है । फिर भी इसके सेवन से पहले आहार विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। वह आपके स्वास्थ्य के अनुसार इसकी उचित मात्रा का सही जानकारी देंगे।
मक्खन के नुकसान –
- जिस तरह बटर के फायदे हैं, उसी तरह हाई सैचुरेटेड फैट वाले मक्खन के सेवन से नुकसान भी हो सकते हैं , जो इस तरह से हैं:
- मक्खन में सैचुरेटेड फैट की मात्रा अधिक होती है। इसके अधिक मात्रा में सेवन से कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का जोखिम हो सकता है ।
- मक्खन के सेवन से कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने पर हृदय रोग की समस्या भी हो सकती है ।
- मक्खन में वसा की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इसलिए, इसके अधिक मात्रा में सेवन करने पर मोटापा बढ़ सकता है।
इस आर्टिकल को पढ़कर यह तो समझ आ ही गया होगा कि मक्खन कितने प्रकार के होते हैं। साथ ही किस तरह के बटर का सेवन उचित होगा। आप मक्खन जरूर खाएं, लेकिन कम फैट वाला और सीमित मात्रा में। साथ ही ध्यान रहे मक्खन किसी भी बीमारी का उपचार नहीं है। इन गंभीर बीमारी की अवस्था में मेडिकल ट्रीटमेंट से बेहतर कुछ नहीं है।
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