शरीर को पर्याप्त पोषण देने के लिए ड्राई फ्रूट्स का सेवन अच्छा विकल्प हो सकता है। ऐसे में अन्य ड्राई फ्रूट्स के साथ काली किशमिश को भी दैनिक आहार में शामिल किया जा सकता है। माना जाता है कि इसमें कई ऐसे जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए औषधि के रूप में काम कर सकते हैं। इस लेख में जानते हैं स्वास्थ्य के लिए काली किशमिश खाने के फायदे और काली किशमिश का उपयोग। इसके अलावा, लेख में काली किशमिश के नुकसान के विषय में भी जानकारी दी गई है। काली किशमिश सेहत को ठीक रखने में सहायता करने के साथ-साथ विभिन्न बीमारी के लक्षणों को कम करने में भी मदद कर सकती है।
काली किशमिश के फायदे –
बेशक, किशमिश के कई रंग और आकार होते हैं, लेकिन सभी किशमिश को अंगूर से ही बनाया जाता है। कुछ को हरे अंगूर से, तो कुछ को काले अंगूर से। अंगूरों की तरह विभिन्न तरह की किशकिश में भी लगभग एक जैसी ही पोषक तत्व पाए जाते हैं। अब ये पोषक तत्व किस प्रकार फायदा पहुंचाते हैं, यहां विस्तार से जानते हैं।
रक्तचाप को नियंत्रित रखने के लिए
एक शोध से पता चलता है कि काली किशमिश खाने के फायदे रक्तचाप को संतुलित बनाए रखने का काम कर सकते हैं। इस शोध के मुताबिक, काली किशमिश पोटैशियम का अच्छा स्रोत होती है, जो रक्तचाप को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। शोध में यह भी जिक्र मिलता है कि पोटैशियम रक्तचाप को नियंत्रित कर शरीर में सोडियम के नकारात्मक प्रभाव को कम करने में भी मदद कर सकता है ।
एनीमिया के लिए
एनीमिया को साधारण शब्दों में खून की कमी कहते हैं। यह समस्या तब उत्पन्न होती है, जब शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी हो जाती है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिसमें सबसे मुख्य शरीर में आयरन की कमी को माना जाता है। ऐसे में आयरन की पूर्ति के लिए जिन खाद्य पदार्थ का जिक्र किया जाता है, उनमें किशमिश भी शामिल है । इसलिए, माना जा सकता है कि काली किशमिश के फायदे एनीमिया की समस्या में कुछ हद तक लाभदायक साबित हो सकते हैं।
नुकसानदायक कोलेस्ट्रॉल से राहत
काली किशमिश का उपयोग कर खराब कोलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है। इससे जुड़ा एक शोध एनसीबीआई की वेबसाइट पर पर उपलब्ध है। शोध के अनुसार, काली किशमिश का सेवन एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) के साथ ट्राइग्लिसराइड (ब्लड में मौजूद एक प्रकार का फैट) को कम करने में सहायक हो सकता है । इस आधार पर कहा जा सकता है कि काली किशमिश हानिकारक कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकती है।
ऑस्टियोपोरोसिस
ऑस्टियोपोरोसिस ऐसी समस्या है, जिसके कारण हड्डियां पतली और कमजोर हो जाती हैं। ऐसी हड्डियों के जल्द फ्रैक्चर होने का जोखिम रहता है । एनसीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, हड्डियों की मजबूती के लिए मैग्नीशियम फायदेमंद हो सकता है। शोध में शामिल एक परीक्षण में जब ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित एक महिला को प्रतिदिन 250 mg मैग्नीशियम दिया गया, तो उस महिला की हड्डियों में बोन मिनरल डेंसिटी का स्तर बढ़ा हुआ देखा गया। इस शोध के अनुसार जिन खाद्य पदार्थों में मैग्नीशियम की समृद्ध मात्रा पाई जाती है, उनमें काली किशमिश भी शामिल है। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि काली किशमिश खाने के फायदे ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव और उसके प्रभाव को कुछ हद तक कम करने में देखे जा सकते हैं।
त्वचा के लिए
त्वचा के लिए भी काली किशमिश के लाभ देखे जा सकते हैं। दरअसल, किशमिश में एंटीबैक्टीरियल प्रभाव पाए जाते हैं, जो त्वचा से जुड़े कई बैक्टीरियल संक्रमण से बचाव और आराम दिलाने में मदद कर सकते हैं। किशमिश में मौजूद एंटीबैक्टीरियल प्रभाव एस. औरियस जैसे बैक्टीरिया से लड़ने में अहम भूमिका निभा सकते हैं । एस. औरियस बैक्टीरिया, शरीर से जुड़े कई संक्रमण के साथ स्किन इन्फेक्शन का भी कारण बनते हैं ।
बालों के लिए
एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, विटामिन सी और आयरन की कमी से बाल झड़ने की समस्या उत्पन्न हो सकती है । यहां भी काली किशमिश के लाभ देखे जा सकते हैं, क्योंकि यह आयरन और विटामिन-सी से समृद्ध होती है । ऐसे में बालों की समस्या से राहत पाने के लिए काली किशमिश को दैनिक आहार में जगह दी जा सकती है।
काली किशमिश के पौष्टिक तत्व –
काली किशमिश में मौजूद पोषक तत्वों को नीचे टेबल के माध्यम से बताया जा रहा है ।
- पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 ग्राम
- ऊर्जा 300 kcal
- प्रोटीन 3.57 g
- कार्बोहाइड्रेट 78.57 g
- फाइबर 3.6 g
- शुगर 60.71 g
- कैल्शियम Ca 36 mg
- आयरन, Fe 1.93 mg
- सोडियम, Na 11 mg
- विटामिन सी 2.1 mg
काली किशमिश का उपयोग –
काली किशमिश का सेवन कई अलग-अलग तरीके से किया जा सकता है। नीचे जानिए इसके सेवन के कुछ बेहतरीन तरीके।
कैसे खाएं:
- इसे कुकीज में इस्तेमाल किया जा सकता है।
- काली किशमिश को केक बनाने में इस्तेमाल किया जा सकता है।
- इसे अन्य ड्राई फ्रूटस के साथ मिलाकर खाया जा सकता है।
- इसे रातभर पानी में भिगोकर, अगली सुबह खाया जा सकता है।
- मीठे पकवानों में इसका इस्तेमाल स्वाद बढ़ाने के लिए किया जा सकता है।
- काली किशमिश को दूध के साथ भी खाया जा सकता है।
कब खाएं:
- काली किशमिश को सीधे या अन्य ड्राई फ्रूट के साथ सुबह और शाम के वक्त खाया जा सकता है।
- दोपहर या रात के खाने के बाद काली किशमिश युक्त मिठाई का सेवन किया जा सकता है।
- रात में सोने से पहले काली किशमिश को दूध के साथ लिया जा सकता है।
कितना खाएं:
अन्य ड्राई फ्रूट्स के साथ 10 से 12 काली किशमिश को रात में भिगोकर प्रतिदिन सुबह खाया जा सकता है। शरीर के अनुसार इसके सेवन की उचित मात्रा जानने के लिए आहार विशेषज्ञ से सलाह लेना बेहतर होगा।
काली किशमिश के नुकसान –
कई बार काली किशमिश का अधिक सेवन निम्नलिखित समस्याओं का कारण बन सकता है
- किशमिश एक हाई ग्लाइसेमिक युक्त खाद्य पदार्थ है, ऐसे में इसका अधिक सेवन मधुमेह का कारण बन सकता है ।
- काली किशमिश कैलोरी से भरपूर होती है, ऐसे में इसकी अधिक मात्रा का सेवन शरीर का वजन बढ़ाने का काम कर सकता है ।
- कुछ लोगों को काली किशमिश के सेवन से एलर्जी हो सकती है ।
काली किशमिश का सेवन स्वास्थ्य के लिए किस प्रकार लाभदायक हो सकता है, यह आपको इस लेख के जरिए पता लग गया होगा। ऐसे में काली किशमिश के लाभ प्राप्त करने के लिए इसे दैनिक आहार में शामिल किया जा सकता है। ध्यान रहे, इसकी सीमित मात्रा का ही सेवन करें, नहीं तो लेख में बताए गए दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है। इसका उपयोग करने के लिए आप लेख में बताए गए तरीकों को अपना सकते हैं।
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