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एक्यूप्रेशर के फायदे विशेष पॉइंट्स और नुकसान

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चिकित्सा जगत में कई प्रकार से बीमारियों का इलाज किया जाता है। कहीं दवाइयों का उपयोग होता है, तो कहीं पर जड़ी-बूटियों का। वहीं, कुछ लोग शारीरिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए योग करते हैं। बीमारियों और शारीरिक समस्याओं को दूर करने का एक और भी तरीका है, जिसे एक्यूप्रेशर के नाम से जाना जाता है। एक्यूप्रेशर की उत्पत्ति प्राचीन काल में चीन में हुई थी और यह कई बीमारियों को ठीक करने में कारगर साबित हो सकता है । वहीं, ध्यान देने वाली बात यह है कि यह तरीका लेख में बताई गई समस्याओं का पूर्ण इलाज नहीं है। किसी भी समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए डॉक्टरी सलाह जरूरी है। यही वजह है  इस आर्टिकल में हम एक्यूप्रेशर के साथ-साथ एक्यूप्रेशर थेरेपी के फायदे और नुकसान के बारे में आपको विस्तार से बताएंगे।

एक्यूप्रेशर क्या है? –
एक्यूप्रेशर एक प्रकार की थेरेपी है, जिसका उपयोग प्राचीन काल से ही चीन में कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता रहा है। इस थेरेपी को करने के लिए शरीर के कुछ विशेष बिंदुओं को दबाया जाता है। इन बिंदुओं को एक्यूपॉइंट कहा जाता है। एक्यूपॉइंट को दबाने से स्ट्रेस हार्मोन के साथ-साथ अन्य जरूरी हार्मोन को नियंत्रित किया जा सकता है, जो थकावट और दर्द से छुटकारा दिलाने में कारगर हो सकते हैं। इसके अलावा, एक्यूपॉइंट को दबाने पर मांसपेशियों में तनाव पैदा होता है, जो रक्त संचार में सुधार भी करता है

विशेष एक्यूप्रेशर पॉइंट – 
माना जाता है कि संपूर्ण मानव शरीर एक्यूपॉइंट का एक समूह है। एक्यूपॉइंट त्वचा की सतह के सबसे करीब होते हैं। इन्हें एक्यूप्रेशर के द्वारा एक्टिव किया जाता है। इनकाे सक्रिय करके कई प्रकार की बीमारियों और शारीरिक समस्याओं का इलाज किया जा सकता है। अलग-अलग बिंदुओं पर दबाव से अलग-अलग प्रभाव होते हैं। एक्यूप्रेशर के तीन अलग-अलग एक्यूपॉइंट बताए गए हैं। इनमें लोकल पॉइंट (एलपी) और डिस्टल पॉइंट (डीपी) दो महत्वपूर्ण एक्यूपॉइंट हैं, जो एक्यूप्रेशर चिकित्सकों द्वारा रोगियों के इलाज के लिए उपयोग किए जाते हैं। एक्यूप्रेशर से इन बिंदुओं पर विभिन्न शारीरिक प्रभाव नजर आते हैं। वहीं, टेंडर पॉइंट (टीपी) तीसरे प्रकार का एक्यूपॉइंट हैं, जो दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।

एक्यूप्रेशर कैसे करें? –
एक्यूपॉइंट को कोहनी, उंगलियों, पैरों, हथेलियों, अंगूठे या विशिष्ट उपकरणों के द्वारा सक्रिय किया जा सकता है। प्राचीन काल के दौरान चीन में पत्थरों की मदद से एक्यूपॉइंट को सक्रिय किया जाता था, जिन्हें बियान स्टोन्स के रूप में जाना जाता है। वर्तमान में एक्यूप्रेशर करने के कई उपकरण उपलब्ध हैं । कहीं-कहीं पर मालिश को भी एक्यूप्रेशर की पद्धति में शामिल किया गया है। यहां हम एक्यूप्रेशर करने का तरीका विस्तार से बता रहे हैं :
  • सबसे पहले शरीर में मौजूद एक्यूपॉइंट के बारे में जानकारी सही जानकारी होना जरूरी है।
  • उसके बाद प्रत्येक एक्यूपॉइंट पर मालिश व दबाव डाला जाता है, ताकि एक्यूपॉइंट सक्रीय हो जाएं।
  • एक्यूपॉइंट की मालिश कराते समय शांत रहना और सामान्य रूप से सांस लेते रहना जरूरी है।
  • इन एक्यूपॉइंट पर खुद पर मालिश करने के साथ ही कोई अन्य जानकार भी मालिश करने में मदद कर सकता है।
नोट- एक्यूप्रेशर को हमेशा योग्य प्रशिक्षक की देखरेख में ही करना चाहिए। वह हाथ के साथ-साथ उपकरणों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। ध्यान रहे कि अगर आपको इसकी जानकारी नहीं है, तो इसे स्वयं से न करें।
एक्यूप्रेशर की जानकारी के बाद आगे आप जानेंगे एक्यूप्रेशर थेरेपी के फायदे के बारे में।

एक्यूप्रेशर के फायदे –
अगर इसे सही तकनीक के साथ किया जाए, तो एक्यूप्रेशर के फायदे शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार से हो सकते हैं। यहां पर एक्यूप्रेशर थेरेपी के फायदे के बारे में बताया जा रहा है, जो इस प्रकार हैं:

1. पीठ दर्द से राहत के लिए एक्यूप्रेशर के फायदे
एक्यूप्रेशर कई प्रकार के दर्द को कम करने में कारगर हो सकता है। उन्हीं में से एक है पीठ का दर्द। शोध के अनुसार, आरिकुलर पॉइंट (कान के बाहरी हिस्से पर मौजूद कुछ प्रमुख हिस्से) पर वैक्सीरिया बीजों (vaccaria seeds) को सावधानीपूर्वक टेप किया गया। परिणाम में पाया गया वैक्सीरिया बीजों की सहायता से सही तरीके से एक्यूपॉइंट के ऊपर दबाव बनाकर पीठ के गंभीर दर्द में (खासकर कमर के निचले हिस्से में) राहत मिल सकती है। हालांकि, इस एक्यूपॉइंट के जरिए पीठ दर्द में किस प्रकार राहत मिलती है, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।

2. तनाव को दूर करने के लिए एक्यूप्रेशर थेरेपी के फायदे
तनाव को दूर करने के लिए एक्यूप्रेशर एक आसान और सुरक्षित तकनीक हो सकती है। यह नसों पर दबाव के माध्यम से मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। साथ ही यह स्ट्रेस हार्मोन को नियंत्रित करने में भी सहायक साबित होती है, जिससे तनाव को कम किया जा सकता है । वहीं, एक अन्य शोध में पाया गया कि एक्यूप्रेशर से तनाव के साथ-साथ हेमोडायलिसिस की प्रक्रिया के दौरान किडनी रोगियों में होने वाले अवसाद, चिंता और सामान्य मनोवैज्ञानिक समस्या को भी कम किया जा सकता है। किडनी की समस्या से ग्रस्त मरीजों के रक्त को साफ करने के लिए की जानी वाली प्रक्रिया को हेमोडायलिसिस कहा जाता है।

3. लेबर पेन में एक्यूप्रेशर के फायदे
प्रसव के दौरान होने वाली पीड़ा को कम करने में भी एक्यूप्रेसर कारगर हो सकता है। एक वैज्ञानिक शोध में पाया गया कि एड़ी से कुछ इंच ऊपर सानिन्जियाओ (Sanyinjiao) नामक एक्यूपॉइंट होता है। इस पॉइंट पर एक्यूप्रेशर के उपयोग से लेबर पेन को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। ऐसे में यह माना जा सकता है कि एक्यूप्रेशर गर्भवती महिलाओं को प्रसव के दौरान दी जाने वाली देखभाल में फायदेमंद हो सकता है ।

4. प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए एक्यूप्रेशर थेरेपी के फायदे
एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, एक्यूप्रेशर के जरिए रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करने में कारगर होता है। एक्यूप्रेशर द्वारा त्वचा की सतह पर उंगलियों के उपयोग से प्रमुख बिंदुओं को दबाए जाने पर मेरिडियन (शरीर के अंदर ऊर्जा को प्रवाहित करने वाली शृंखला) और चक्रों (मानव शरीर में शक्ति के केंद्र) के माध्यम से शरीर में ऊर्जा के प्रवाह को नियंत्रित किया जा सकता है। माना जाता है कि ऊर्जा का प्रभाव प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती प्रदान करता है। यह प्रभाव प्रतिरक्षा प्रणाली को बूस्ट करने के साथ-साथ अन्य शारीरिक समस्याओं को भी दूर करने में कारगर हो सकता है (6)।

5. झुर्रियाें को दूर करने के लिए एक्यूप्रेशर के फायदे
एक्यूप्रेशर सेहत के साथ-साथ त्वचा के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। माना जाता है कि दोनों आंखों के किनारों पर एक एक्यूपॉइंट होता है, जिसे टोंग जी लियाओ पॉइंट (Tong Zi Liao Point) कहते हैं। इस एक्यूपॉइंट पर एक्यूप्रेशर करने पर आंखों के रक्त संचार में सुधार होने के साथ-साथ झुर्रियों को दूर करने में मदद मिल सकती है ।

एक्यूप्रेशर के नुकसान –
एक्यूप्रेशर ऐसी थेरेपी है, जो सिर्फ फायदे ही देती है। इससे होने वाले नकारात्मक परिणामों पर शोध की कमी है, लेकिन व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर एक्यूप्रेशर के नुकसान हैं, जिनके बारे में नीचे बताया जा रहा है:
  • भोजन, अल्कोहल या नशीले पदार्थों के सेवन के बाद हानिकारक परिणामों से बचने के लिए एक्यूप्रेशर नहीं करना चाहिए । यहां हम स्पष्ट कर दें कि अल्कोहल, धूम्रपान और नशीले पदार्थों का सेवन किसी भी तरह से लाभकारी नहीं है।
  •  सूजन, चोट व जख्म होने पर भी एक्यूप्रेशर नहीं करना चाहिए। इन स्थानों पर किया गया एक्यूप्रेशर कुछ दुष्परिणाम प्रदर्शित कर सकता है ।
  • गर्भवती महिलाओं को पेट पर एक्यूप्रेशर कराने से बचना चाहिए, नहीं तो हानिकारक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।
  • गंभीर हृदय संबंधी समस्याओं के मामले में व्यक्तियों को रक्तचाप में मामूली गिरावट के कारण एक्यूप्रेशर से बचना चाहिए ।
  • उच्च दबाव किसी भी अंग को नुकसान पहुंचा सकता है, जबकि कम तीव्रता का दबाव दर्द को ठीक करने में असफल साबित हो सकता है ।
  • अगर गलत एक्यूपॉइंट पर दबाव डाला जाए, तो जिस समस्या के लिए एक्यूप्रेशर किया जा रहा है, उस पर कोई असर नहीं होता। वहीं, संभव है कि इसकी वजह से कोई अन्य परेशानी हो जाए।
  • पुरानी और गंभीर बीमारी को ठीक करने में एक्यूप्रेशर फायदेमंद नहीं हो सकता।

इस आर्टिकल में आपने जाना कि एक्यूप्रेशर भी एक प्राचीन चिकित्सा पद्धती का प्रमुख भाग रहा है। यह ऐसी थेरेपी है, जो बिना किसी ऑपरेशन, एक्सरसाइज और दवाइयों के बीमारी को काफी हद तक कम करने में कारगर हो सकती है। आपने इस चिकित्सा और इसके लाभ के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की और साथ ही जाना कि यह थेरेपी कितनी फायदेमंद है। तो आज ही एक्यूप्रेशर के जानकार से एक्यूपॉइंट के बारे में जानकर लेकर इस थेरेपी का लाभ लें। साथ ही ध्यान रखें कि इसे स्वयं न करें, बल्कि प्रशिक्षित डॉक्टर से उपचार कराएं। 

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