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सफेद मूसली के लाभ , उपयोग और नुकसान

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भारत में वर्षाें से आयुर्वेदिक और हर्बल चीजों का इस्तेमाल किया जा रहा है। भले ही आज कई लोग अंग्रेजी दवाओं और इलाज पर निर्भर हों, फिर भी कभी न कभी आयुर्वेद का सहारा जरूर लेते हैं। आयुर्वेद में कई प्रकार की जड़ी बूटियां हैं और उन्हीं में से एक है सफेद मूसली पौधा। आयुर्वेद में सफेद मूसली का प्रयोग सेहत के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इसमें पाए जाने वाले गुण स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार से फायदेमंद हो सकते है।  इस आर्टिकल में हम इस औषधीय पौधे सफेद मूसली के फायदे के बारे में बता रहे हैं। साथ ही इसके उपयोग और इससे होने वाले नुकसान पर प्रकाश डालेंगे।

सफेद मूसली क्या है? – 
सफेद मूसली का वैज्ञानिक नाम क्लोरोफाइटम बोरीविलियेनम  है। यह पौधों के लिलियासी परिवार से संबंधित है। यह भारत का एक प्रसिद्ध औषधीय पौधा है और इसे भारतीय चिकित्सा पद्धति में ‘सफेद सोना’ व ‘दिव्य औषध’ भी माना जाता है। इसके अलावा इसको आयुर्वेदिक, यूनानी, होम्योपैथिक और एलोपैथिक चिकित्सा पद्धती में भी उपयोग किया जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इसमें एंटी-माइक्रोबियल, एंटीइन्फ्लेमेटरी, एंटीट्यूम जैसे कई प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं। ये गुण शारीरिक बीमारी और कमजोरी को तो ठीक करता ही है इसके अलावा यह एक कामोत्तेजक औषधी भी है। इतना ही नहीं यह मधुमेह और गठिया की समस्या को दूर करने में फायदेमंद तो हो ही सकता है।

सफेद मूसली शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर कर सकती है। साथ ही डिलीवरी के बाद महिलाओं को होने वाली समस्याओं में आयुर्वेदिक औषधि का काम कर सकत है और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी लाभदायक है। इसे वैकल्पिक ‘वियाग्रा’ भी माना जाता है। इसमें 25 से अधिक अल्कलॉइड, विटामिन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, स्टेरॉयड, सैपोनिन, पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फिनोल, रेजिन, म्यूसिलेज और पॉलीसैकराइड्स जैसे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। माना जाता है कि सफेद मूसली का प्रयोग डायरिया, पेचिश व ल्यूकोरिया आदि को कम करने में भी किया जा सकता है।

सफेद मूसली के फायदे – 
सफेद मूसली में पाए जाने वाले औषधीय गुण इसे फायदेमंद बनाते हैं। यहां हम सफेद मूसली के इन्हीं फायदों के बारे में बता रहे हैं। साथ ही ध्यान देने वाली बात यह है कि सफेद मूसली आयुर्वेदिक औषधि है, इसलिए इसका प्रयोग आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए। बिना डॉक्टर के निर्देश के इसे लेने पर फायदे की जगह नुकसान हो सकता है।

1. ऊर्जा व रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए सफेद मूसली के लाभ
अक्सर बीमार रहना और जल्दी ठीक न होना कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता की ओर इशारा करता है। इस समस्या को दूर करने के लिए सफेद मूसली का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। इसकी पुष्टि करने के लिए डॉक्टरों ने मछलियों पर प्रयोग किया था। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर इस शोध पेपर के अनुसार, सफेद मूसली का उपयोग करने से मछलियों में प्रतिरक्षा संबंधी जीन बूस्ट हुए थे। इसके अलावा, यह शरीर में ऊर्जा का संचार करने में भी फायदेमंद हो सकती है। इस शोध के अंत में यह भी कहा गया है कि सफेद मूसली किन कंपाउंड के चलते इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने में मदद करत है, उस पर और अध्ययन की जरूरत है।

2. वजन बढ़ाने में वाइट मूसली के फायदे
शरीर का औसत से कम वजन कमजाेरी का कारण बन सकता है। वहीं, सफेद मूसली का उपयोग वजन बढ़ाने में मदद कर सकता है। चूहों पर किए गए एक शोध में पाया गया कि सफेद मूसली का अर्क वजन बढ़ाने में फायदेमंद हो सकता है। जब इसकी जड़ों के एथेनोलिक अर्क का उपयोग चूहों पर किया गया, तो प्रजनन अंगों पर सकारात्मक असर पाया गया। साथ ही शोध में पता चला कि एथेनोलिक अर्क वजन बढ़ाने में भी फायदेमंद हो सकता है। फिलहाल, इस संबंध में और अध्ययन किया जाना बाकी है।

3. एंटीइंफ्लेमेटरी गुण
पुरानी सूजन तकलीफ का कारण बन सकती है। इस समस्या को कुछ कम करने के लिए सफेद मूसली फायदेमंद हो सकती है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में पाया गया कि सफेद मूसली में पाए जाने वाले सैपोनिन में एंटीफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। यह गुण पुरानी सूजन और इसके कारण होने वाले दर्द के साथ ही गठिया जैसी समस्या को दूर करने में फायदेमंद हो सकता है।

4. गर्भावस्था में फायदेमंद सफेद मुसली के गुण
गर्भावस्था में कई प्रकार के पोषक तत्वों की जरूरत होती है, जो मां और होने वाले शिशु के लिए जरूरी है। सफेद मूसली का सेवन भी गर्भावस्था में फायदेमंद हो सकता है। ऐसे समय में इस जड़ी-बूटी का सेवन भ्रूण और मां दोनों के लिए टॉनिक के रूप में काम कर सकता है। इसके अलावा, सफेद मूसली का सेवन करने से प्रसव के दौरान शरीर में कम होने वाले तरल पदार्थ की आशंका से बचा जा सकता है  गर्भावस्था में सफदे मूसली का उपयोग करने से पहले चिकित्सक की सलाह जरूर लें।

5. मधुमेह की समस्या को दूर करने के लिए वाइट मूसली के फायदे
रक्त में शुगर का स्तर बढ़ना मधुमेह की समस्या का कारण बन सकता है। ऐसी किसी भी तरह की अवस्था से बचने के लिए सफेद मूसली का सहारा लिया जा सकता है। रक्त में मौजूद ग्लुकोज के स्तर को नियंत्रित करने के लिए सफेद मूसली के लाभ देखे जा सकते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित चूहों पर किए गए एक शोध में पाया गया कि सफेद मूसली के अर्क में एंटी-डायबिटिक व एंटीहाइपरग्लाइसेमिक गुण पाए जाते हैं। इस गुणों के कारण से मधुमेह की समस्या से बचने में मदद मिल सकती है। साथ ही सफेद मूसली शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस की आंशका को भी खत्म करने में मदद कर सकती है । ध्यान रहे कि मधुमेह से ग्रस्त मरीज को इसका सेवन डॉक्टर से पूछकर ही करना चाहिए।

6. बांझपन और नपुंसकता में सफेद मूसली के लाभ
बांझपन और नपुंसकता जैसी समस्या से बचाने में भी सफेद मूसली प्रभावी औषधि की तरह काम कर सकती है। वहीं, अगर कोई इस समस्या से ग्रस्त है, तो उसे कुछ हद तक लाभ हो सकता है। कई वैज्ञानिकों ने चूहों पर सफेद मूसली का परीक्षण कर बांझपन और नपुंसकता की समस्या को दूर करने का दावा किया है। उन्होंने इस शोध में पाया कि सफेद मूसली में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट गुण प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में फायदेमंद हो सकता है। साथ ही स्पर्म यानी शुक्राणुओं की गुणवत्ता को बेहतर कर सकता है।

7. वजन कम करने में सफेद मुसली बेनिफिट्स
बढ़ता वजन और मोटापा कई बीमारियों का कारण बन सकता है। इस समस्या को सफेद मूसली के उपयोग से दूर किया जा सकता हैं। जी हां, सफेद मूसली जहां एक ओर कई शारीरिक समस्याओं को कम करने में फायदेमंद हो सकती है, वहीं दूसरी ओर कई मामलों में इसका उपयोग वजन को कम करने और मोटापा को दूर करने के लिए भी किया जा सकता है। एक शोध के अनुसार, इसमें एंटीओबेसिटी गुण पाए जाते हैं। इसमें पाया जाने वाला यह गुण मोटापा और बढ़ते वजन को कम करने में फायदेमंद हो सकता है ।

8. तनाव को कम करने के लिए सफेद मूसली के लाभ
सफेद मूसली के गुण के कारण इसका उपयोग तनाव को कम करने के लिए भी किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित चूहों पर किए गए शोध में पाया गया कि सफेद मूसली की जड़ में एंटीस्ट्रेस और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाया जाता है। इसमें पाया जाने वाला एंटीस्ट्रेस गुण जहां एक ओर तनाव की स्थिति को कम करने में फायदेमंद हो सकता है, वहीं दूसरी ओर इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण का इस्तेमाल ऑक्सीडेटिव स्ट्रैस के कारण होने वाले विकारों के उपचार के लिए किया जा सकता है।

9. दस्त की समस्या में सफेद मुसली बेनिफिट्स
कई बार खराब खान-पान के चलते दस्त की समस्या हो सकती है। इस समस्या को दूर करने के लिए भी सफेद मूसली फायदेमंद हो सकती है। सफेद मूसली का उपयोग औषधि के रूप में दस्त को ठीक करने के लिए चिकित्सक की सलाह से किया जा सकता है । हालांकि, इसका कौन-सा गुण दस्त को दूर करता है, यह शोध का विषय है।

10. गठिया और जोड़ों के दर्द में सफेद मूसली के लाभ
गठिया व जोड़ों में सूजन से बचने के लिए सफेद मूसली का इस्तेमाल किया जा सकता है। चुहों पर किए गए शोध को एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है। इसमें पाया गया कि सफेद मूसली की जड़ों में सैपोनिन नामक कंपाउंड पाया जाता है। सैपोनिन में एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटी-अर्थराइटिस गुण होते हैं। जैसा कि हमने ऊपर बताया कि एंटीइंफ्लेमेटरी गुण गठिया की सूजन के कारण होने वाले दर्द से बचाने में फायदेमंद हो सकते हैं। वहीं, इसमें पाया जाने वाला एंटी-अर्थराइटिस गुण इस समस्या में लाभदायक हो सकता है। जिन्हें अर्थराइटिस की समस्या है, उन्हें सफदे मूसली से कुछ हद तक फायदा हो सकता है ।

सफेद मूसली के पौष्टिक तत्व – 
सफदे मूसली में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व इस प्रकार हैं 
पोषक तत्वमात्रा
कार्बोहाइड्रेट35 से 45 प्रतिशत
प्रोटीन5 से10 प्रतिशत
फाइबर25 से 35 प्रतिशत
सैपोनिन्स2 से 6 प्रतिशत
एल्कलॉइड15 से 25 प्रतिशत
साथ ही इसमें पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फिनोल, रेजिन, श्लेष्मा और पॉलीसैकराइड्स पाए जाते हैं। इसमें उच्च मात्रा में शुगर, सुक्रोज, ग्लूकोज, फ्रुक्टोज, गैलेक्टोज, मैनोज और जोइलोज भी होते हैं ।

सफेद मूसली की खुराक – 
किसी भी औषधि के बारे में जानने के बाद सबसे पहले यही बात सामने आती है कि इसकी कितनी खुराक लेना फायदेमंद हो सकता है। एक शोध के अनुसार सफेद मूसली की 15 ग्राम जड़ को एक कप दूध में उबाल कर दिन में दो बार लिया जा सकता है । फिर भी हम यही सलाह देंगे कि इसकी खुराक के बारे में आहार विशेषज्ञ से जरूर पूछ लें।

सफेद मूसली खाने के तरीके – 
  • सफेद मूसली खाने कि विधि कई हैं। यहां हम इसके कुछ आसान तरीकों के बारे में बता रहे हैं:
  • सफेद मूसली को कैप्सूल के रूप में खा सकते हैं। यह आसानी से बाजार में मिल सकता है।
  • सफेद मूसली की जड़ काे पीस कर दूध व शहद के साथ मिलाकर इसका सेवन किया जा सकता है।
  • गर्भावस्था के दौरान इसे लड्डू और मिठाई के रूप में लिया जा सकता है।
  • सफेद मूसली खाने कि विधि के बाद जानने के बाद इसे लेते समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में जानना भी जरूरी है।
सफेद मूसली लेने से पहले सावधानियां
सफेद मूसली के कई फायदे देखे गए और शोध में भी पाया गया है कि इस औषधि के नुकसान न के बराबर हैं । फिर भी इसके सेवन से पहले कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है, जो इस प्रकार हैं:
  • सफेद मूसली को कभी भी अधिक मात्रा में नहीं लेना चाहिए।
  • इसका सेवन करने से पहले चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
  • गर्भावस्था में इसका सेवन सीधे तौर पर न करें। पहले स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह फायदेमंद हो सकती है।
  • लो शुगर की समस्या वालों को इसके सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि इसमें रक्त में मौजूद शुगर को कम करने के गुण पाए जाते हैं, जो समस्या को गंभीर बना सकते हैं।
सफेद मूसली कहां से खरीदें?
सफेद मूसली को किसी भी आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर से खरीदा जा सकता है। साथ ही यइ ऑनलाइन भी उपलब्ध है। मेडिकल स्टोर पर सफेद मूसली चूर्ण, टॉनिक या फिर कैप्सूल के रूप में उपलब्ध होती है।

सफेद मूसली के नुकसान – 
 सफेद मूसली पर हुए शोधों में इसके बहुत कम नुकसान पाए गए हैं। शोध में इसके बारे में लिखा गया है कि सफेद मूसली का उपयोग बिना किसी नुकसान के कई बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जा सकता है, फिर भी सफेद मूसली के कुछ संभावित नुकसान हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं :
  • सफेद मूसली रक्त में मौजूद शुगर के स्तर को कम कर सकती है। इसलिए, लो शुगर के मरीजों या फिर शुगर की दवा खा रहे मरीजों को इसका सेवन करने से बचना चाहिए।
  •  किसी भी चीज का अधिक सेवन नुकसानदायक हो सकता है। वैसे ही सफेद मूसली का अधिक मात्रा में सेवन पेट और आंतों से संबंधित समस्याओें का कारण बन सकता है, जिसमें कब्ज, एसिडी, इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम आदि शामिल है।
  •  सफदे मूसली का अधिक सेवन भूख को कम कर सकता है और पाचन संबंधी क्रियाओं में कुछ हद तक हानिकारक परिणाम दिखा सकता है ।
आर्टिकल के माध्यम से आपने जाना कि सफेद मूसली खाने से क्या होता है और किस प्रकार सफेद मूसली के फायदे सेहत के लिए लाभदायक हो सकते हैं। यह चूर्ण न सिर्फ शरीर की कमजोरी को दूर करने में मदद कर सकता है, बल्कि नपुंसकता और बांझपन जैसी समस्याओं में भी फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा, इस बात पर भी प्रकाश डाला कि सफेद मूसली में कौन-कौन से गुण मौजूद होते हैं और इसका उपयोग किस प्रकार से करना चाहिए। हालांकि, सफेद मूसली के नुकसान ज्यादा नहीं है फिर भी इसका उपयोग करने से पहले चिकित्सक की सलाह लेना जरूरी है। हम उम्मीद करते हैं आर्टिकल में दी गई जानकारी आपके लिए फायदेमंद होगी।

अकसर पूछे जाने वाले सवाल
क्या हम सफेद मूसली को बॉडी बनाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं?
जी हां, सफेद मूसली को बॉडी बनाने के लिए खा सकते हैं। यह मांसपेशियों के लिए फायदेमंद है, लेकिन इसे खाने से पहले अपने डॉक्टर या जिम ट्रेनर से जरूर बात कर लें।

सफेद मूसली का पाउडर और कैप्सूल, दोनों में क्या बेहतर है?
पाउडर और कैप्सूल दोनों ही सही हैं, लेकिन आप डॉक्टर से पूछ सकते हैं कि आपके शरीर के लिए क्या बेहतर रहेगा।

क्या सफेद मूसली और अश्वगंधा को साथ में ले सकते हैं?
आप इस बारे में अपने डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं, क्योंकि जैसा कि हमने आपको बताया कि यह व्यक्ति के शरीर पर निर्भर करता है कि उसके लिए क्या योग्य है।

सफेद मूसली खाने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?
इसे खाने के कई तरीके हैं। आप चाहें तो इसका कैप्सूल खा सकते हैं या फिर दूध व शहद के साथ मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं। यह आप पर निर्भर करता है कि आप इसे कैसे खाना पसंद करेंगे।

क्या सफेद मूसली बच्चों के लिए सुरक्षित है?
जी हां, बच्चों को सफेद मूसली का सेवन कराया जा सकता है। इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। फिर भी बच्चों को सफेद मूसली देने से पहले चिकित्सक से परामर्श जरूर करना चाहिए।

क्या सफेद मूसली और दूध साथ में ले सकते हैं?
हां, सफेद मूसली चूर्ण को दूध के साथ ले सकते हैं।

क्या सफेद  मूसली को खाली पेट लिया जा सकता है?
हां, इसका उपयोग दूध के साथ खाली पेट कर सकते हैं, लेकिन पहले चिकित्सक की सलाह जरूर लें।

क्या सफेद मूसली और शहद साथ में ले सकते हैं?
हां, सफेद मूसली और शहद दोनों को एक साथ ले सकते हैं

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