बाजार में आए दिन तरह-तरह के तेल आते रहते हैं। इनके विज्ञापन देखकर हर कोई नए तेलों की ओर आकर्षित हो जाता है, लेकिन लोग यह जानने से चूक जाते हैं कि क्या वाकई यह तेल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं या नहीं। दरअसल, किसी भी नए तेल को खरीदने से पहले उसके गुण-दोष जान लेना जरूरी है। इसी क्रम में हम आपको कैनोला ऑयल के बारे में बता रहे हैं, जिसका नाम शायद आपने पहली बार सुना होगा। हमारे साथ जानिए कैनोला ऑयल के फायदे और नुकसान, साथ में जानिए इससे संबंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां।
कैनोला ऑयल क्या है?
कैनोला प्राकृतिक पौधा नहीं है, बल्कि रेपसीड पौधे (औद्योगिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल होने वाला तेल) में आनुवंशिक बदलाव करके लगाया जाने वाला पौधा है। बायोटेक्नोलॉजी प्रक्रिया के बाद इस पौधे को खाद्य योग्य बनाया जाता है। फिर इसमें से निकाले गए तेल का इस्तेमाल खाना बनाने में किया जा सकता है । हालांकि, प्रजनन तकनीक का इस्तेमाल होने की वजह से इस तेल के नुकसान भी होते हैं। हम आपको लेख में आगे विस्तार से कैनोला ऑयल के फायदे और नुकसान दोनों के बारे में बताएंगे।
कैनोला तेल के फायदे –
1. कैंसर
कैनोला तेल का सेवन कैंसर जैसी प्राणघातक बीमारी से बचाने में मदद कर सकता है। दरअसल, यह ट्यूमर की मात्रा को कम करता है और कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकता है। एक शोध के मुताबिक, कैनोला तेल स्तन कैंसर से बचाव कर सकता है । साथ ही पेट के ट्यूमर में कीमो प्रिवेंटिव प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है
2. एनर्जी
कैनोला तेल का सेवन आपको ऊर्जावान बनाए रखने में भी मदद कर सकता है। दरअसल, कैनोला तेल में वसा की अच्छी मात्रा पाई जाती है और लिपिड यानी फैट आपके शरीर में पहुंचकर ऊर्जा देने का काम करता है।
3. डायबिटीज
कैनोला तेल में मौजूद वसा सीरम कोलेस्ट्रॉल को कम करने के साथ ही हानिकारक कोलेस्ट्रॉल एलएडीएल की मात्रा को भी कम करने में मदद करता है। इसके साथ ही ट्राइग्लिसराइड (रक्त में मौजूद एक तरह का वसा) को भी कम करता है। ये दोनों यानी कॉलेस्ट्रोल और ट्राइग्लिसराइड डायबिटीज के जोखिम कारक माने जाते हैं । ऐसे में कहा जा सकता है कि इसका सेवन आपको डायबिटीज के खतरे से बचा सकता है।
4. सूजन
कैनोला तेल में मौजूद विटामिन-ई शरीर में बतौर एंटी-इंफ्लेमेटरी काम करता है । ऐसे में कहा जा सकता है कि इस तेल की मदद से चोट के कारण होने वाली सूजन और दर्द को कम करने के लिए तेल का एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मदद करता है ।
5. त्वचा स्वास्थ्य
कैनोला तेल आपके त्वचा स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा माना जाता है। इसमें मौजूद विटामिन-ई त्वचा को ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस के प्रतिकूल प्रभाव से बचाता है। जैसे फोटो एजिंग (परा बैंगनी किरणों की वजह से समय से पहले चेहरे पर झुर्रियां), त्वचा संबंधी रोग (कैंसर) शामिल हैं । इसके साथ ही सूर्य की हानिकारक किरणों और पुराने त्वचा विकारों के रोकथाम में भी मदद कर सकता है ।
6. बालों का स्वास्थ्य
कैनोला तेल में मौजूद वसा आपके बालों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, तेल में मौजूद विटामिन-ई आपके बालों को बढ़ाने के साथ ही इन्हें झड़ने से भी रोकता है।
नोट: कैनोला तेल का सेवन संतुलित आहार के रूप में सुरक्षित है। फिर भी खाना बनाने के दौरान इस तेल का इस्तेमाल कम करने की भी सलाह दी जाती है।
कैनोला ऑयल के पौष्टिक तत्व –
कैनोला ऑयल में प्रति 100 ग्राम कितने पोषक तत्व मौजूद होते हैं, आइए नीचे दिए गए टेबल के माध्यम से जान लेते हैं
कैनोला तेल के नुकसान –
हृदय के लिए घातक : कैनोला तेल हृदय के लिए घातक हो सकता है। दरअसल, इसका सेवन प्लाज्मा लिपिड्स को बढ़ाता है, जो हृदय रोग के जोखिम कारक है ।
मस्तिष्क को प्रभावित कर सकता है : कैनोला ऑयल याददाश्त पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। एक अध्ययन के मुताबिक, कैनोला युक्त आहार का लंबे समय तक सेवन करने से याददाश्त को नुकसान पहुंचता है। इसके अलावा, वजन में भी काफी वृद्धि होती है । कैनोला तेल का सेवन न्यूरोडीजेनेरेटिव (दिमाग के न्यूरोन्स संबंधित) रोगों और डिमेशिया (स्मृति, भाषा और सोचने की समझ का प्रभावित होना) का भी कारण हो सकता है ।
विकास में बाधा : रेपसीड तेल विकास को प्रभावित करता है । इसलिए, माना जा सकता है कि रेपसीड के ही आनुवंशिक संशोधन से बने कैसोला का तेल भी शारीरिक विकास को प्रभावित कर सकता है। फिलहाल, इस संबंध में और शोध की आवश्यकता है।
विषाक्तता जोखिम : कैनोला ऑयल के सेवन को विषाक्तता से भी जोड़कर देखा जाता है। एक अध्ययन के मुताबिक, कैनोला तेल का अधिक सेवन मौत का कारण भी बन सकता है । इसके अलावा, माना जाता है कि इसको सीधे त्वचा पर लगाने या पीने से भी विषाक्तता की समस्या हो सकती है ।
लिवर और किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है : माना जाता है कि कैनोला ऑयल का सेवन किडनी और लिवर को प्रभावित कर सकता है। दरअसल, कैनोला को बायोटेक्नोलॉजी प्रक्रिया के तहत विकसित किया गया था। इस प्रक्रिया के तहत तैयार हुई चीजों को शरीर पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव से जोड़कर देखा जा सकता ह।
कैनोला ऑयल के बदले हम क्या इस्तेमाल कर सकते हैं?
ऊपर लेख में कैनोला तेल के दिए गए नुकसान से यह तो स्पष्ट हो गया है कि इसका उपयोग स्वास्थ्य को कई तरीके से प्रभावित कर सकता है। ऐसे में आप अन्य स्वास्थ्यवर्धक तेलाें का इस्तेमाल खाना बनाने व सलाद के लिए कर सकते हैं, जिनके बारे में हम नीचे विस्तार से बताएंगे
घी या मक्खन (ऑर्गेनिक) : आप खाना बनाने के लिए प्राचीन काल से इस्तेमाल हो रहे घी का इस्तेमाल कर सकते हैं। घी को आयुर्वेद में दवा के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। एक शोध के मुताबिक, घी के उपयोग से कोरोनरी हृदय रोग भी कम होता है। घी का सेवन सीरम कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स, फॉस्फोलिपिड और कोलेस्ट्रॉल एस्टर कम करता है। घी में हेपटोप्रोटेक्टीव प्रभाव, एंटीकॉन्वल्सेंट गतिविधि, स्मृति की वृद्धि और घाव भरने की क्षमता पाई जाती है।
जैतून का तेल : जैतून के तेल में एंटीऑक्सीडेंट समेत एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। इसलिए, इसके सेवन से आपको हृदय रोग से बचने में मदद मिल सकती है । इसके अलावा, इसका सेवन आपको ब्रेस्ट कैंसर के साथ ही कई अन्य बीमारियों से बचाने का काम कर सकता है ।
नारियल का तेल : नारियल के तेल का इस्तेमाल आप ज्यादा आंच में खाना पकाने के लिए भी कर सकते हैं । इसके सेवन से अच्छे कोलेस्ट्रोल (HDL) में वृद्धि होती है । इसके बावजूद, यह तेल कम मात्रा में प्रयोग करने की सलाह दी जाती है।
सरसों का तेल : खाना बनाने के लिए सरसों के तेल को भी काफी अच्छा माना जाता है। यह तेल आपको हृदय रोग से बचाता है। इसमें मौजूद मोनोअनसैचुरेटेड फैट इसे उपयुक्त खाद्य तेल बनाता है। बस ध्यान रहे कि आप रिफाइन्ड सरसों का तेल न खरीदें
कैनोला ऑयल के फायदे और नुकसान दोनों ही हमने आपको इस लेख में बता दिए हैं। अब अगर आप इसे अपने आहार में शामिल करना चाहते हैं, तो इस लेख को अच्छे से पढ़ने के बाद ही इसका सेवन करें। अगर आप पहले से ही इसका सेवन करते आ रहे हैं, तो आप कैनोला तेल के लाभ से तो वाकिफ होंगे ही, लेकिन एक नजर इसके नुकसान पर भी जरूर डालें। यह लेख आपको कैसा लगा हमें जरूर बताएं और अगर आपको कैनोला ऑयल से संबंधित कुछ सवाल पूछने हैं, तो आप कमेंट बॉक्स के माध्यम से हमारे साथ जुड़ सकते हैं
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