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आ रही लूं वाली गर्मी पहचाने लक्षण और बरते सावधानी ताकि ना हो स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी

आ रही ‘लू’ वाली गर्मी, पहचानें लक्षण और बरतें सावधानी ताकि न हो स्वास्थ्य सम्बन्धी कोई परेशानी

- चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने जारी की एडवाइजरी |

पवन कुमार द्विवेदी/गोंडा

मौसम में असामान्य बदलाव के बीच चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने लू से बचाव के लिए परामर्श जारी किया है | मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रश्मि वर्मा ने बताया कि हीट वेव (लू) की स्थिति शरीर की कार्य प्रणाली पर प्रभाव डालती है | इससे प्रभावित व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है |

अतः लू के प्रभाव को कम करने के लिए रेडियो सुनें, अखबार पढ़ें और टेलीवीजन पर आने वाले ताज़ा समाचारों को सुनें, ताकि स्थानीय मौसम का पता चलता रहे | हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट क्रैम्प के लक्षणों जैसे- कमजोरी, चक्कर आना, सरदर्द, उबकाई, ज्यादा पसीना आना, मूर्छा आदि को पहचानें | यदि मूर्छा या बीमारी का आभास हो, तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर जाएं | आपात की स्थिति में 108/102 एम्बुलेंस सेवा का लाभ उठायें | 

बचाव के लिए-
*हाइड्रेट रहें*
लू से बचाव के लिए ‘हाइड्रेट रहें’ यानि शरीर में पानी की कमी से बचें | इसके लिए अधिक से अधिक पानी पियें | यात्रा करते समय पीने का पानी अपने साथ रखें | ओआरएस, घर में बने हुए पेय पदार्थ जैसे-लस्सी, चावल का पानी (माड़), नींबू-पानी, छाछ आदि का उपयोग करें | जल की अधिक मात्रा वाले मौसमी फल एवं सब्जियों जैसे- तरबूजा, खरबूज, संतरे अंगूर, खीरा, ककड़ी एवं सलाद पत्ता आदि का प्रयोग करें |
*शरीर को ढक कर रखें* –
हल्के रंग के पसीना सोखने वाले हल्के कपड़े पहनें | धूप के चश्मे, छाता, टोपी, व चप्प्पल का प्रयोग करें | जो व्यक्ति खुले में कार्य करते हैं, वह सिर, चेहरा, हाथ-पैरों को गीले कपड़ों से ढके रहें तथा छाते का प्रयोग करें |
*अधिक से अधिक समय घर या कार्यालय के अन्दर ही बिताएं* –
हमेशा हवादार स्थान पर रहें | सूर्य की सीधी रोशनी तथा गर्म हवा को रोकने का उचित प्रबंध करें | अपने घरों को ठंडा रखें | दिन में खिड़कियाँ, पर्दे तथा दरवाजे बंद रखें, विशेषकर घर तथा कार्यालय के उन जगहों पर जहाँ सूरज को सीधी रोशनी पड़ती हो | शाम / रात के समय घर तथा कमरों ठंडा करने के लिए हेतु इन्हें खोल दें |
*उच्च जोखिम समूहों के लिए परामर्श* –
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एपी सिंह ने बताया कि उच्च जोखिम समूह जैसे- एक वर्ष से कम आयु के शिशु तथा अन्य छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं, बाहरी वातावरण में कार्य करने वाले व्यक्ति, बीमार व्यक्ति, विशेषकर ह्रदय रोगी अथवा उच्च रक्तचाप (हाई-बीपी) से ग्रसित व्यक्ति तथा ऐसे व्यक्ति जो ठंडे क्षेत्र से गर्म क्षेत्र में जा रहे हों, ये सब सामान्य आबादी की तुलना में हीट वेव के लिए ज्यादा संवेदनशील होते हैं, इनके बचाव पर अत्यधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है |

*यह न करें* –
महामारी विशेषज्ञ हसन इफ्तेखार ने आमजन को लू से बचाव के प्रति सचेत करते हुए कहा कि अधिक गर्मी वाले समय में विशेषकर दोपहर 12 से 03 बजे के मध्य सूर्य की रोशनी में जाने से बचें | नंगे पैर बाहर ना निकलें | अधिक प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों के प्रयोग से यथासंभव बचें | बासी भोजन का प्रयोग ना करें | बच्चों तथा पालतू जानवरों को खड़ी गाड़ियों में न छोड़ें | गहरे रंग के भारी तथा तंग कपड़े न पहनें | अधिक गर्मी वाले समय में खाना बनाने से बचें | रसोई वाले स्थान को ठंडा करने के लिए दरवाजे तथा खिडकियां खोल दें | शराब, चाय, काफी, कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक आदि के उपयोग करने से बचें, क्योंकि यह शरीर में निर्जलीकरण करते हैं |

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