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जाने,समुद्र का पानी खारा क्यों होता है

 
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समुद्र का पानी खारा क्यों होता है कभी न कभी आपके मन में ये सवाल जरुर आया होगा और आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं पानी हमारे जीवन में कितना महत्वपूर्ण है इस बात का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते है कि जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है. दुनिया के बहुत सारे जीव जंतु तो जल में ही रहकर अपनी जिन्दगी बिता रहे हैं. मानव के लिए मीठा पानी ही काम में आता है चुकीं समुद्र का पानी खारा होता है इसलिए मानव इस पानी को पीने के काम में नहीं ले सकता है. यदि समुद्र का पानी खारा नहीं होता तो आज हमारे पास पीने के पानी की कोई कमी नहीं होती लेकिन दुनिया का ज्यादातर पानी खारा यानी नमकीन होने के वजह से हम महज कुछ फीसदी पानी ही पीने के काम में ले सकते हैं.

समुद्र का पानी खारा क्यों होता है

हम में से लगभग सभी लोग जानते है कि समुद्र का पानी खारा रहता है लेकिन ये खारा क्यों होता है बहुत कम लोगो को इसके पीछे की वजह का पता है. आपको पता ही होगा कि नदियों का पानी समुद्र में मिलता है और समुद्र में जाने के बाद पानी का वाष्पीकरण हो जाता है यह बादल के रूप में ऊपर चला जाता है और यही बादल बारिश के रूप में जमीनी सतह पर गिरते हैं बारिश का पानी नदियों के द्वारा बापस समुद्र में चला जाता है इस तरह पानी का चक्र चलता रहता है.

अब आप जानना चाहते होंगे कि इस चक्र में पानी में लवण यानी साल्ट (नमक) कहाँ घुल मिलता है तो जब बरसात होती है तो बरसात का पानी हवा में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी गैसों के संपर्क में आ जाता है ये गैसे पानी में घुल जाती हैं. इसके कारण बरसात का पानी हल्का सा अम्लीय यानी नमकीन हो जाता है जब यह जल जमीन, पहाड़ो और चट्टानों पर गिरता है तो वह उनमे मौजूद लवण को घुला लेता है सतह से बहकर जब यह पानी नदियों में पहुँचता है तो सतह से बहकर यह लवण नदियों में भी आ जाता है लेकिन यह लवण इतने कम होते है कि हमको नदियों का पानी मीठा ही लगता है.

नदियों का यह लवण पानी समुद्र में पहुँचता है इस तरह करोड़ो सालों से यह प्रक्रिया होती आ रही है नदियों का यह पानी जब समुद्र में मिलता है तो पानी में मौजूद लवण समुद्र में इकठ्ठे होते रहते हैं इसके अलावा समुद्र में भी चट्टानें हैं जिनके लवण समुद्र में घुलते रहते हैं समुद्र में भी ज्वालामुखी होते हैं जिनके फटने से लावा, क्लोरीन, सल्फर डाइऑक्साइड आदि गैसे निकलती हैं समुद्र में सोडियम जैसे पदार्थ भी हैं जो क्लोरीन से क्रिया करके लवण बनाते हैं. इस तरह नदियों से आये लवण और समुद्र में उत्पन्न लवण के कारण हमें समुद्र का पानी खारा लगता है.

समुद्र में मौजूद लवण तो समुद्र में ही रहता है लेकिन जब सूर्य की गर्मी से इसके पानी का वाष्पीकरण होता है तो यह बादल बन कर ऊपर चला जाता है और यह वाष्पीकृत पानी बिल्कुल शुद्ध होता है. यह शुद्ध पानी बादल का रूप ले लेते हैं जो बाद में बारिश के रूप में जमीन पर बरसते हैं. इस तरह समुद्र का शुद्ध पानी तो आकाश में चला जाता है लेकिन लवण समुद्र में ही रह जाते हैं इसी प्रक्रिया के कारण करोड़ों बर्षों से समुद्र का पानी खारा ही बना रहता है.

अब आप सोच रहे होंगे कि इस तरह तो समुद्र का पानी और भी खारा होता जा रहा होगा लेकिन ऐसा नहीं समुद्र में कई ऐसी प्रक्रियाएं होती रहती है जिसके कारण समुद्र का पानी ज्यादा खारा नहीं होता है जैसे समुद्र में मौजूद शल्क धारी जीव जंतु समुद्र में मौजूद लवण का उपयोग अपनी खोल बनाने के काम में ले लेते हैं. जब यह शल्क धारी समुद्री जीव मरते है तो बहुत समय बाद इनका शरीर चूने का पत्थर बन जाता है यह चूने के पत्थर समुद्र में हलचल के दौरान समुद्र की सतह पर आ जाते है. इस चूने का खनन करके इसको घर में काम आने के योग्य बनाया जाता है यह वहीं चूना होता है जिसका उपयोग हम घर में करते हैं. तो यह प्रक्रिया निरंतर ऐसे ही चलती रहती है.

तो अब आप जान गए होंगे कि समुद्र का पानी खारा क्यों होता है आपकी जानकारी के लिए बता दे कि समुद्र में 3.5 फीसदी लवण पाया जाता है मतलब समुद्र के 100 ग्राम पानी में 3.5 ग्राम पानी में लवण होता है. इस वजह से ही हमें समुद्र का पानी खारा लगता है इसमें कुछ लवण नदियों के द्वारा आ जाता है जबकि कुछ लवण समुद्र में ही चट्टानों और ज्वालामुखी से निकलने वाली गैसों की क्रिया से उत्पन्न होता है.

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