क्या आप जानते हैं आसमान का रंग नीला क्यों है जब भी हम ऊपर स्काई को देखते है तो हमें नीला रंग दिखाई देता है ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर हमें आकाश का रंग नीला क्यों दिखाई देता है. अगर विज्ञान की माने तो आकाश का कोई रंग नहीं है जब हम स्पेस यानी अन्तरिक्ष से पृथ्वी के स्काई को देखते है तो वह काला घुप्प दिखाई देता है लेकिन जब स्काई को पृथ्वी से देखते है तो वह नीला दिखाई देता है ऐसा क्यों होता है. यह सवाल दुनिया के तमाम लोगो के मन में होता है. जिन लोगो ने विज्ञान को पढ़ा है शायद उनको इसके बारे में पता होगा लेकिन आज भी बहुत से लोग जिनको इस बारे में कुछ भी पता नहीं हैं.
इस दुनिया कई ऐसी चीजे हैं जो सोचने पर मजबूर कर देती है इन्ही में से एक आकाश का रंग भी है. जो कई सदियों से नीला ही दिखाई देता आ रहा है. पहले विज्ञान इतना विकसित नहीं था इसलिए पहले के जमाने को लोगो को इसके बारे में कुछ भी पता नहीं था लेकिन आज विज्ञान ने काफी तरक्की कर ली है हम इस विषय को विज्ञान के माध्यम से जान सकते हैं. तो चलिए जानते है विज्ञान इस विषय के बारे में क्या कहता है.
आसमान का रंग नीला क्यों है
पृथ्वी का वायुमंडल अलग अलग गैसों के मिश्रण ने बना है इन गैसों के अलावा वायुमंडल में धूल के कण और अन्य सूक्ष्म पदार्थ भी शामिल होते हैं विज्ञान के मुताबिक स्काई का रंग नीला दिखाई देने के पीछे सूर्य की किरणों का अहम योगदान होता है. जब सूर्य का प्रकाश वायुमंडल में प्रवेश करता है तो वह वायुमंडल में मौजूद कणों से टकराता है.
सूर्य से आने वाला प्रकाश कई तरंगो से बना होता है. इनमें हमारी आँखे सूर्य के प्रकाश में मौजूद 7 तरंगो को देख सकती है इन तरंगो में अलग अलग रंग होते हैं यदि सूर्य के प्रकाश या इन तरंगो को एक प्रिज्म से होकर गुजारा जाए तो हमें कुछ इस प्रकार के रंग दिखते है जैसे बैगनी, आसमानी, नीला, हरा, पीला, नारंगी और लाल.
जब सूर्य का प्रकाश किसी कण ने टकराता है प्रकाश या तो कण के आरपार हो जाता है अथवा उस कण द्वारा प्रकाश परावर्तित या बिखेर दिया जाता है. बिखरने वाले रंगों में बैगनी, आसमानी और नीला रंग सबसे ज्यादा बिखरते हैं क्योंकि इनकी तरंग दैर्ध्य यानी वेवलेंथ सबसे छोटी होती है जबकि हरा, पीला, नारंगी और लाल सबसे कम बिखरते हैं क्योंकि इनकी तरंग दैर्ध्य सबसे लम्बी होती है.
इसलिए सूर्य का लाल रंग बिना बिखरे पृथ्वी तक पहुँच जाता है लेकिन नीला रंग वायुमंडल में मौजूद गैसों के अणु, धूल कण आदि द्वारा बिखेर दिया जाता है और बहुत देर तक वायुमंडल में बना रहता है. इसी बिखरे नीले रंग के कारण हमें आसमान का रंग नीला दिखाई देता है.
इसे आसान भाषा में समझे तो यह सब सूर्य के प्रकाश की किरणों के कारण होता है इस प्रकाश में 7 रंग होते हैं जिनमें नीले रंग की तरंग दैर्ध्य यानी वेवलेंथ छोटी होने के कारण यह वायुमंडल में मौजूद कणों द्वारा बिखेर दिया जाता है जबकि इसमें लाल रंग की वेवलेंथ लम्बी होती है इसलिए यह रंग कणों द्वारा बहुत कम बिखरता है. स्काई में इस नीले रंग के सबसे ज्यादा बिखरने के कारण ही स्काई नीला दिखाई देता है.
तो अब आप जान गए होंगे कि आसमान का रंग नीला क्यों है वास्तव में आकाश का कोई रंग नहीं है यह सूर्य के प्रकाश के कारण हमें नीला दिखाई देता है यदि इसे अन्तरिक्ष से देखा जाए तो यह काला घुप्प दिखाई देता है. उम्मीद है आपको यह जांनकारी पसंद आयी होगी यदि जानकारी पसंद आयी हो तो इसे सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करे. जिससे आपके दोस्त भी इस तरह की यूजफुल जानकारी से अवगत हो जाए.
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