योनि के सूखेपन की समस्या किसी भी महिला को हो सकती है, हालांकि रजोनिवृत्ति के बाद यह बहुत ही आम समस्या है। आधे से ज्यादा, 51 से 60 वर्ष के बीच की उम्र वाली महिलाएं जिन्हें रजोनिवृत्ति हो चुकी है, इस परेशानी से प्रभावित होती हैं। योनि में खुजली, सेक्स के दौरान असुविधा होना आदि इसके लक्षण होते हैं जो रजोनिवृत्ति या गर्भनिरोधकों के उपयोग की वजह से महसूस होते हैं। लुब्रिकेंट, हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी, एस्ट्रोजन आदि द्वारा इसके उपचार के तरीके हैं। यह लेख आपको योनि का सूखापन, उसके लक्षण, कारण और उपचार को विस्तार से जानने में मदद करेगा।
योनि की नमी क्या होती है -
गर्भाशय ग्रीवा पर मौजूद ग्रंथियों द्वारा निर्मित प्राकृतिक लुब्रिकेंट योनि को कोमल और नम बनाए रखता है। यह नमी योनि को साफ रखने और मृत कोशिकाओं को निकालने का काम करती है और इसकी प्रकृति थोड़ी अम्लीय होती है, जिससे उस जगह को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है साथ ही संक्रमण आदि से भी बचाव होता है। ज्यादातर महिलाओं को सफेद योनि स्राव या डिस्चार्ज का अनुभव होता है जो बिल्कुल सामान्य है।
यौन उत्तेजना के दौरान बर्थोलिन ग्रंथियां (योनि के मुख पर उपस्थित दो ग्रंथियां) यौन संभोग के लिए अतिरिक्त नमी का उत्पादन करती हैं। हालांकि, 50-59 आयु वर्ग की एक चौथाई महिलाएं सेक्स के दौरान योनि के सूखेपन का और 16% सेक्स के दौरान दर्द का अनुभव करती हैं।
रजोनिवृत्ति से पहले योनि का रूखापन -
18-50 वर्ष की आयु वाली महिलाओं में रजोनिवृत्ति होने से पहले लगभग 17% को सेक्स के दौरान योनि में सूखेपन का अनुभव होता है। कई महिलाओं को यौन रूप से उत्तेजित न हो पाने की वजह से सेक्स के दौरान योनि के सूखेपन का अनुभव हो सकता है। ऐसा अक्सर अपर्याप्त फोरप्ले या मनोवैज्ञानिक कारणों जैसे तनाव आदि की वजह से होता है। रजोनिवृत्ति से पहले योनि सूखने के अन्य कारणों में स्वच्छता उत्पाद जैसे डिओडोरेंट स्प्रे और कठोर साबुन, स्विमिंग पूल और गर्म टब के केमिकल्स और कुछ वॉशिंग पाउडर आदि प्रमुख हैं। कुछ दवाएं जैसे एलर्जी और सर्दी जुकाम की अंग्रेजी दवा, कुछ एंटीडिप्रेसेंट से भी वैजिनल टिश्यू सहित म्यूकस का उत्पादन करने वाली झिल्ली सूखती है। सूखी योनि को चिकना करने के कई सरल तरीके हैं:
- लुब्रिकेंट
- मॉइस्चराइजर
स्तनपान कराने वाली माताओं में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर काफी कम हो जाता है, जिस कारण उन्हें योनि के सूखेपन की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा रजोनिवृत्ति से पहले के चरण वाली महिलाओं में अगर उनकी हिस्टेरेक्टॉमी या कीमोथेरेपी हुयी है तो भी उन्हें ये परेशानी हो सकती है।
रजोनिवृत्ति से पहले के चरण वाली महिलाओं में से जिनका हिस्टेरेक्टॉमी के दौरान गर्भाशय निकाल दिया जाता है, वे हार्मोन की कमी के कारण योनि के सूखेपन सहित, रजोनिवृत्ति के लक्षणों का अनुभव करती हैं।
कीमोथेरेपी के कारण महिलाओं में होने वाले हार्मोनल परिवर्तन काफी अजीब होते हैं, जिनके अधिक तीव्र लक्षण अनुभव होते हैं। कीमोथेरेपी, अंडाशय को नुकसान पहुंचा सकती है इसलिए अब गर्भाशय, एस्ट्रोजेन हार्मोन का उत्पादन नहीं करता और इससे योनि द्वारा उत्पन्न होने वाले लुब्रिकेंट की मात्रा कम हो जाती है। एस्ट्रोजन की मात्रा कम होने से योनि का अस्तर पतला, कम लचीला और अधिक नाजुक हो जाता है।
रजोनिवृत्ति के बाद योनि का सूखापन -
रजोनिवृत्ति होने की औसत उम्र 51 वर्ष है। रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं को खुद लगता है कि उनके शरीर में परिवर्तन हो रहे हैं। इसके बाद अंडाशय एस्ट्रोजन हार्मोन बनाना बंद कर देता है और उसका स्तर कम होने लगता है। एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी से योनि पर पड़ने वाले प्रभावों में से एक योनि का सूखापन है।
एस्ट्रोजन हार्मोन के उत्पादन के बिना, योनि की त्वचा पतली और कम लचीली हो जाती है और योनि शुष्क हो सकती है। लगभग 58% महिलाएं रजोनिवृत्ति के समय योनि के शुष्क होने का अनुभव करती हैं।
योनि में सूखेपन के लक्षण -
कुछ महिलाओं को योनि के सूखेपन के लक्षण केवल कुछ निश्चित समय पर ही महसूस होते हैं, जैसे सेक्स के समय आदि, जबकि अन्य को हमेशा इसका अनुभव होता है। शुष्क योनि के साथ सम्बंधित समस्याएं निम्नलिखित हैं:
- योनि में खुजली, असुविधा, बेचैनी या जलन।
- कामेच्छा में कमी।
- कामोत्तेजना और चरम सुख की प्राप्ति में कठिनाई।
- योनि की सतह का पीला और पतला दिखना।
- योनी का संकुचित या छोटा होना।
- सामान्य से अधिक बार पेशाब करना।
- बार बार मूत्र पथ के संक्रमण होना।
योनि का रूखापन क्यों होता है -
शुष्क योनि के कुछ कारण इस प्रकार हैं -
- रजोनिवृत्ति - रजोनिवृत्ति के दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन के स्तर में कमी, योनि में लगातार रूखेपन जिसे वैजाइनल एट्रोफी या एट्रॉफिक वैजिनाइटिस के रूप में भी जाना जाता है, का कारण हो सकती है।
- स्तनपान या प्रसव - बच्चे को जन्म देने के बाद, एस्ट्रोजन के स्तर में अस्थायी रूप से कमी आती है जिससे योनि सामान्य से शुष्क हो सकती है।
- सेक्स से पहले उत्तेजना न होने के कारण - यदि आप सेक्स करने से पहले कामोत्तेजना का अनुभव नहीं करती हैं, तो आपकी योनि से प्राकृतिक लुब्रिकेंट उत्पन्न नहीं हो पाता है और सेक्स करने में असहजता हो सकती है।
- कुछ प्रकार के गर्भनिरोधकों के उपयोग द्वारा - संयुक्त गर्भनिरोधक जैसे गर्भनिरोधक गोलियां और गर्भनिरोधक इंजेक्शन से कभी-कभी योनि में सूखापन हो सकता है, हालांकि यह असामान्य है।
- कैंसर का इलाज - श्रोणि क्षेत्र की रेडियोथेरेपी, हार्मोनल कैंसर उपचार, और कभी-कभी कीमोथेरेपी से योनि शुष्क हो सकती है।
वैजिनल ड्राईनेस कभी-कभी डायबिटीज या शोग्रेन्स सिन्ड्रोम (Sjögren's syndrome) के कारण भी होती है, जहां इम्यून सिस्टम, उन ग्रंथियों पर हमला करता है, जो द्रव का उत्पादन करती हैं।
योनि में सूखेपन का इलाज -
यदि आपकी योनि शुष्क है तो इसके प्रमुख उपचार इस प्रकार हैं -
- लुब्रिकेंट
- वैजिनल मॉइस्चराइजर
- वैजिनल एस्ट्रोजन
- हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी)
1. लुब्रिकेंट
लुब्रिकेंट तरल पदार्थ या जैल होते हैं जो आपको योनि को नम बनाये रखने के लिए सेक्स करने से पहले योनी या आपके साथी को लिंग पर लगाने होते हैं। इससे थोड़ी देर के लिए लेकिन तुरंत योनि के रूखेपन से राहत मिलती है।
लुब्रिकेंट के कई अलग अलग ब्रांड्स दुकानों और फार्मेसियों पर उपलब्ध होते हैं। जो आपके अनुकूल हो आप उसका उपयोग कर सकती हैं।
2. वैजिनल मॉइस्चराइजर
वैजिनल मॉइस्चराइजर, क्रीम होती हैं जो आप योनि को नम रखने के लिए उसमें लगा सकती हैं।
अगर सूखापन सिर्फ सेक्स के दौरान होने वाली समस्याओं का कारण नहीं है तो वे लुब्रिकेंट के मुकाबले बेहतर हो सकती हैं, क्योंकि उनका प्रभाव लंबे समय तक चलता है। आमतौर पर इन्हें कुछ दिनों तक लगाने की आवश्यकता होती है।
वॉटर बेस्ड (Water-based) मॉइस्चराइजर्स आमतौर पर सबसे अच्छे माने जाते हैं, क्योंकि तेल या पेट्रोलियम बेस्ड उत्पादों से लेटेक्स कंडोम खराब हो सकता है और कभी कभी योनि में भी असुविधा हो सकती है।
3. वैजिनल एस्ट्रोजन
यदि आपकी योनि में सूखापन, रजोनिवृत्ति के कारण है तो डॉक्टर आपको वैजिनल एस्ट्रोजन लिख सकते हैं। यह रजोनिवृत्ति के दौरान और बाद में एस्ट्रोजन के स्तर में आयी कमी में वृद्धि करता है।
वैजिनल एस्ट्रोजन, गोलियों के रूप में आती है जो आपको योनि में, वैजिनल क्रीम और वैजिनल रिंग की तरह उपयोग करनी होती है। ये सभी समान रूप से काम करती हैं, लेकिन एक का उपयोग करना अधिक सुविधाजनक होता है।
रजोनिवृत्ति के चरण से गुज़र चुकी महिलाओं के लिए एस्ट्रोजन ट्रीटमेंट, लुब्रिकेंट और मॉइस्चराइजर से अधिक प्रभावी होता है और इसके आम तौर पर कुछ दुष्प्रभाव भी होते हैं।
हालांकि, इसे काम शुरू करने में कुछ हफ्ते लग सकते हैं, इसलिए आप शुरुआत में लुब्रिकेंट या मॉइस्चराइज़र का इस्तेमाल कर सकती हैं। आमतौर पर उपचार को अनिश्चित काल तक जारी रखना होता है, क्योंकि उपचार बंद होने पर रूखापन वापस आ जाता है।
4. हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी)
एचआरटी एक ऐसा इलाज है जिसमें रजोनिवृत्ति के दौरान जिन हार्मोनों के स्तर में कमी आ जाती है उन हार्मोन को बदलने के लिए दवा ली जाती है।
डॉक्टर आपको ये या तो गोलियों द्वारा या फिर स्किन पैच, त्वचा में इम्प्लांट से या त्वचा पर लगाने वाले जैल की मदद से देते हैं।
एचआरटी का वैजिनल एस्ट्रोजन की तुलना में शरीर पर अधिक व्यापक प्रभाव पड़ता है, इसलिए यदि आपको रजोनिवृत्ति के अन्य लक्षण जैसे हॉट फ्लैशेस आदि का भी अनुभव हो रहा है तो इसका उपयोग करें। हालांकि इसके कई दुष्परिणाम भी होते हैं। उनके बारे में भी डॉक्टर से पूरी जानकारी ले लें। इनके उपयोग में कोई भी गंभीर समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
वैजिनल ड्राईनेस से बचाव -
योनि के सूखेपन को रोकने के कुछ ही विकल्प मौजूद हैं। असुविधा उत्पन्न करने वाले साबुन, लोशन, इत्र, कपड़े धोने वाले डिटर्जेंट और डूश का उपयोग न करें। ऐसा करने से योनि में असुविधा होने की संभावना कम हो सकती है। धूम्रपान, टैम्पोन और कंडोम से भी योनि सम्बंधित समस्याएं हो सकती हैं इसलिए इसका उपयोग कम करने या न करने से योनि के रूखेपन की रोकथाम में मदद मिल सकती है।
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