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पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग होने के लक्षण, कारण, इलाज और दवा

 
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सामान्यतः मासिक धर्म (पीरियड्स) के दौरान 4 से 5 दिनों में 30 से 40 मिलीलीटर तक रक्तस्राव होता है लेकिन अगर एक मासिक चक्र (इसकी अवधि 24 से 35 दिन हो सकती है) में 80 मिलीलीटर या उससे अधिक रक्तस्राव हो तो इस अवस्था को मेनोरेजिया (मासिक धर्म के दौरान भारी रक्तस्राव या मासिक धर्म का अधिक आना) कहते हैं। 

यह रक्तस्राव 7 दिनों से भी अधिक हो सकता है और यह इतना अधिक होता है कि इससे पीड़ित महिला को दिन में कई बार पैड बदलने की आवश्यकता पड़ती है। इन महिलाओं को खून की कमी (एनीमिया) भी हो जाती है। 

मेनोरेजिया स्त्री रोग-विज्ञान में प्रमुख समस्या है। इसका सटीक कारण अभी तक अज्ञात है लेकिन यह एक गंभीर समस्या है। तो आइए जानें इसके लक्षण, कारण, उपाय और इससे होने वाली जटिलतायें -

पीरियड्स में कितनी ब्लीडिंग होना ज्यादा है -
सामान्य मासिक धर्म रक्तस्राव -
रजोनिवृत्ति से पूर्व महिलाओं को होने वाले रक्तस्राव का, प्रयोगशाला में परीक्षण करने पर यह निष्कर्ष निकला कि सामान्यतः एक मासिक धर्म (4-6 दिन) में 30-40 मिली रक्तस्राव होता है। 

हालांकि यह मात्रा हर महिला में अलग अलग होती है। लम्बी महिलाओं में रजोनिवृत्ति से पूर्व काफी अधिक मात्रा में रक्तस्राव होता है। एक पीरियड्स के दौरान लगभग 10-40 मिलीलीटर रक्त शरीर से निकल जाता है। प्रत्येक सामान्य आकार का पैड में 5 मिली खून सोख सकता है इस प्रकार 7-8 पैड्स का उपयोग एक माहवारी में सामान्य होता है।

अत्यधिक रक्तस्राव या मेनोरेजिया -
एक माहवारी के दौरान 80 मिलीलीटर या अधिक (16 पैड्स) रक्तस्राव कोपीरियड्स का ज्यादा आना कहा जाता है। इससे पीड़ित महिलाओं में खून या आयरन की कमी पायी जाती है। महिलाओं में इसी वजह से एनीमिया की समस्या अधिक पायी जाती है।

मासिक धर्म में ज्यादा ब्लीडिंग होने के लक्षण -
पीरियड्स में अधिक रक्तस्राव के लक्षण और संकेत निम्नलिखित हैं :

  • रक्तस्राव इतना अधिक होना कि दिन में कई बार पैड बदलने की आवश्यकता पड़े। (और पढ़ें - फाइब्रॉएड भी है अत्यधिक रक्तस्राव का कारण)
  • भारी रक्तस्राव के कारण डबल सेनेटरी प्रोटेक्शन के इस्तेमाल की जरूरत पड़े।
  • रात में नींद से जागकर पैड बदलने की ज़रूरत महसूस होना।
  • अधिक रक्तस्राव की वजह से मासिक धर्म एक हफ्ते से अधिक हो।
  • मासिक धर्म में होने वाले रक्तस्राव में खून के थक्कों का आकार बड़ा हो। 
  • रक्तस्राव के कारण रोजमर्रा के काम करने में दिक्कत महसूस होना।
  • एनीमिया के लक्षण जैसे थकान, कमज़ोरी और सांस लेने में तकलीफ महसूस होना। 
  • पेट के निचले हिस्से और पेल्विस (श्रोणि) में दर्द महसूस होना।
  • उपर्युक्त सभी लक्षणों का अनुभव होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग होने के कारण -
पीरियड्स ज्यादा क्यों आते हैं?
हार्मोन असुंतलन के कारण मासिक चक्र के दौरान अंडे का उत्पादन न हो पाने के कारण मेनोरेजिया हो सकता है। बिना ओवुलेशन के मासिक चक्र को ऐनोवुलेशन कहते हैं। यह दो स्थितियों में होता है - अगर मासिक धर्म तुरंत होना शुरु हुए हैं या रजोनिवृत्ति होने की स्थिति में। 

इसके अलावा मेनोरेजिया के अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे :
  • हार्मोन असुंतलन (Hormonal disturbances) : यदि प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजेन की सामान्य मात्रा में परिवर्तन होता है, तो एन्डोमीट्रीयम (गर्भाशय की अंदरूनी परत) बढ़ जाता है जो मासिक धर्म के दौरान रक्तस्राव के रूप में बह जाता है।
  • अंडाशय रोग (Ovarian dysfunction) : यदि अंडाशय से अंडा नहीं निकलता है तो प्रोजेस्टेरोन हार्मोन रिलीज़ नहीं होगा जिस कारण मासिक धर्म के दौरान रक्तस्राव की मात्रा बढ़ जाती है।
  • गर्भाशय फाइब्रॉएड (Uterine fibroids) : ये ट्यूमर कैंसर जनक नहीं होते हैं लेकिन इनके कारण अधिक मात्रा में रक्तस्राव होता है। (और पढ़ें - बैक्टीरियल वेजिनोसिस के उपचार)
  • गर्भाशय पोलिप (Uterine polyps) : इनके कारण हार्मोनों के स्तर में वृद्धि हो जाती है जो हार्मोन असुंतलन का कारण बनता है और हार्मोन असुंतलन अधिक रक्तस्राव का कारण होता है।
  • एडिनोमायोसिस (Adenomyosis): इस स्थिति में एन्डोमीट्रीयम की ग्रंथियां गर्भाशय की मांसपेशियों में धंस जाती हैं जो अधिक रक्तस्राव का कारण बनती हैं।
  • गैर-हार्मोनल गर्भनिरोधक उपकरण (Non-hormonal Intrauterine Device): इस प्रकार के गर्भनिरोधक उपकरण सामान्य से अधिक रक्तस्राव का कारण हो सकते हैं।
  • पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज [Pelvic inflammatory disease (PID)] : यह प्रजनन अंगों का संक्रमण है जो गंभीर बीमारियों का कारण हो सकता है जैसे गर्भपात या एक्टोपिक गर्भावस्था आदि। (और पढ़ें - प्रेगनेंट करने का तरीका और लड़का होने के लिए उपाय से जुड़े मिथक)
  • कैंसर (Cancer) : गर्भाशय कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, और अंडाशय के कैंसर प्रजनन तंत्र को प्रभावित करते हैं और भारी रक्तस्राव का प्रमुख कारण हैं।
  • आनुवंशिक रक्तस्राव रोग (Inherited bleeding disorders): रक्तस्राव अधिक मात्रा में होने का रोग आपको विरासत में भी मिल सकता है। प्लेटलेट फ़ंक्शन डिसऑर्डर इनमें प्रमुख है।
  • दवाएं: प्रज्वलनरोधी (Anti-inflammatory) और खून में बनने वाले थक्कों को रोकने वाली (anticoagulant) दवाएं भारी रक्तस्राव पैदा कर सकती हैं।
  • अन्य रोग जैसे थायराइड विकार, एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) और यकृत या किडनी रोगों के कारण भी मासिक धर्म के दौरान भारी रक्तस्राव होता है। 
पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग होने पर क्या करे - 
निम्नलिखित परिस्थितियों में आपको डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए :
  • अगर योनि से रक्तस्राव इतना अधिक हो रहा है कि आपको प्रत्येक घंटे में पैड बदलने की आवश्यकता पड़ रही है तो डॉक्टर के पास ज़रूर जाएं।
  • अगर पीरियड्स में अनियमित रक्तस्राव हो रहा है तो डॉक्टर से बात करें।
  • रजोनिवृत्ति के बाद रक्तस्राव हो तो भी डॉक्टर से सलाह लें।
मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव (मेनोरेजिया) के उपाय इस प्रकार हैं :
  • एनीमिया के इलाज के लिए आयरन का सेवन।
  • ब्लीडिंग के समय उसे रोकने के लिए ट्रेनेक्ज़ामिक एसिड लेना।
  • मासिक धर्म को नियंत्रित करने और उसकी अवधि और मात्रा में कमी के लिए गर्भ निरोधक दवाओं का सेवन।
  • प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का सेवन।
  • हार्मोनल आईयूडी [Intrauterine contraceptive device (IUD)] का उपयोग।
सर्जरी के द्वारा पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग के इलाज के तरीके :
  • डाइलेशन और क्यूरेटेज [Dilation and curettage (D&C)] एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें गर्भाशय के स्तर को खुरच कर (scraping) सही किया जाता है।
  • गर्भाशय की धमनी के ब्लॉकेज (Uterine artery embolization) का उपचार फाइब्रॉएड से मुक्ति दिलाता है जो मेनोरेजिया का कारण होता है।
  • हिस्टेरोस्कोपी (Hysteroscopy) से गर्भाशय में कैमरा लगा कर फाइब्रॉएड, पॉलीप्स और गर्भाशय के स्तर का उपचार किया जाता है।
  • अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) के द्वारा फाइब्रॉएड ऊतकों को नष्ट किया जाता है।
  • मायोमेक्टोमी (Myomectomy) एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसकी सहायता से गर्भाशय के फाइब्रॉएड हटाए जाते हैं। इसमें योनि या पेट के मार्ग से चीरा लगाया जाता है।
  • एंडोमेट्रियल ऐबलेशन (Endometrial Ablation) पूर्ण रूप से हमेशा के लिए गर्भाशय के स्तर को हटा देता है।
  • एंडोमेट्रियल रिसेक्शन (Endometrial Resection) में एक बिजली से चलने वाला तार गर्भाशय के स्तर को हटाने के लिए उपयोग किया जाता है।
  • हिस्टेरेक्टॉमी (Hysterectomy) में गर्भाशय, गर्भाशय ग्रीवा (cervix) और कभी कभी अंडाशय भी हटा दिया जाता है।
  • इन उपचारों का उपयोग मरीज की शारीरिक स्थिति, उसकी उम्र और समस्या की गंभीरता को देखते हुए किया जाता है।
मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव (मेनोरेजिया) का निदान - 
डॉक्टर आपसे मेनोरेजिया के लक्षण पूछने के बाद आपको शारीरिक जांच कराने को कहेंगे।
  • मेनोरेजिया का पता निम्नलिखित जांचों द्वारा लगाया जा सकता है :
  • खून की जांच : एनीमिया, थायरॉयड और खून के थक्कों की बीमारी के लिए। (और पढ़ें - थायराइड के लक्षण)
  • पैप स्मीयर : सर्विकल इन्फेक्शन, सूजन, डिस्प्लेसिया (Dysplasia), कैंसर, एंडोमेट्रियल बायोप्सी आदि में यह जांच गर्भाशय के स्तर की समस्याओं या कैंसर के लिए की जाती है।
  • अल्ट्रासाउंड : गर्भाशय, पेल्विस और अंडाशय की बीमारियों का पता लगाने के लिए।
  • सोनोहेस्टेरोग्राम (Sonohysterogram) : इसमें गर्भाशय में बूंद-बूंद करके तरल डाला जाता है और अल्ट्रासाउंड की सहायता से गर्भाशय की समस्याओं का पता लगाया जाता है।
मेनोरेजिया से निदान के लिए आप यह याद रखें की मासिक धर्म आपको कितने दिन और कितनी मात्रा में हुआ है।

अगर आपको मासिक धर्म में अत्यधिक रक्तस्राव हो तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।

पीरियड्स ज्यादा आने से होने वाली परेशनियां - 
अत्यधिक या लम्बे समय तक मासिक धर्म के कारण निम्नलिखित जटिलताएं हो सकती हैं :

एनीमिया: पीरियड्स में अत्यधिक रक्तस्राव के कारण एनीमिया भी हो सकता है। इस स्थिति में लाल रक्त कोशिकाओं में कमी आ जाती है। लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या हीमोग्लोबिन मापकर पता की जा सकती है। हीमोग्लोबिन, लाल रक्त कोशिकाओं में मौजूद प्रोटीन है जो फेफड़ों से शरीर के अन्य भागों में रक्त संचरण का काम करती है।
  • हीमोग्लोबिन में आयरन पाया जाता है इसलिए अगर आपके रक्त में आयरन की कमी होगी तो भी आप एनीमिया से ग्रसित हो सकते हैं।
  • मेनोरेजिया (Menorrhagia) में होने वाला एनीमिया अधिकतर आयरन की कमी से होता है। इस दौरान आपकी त्वचा पीली पड़ने लगती है और आप थकान और कमज़ोरी का अनुभव करती हैं। 

अन्य प्रकार के मासिक धर्म में असामान्य रक्तस्राव - 
अन्य प्रकार के असामान्य रक्तस्राव इस प्रकार हैं :

  • पॉलीमेनोरिया (Polymenorrhea) : इसमें माहवारी बहुत बार होती है।
  • ओलिगोमेनोरिया (Oligomenorrhea) : इसमें माहवारी बहुत कम और कभी कभी होती है।
  • मेट्रोरेजिया (Metrorrhagia) : यह अनियमित रक्तस्राव होता है जो मासिक चक्र के दौरान तो होता है लेकिन मासिक धर्म नहीं होता।
  • रजोनिवृत्ति के बाद रक्तस्राव (Postmenopausal bleeding) : इसमें रजोनिवृत्ति होने के एक साल बाद रक्तस्राव हो सकता है।
अगर आपको मासिक धर्म में अत्यधिक रक्तस्राव या उपर्युक्त में से कोई असामान्य रक्तस्राव हों तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।


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