गोण्डा लाइव न्यूज एक प्रोफेशनल वेब मीडिया है। जो समाज में घटित किसी भी घटना-दुघर्टना "✿" समसामायिक घटना"✿" राजनैतिक घटनाक्रम "✿" भ्रष्ट्राचार "✿" सामाजिक समस्या "✿" खोजी खबरे "✿" संपादकीय "✿" ब्लाग "✿" सामाजिक "✿" हास्य "✿" व्यंग "✿" लेख "✿" खेल "✿" मनोरंजन "✿" स्वास्थ्य "✿" शिक्षा एंव किसान जागरूकता सम्बन्धित लेख आदि से सम्बन्धित खबरे ही निःशुल्क प्रकाशित करती है। एवं राजनैतिक , समाजसेवी , निजी खबरे आदि जैसी खबरो का एक निश्चित शुल्क भुगतान के उपरान्त ही खबरो का प्रकाशन किया जाता है। पोर्टल हिंदी क्षेत्र के साथ-साथ विदेशों में हिंदी भाषी क्षेत्रों के लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है और भारत में उत्तर प्रदेश गोण्डा जनपद में स्थित है। पोर्टल का फोकस राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को उठाना है और आम लोगों की आवाज बनना है जो अपने अधिकारों से वंचित हैं। यदि आप अपना नाम पत्रकारिता के क्षेत्र में देश-दुनिया में विश्व स्तर पर ख्याति स्थापित करना चाहते है। अपने अन्दर की छुपी हुई प्रतिभा को उजागर कर एक नई पहचान देना चाहते है। तो ऐसे में आप आज से ही नही बल्कि अभी से ही बनिये गोण्डा लाइव न्यूज के एक सशक्त सहयोगी। अपने आस-पास घटित होने वाले किसी भी प्रकार की घटनाक्रम पर रखे पैनी नजर। और उसे झट लिख भेजिए गोण्डा लाइव न्यूज के Email-gondalivenews@gmail.com पर या दूरभाष-8303799009 -पर सम्पर्क करें।

चूहे का अहसान: मिजोरम की लोक-कथा

Image SEO Friendly

पुराने जमाने में मिजो जनजातियां भोजन के लिए मक्का, ज्वार-बाजरा, फल-फूल, साग-सब्जियों एवं विभिन्न पशु-पक्षियों के मांस का ही सेवन करती थी। धान के बारे में उन्हें नही मालूम था, उसकी खेती से वे अनजान थे।

एक दिन वानहकपा (मिजो जाति का राजा) ने प्रजा को बुला कर कहा - "जब तक तुम लोग मक्का और बाजरा पर निर्भर रहोगे, तब तक फसलों को बरबाद और खराब करने वाले कीड़े "मडमुआया" पर ही निर्भर रहोगे। इसलिए तुम लोग चावल को अपना मुख्य भोजन बना लो। तुम लोग किस तरह के चावल को अपना भोजन बनाना पंसद करोगे?" बुहकिरिरूम या बुडचडरूम? ये सुन वहां के लोग हैरान रह गए।

राजा ने फिर कहा, "बुहकिरिरूम बहुत स्वादिष्ट होता है और इसे खाते समय किसी सब्जी की जरूरत नहीं। बुडचडरूम थोड़ा कड़ा होता है मगर इसके साथ सब्जी बहुत स्वाद लगती है।
इसके बाद राजा ने उन्हे बुहकिरिरूम चावल चखने को दिया। वो चावल इतना स्वादिष्ट लगा कि कई लोग अपनी जिह्वा को भी चबा गए।
तब लोगों ने घबरा कर कहा कि बुहकिरिरूम खा कर तो हम बिना जिह्वा के हो जाएंगे इसलिए हम बुहचडरूम चावल ही चुनते हैं।

उस समय मिजोरम में धान नहीं होता था। धान "तुइहयम" (महासागर) के उस पार होता था। धान के बीज को तुइहयम के उस पार से प्राप्त करना कठिन कार्य था क्योंकि तुइहयम का पानी बहुत ही ठंडा था। इसको प्राप्त करने के लिये बड़ी देर तक मंत्रणा हुई। अंत में एक सुअर, जो काफी फुर्तीला और सहनशील था, उसे तुइहयम के उस पार भेजने का फैसला हुआ।

फिवोंक ने महासागर पार कर ही लिया मगर धान के बीज जमीन की संकरी दरारों में फंसे थे, जिसे निकलने में फिवोंक असफल रहा। फिवोंक के वापस आने पर सब लोगों ने इस समस्या पर पुनर्विचार किया और चूहे (सजू) को भेजने का निश्चय किया।

सब लोगों ने कहा कि, "चूहे भाई तुम्हारी जीभ बहुत लंबी है, तुम सूअर के ऊपर चढ़ जाओ। वह तुम्हें तुइहयम को तैर कर पार करा देगा फिर तुम धान के बीज को संकरी दरारों से निकल लेना और तुम दोनों धान के बीज को वापस ले आना।"

उन लोगों के अनुरोध पर चूहा तैयार हो गया। वो फिवोंक के ऊपर बैठ गया और दोनों ने तुइहयम को पार किया। उसने संकरी दरारों में फंसे बीज को बड़ी आसानी से निकाल लिया। फिर दोनों वापस आ गए। उन दोनों को वापस आया देख सब बहुत खुश हुए।

चूहे ने गर्व से कहा कि धान का बीज लाने की वजह से वह सबसे पहले धान खाएगा। लोगों ने उसे समझाया कि ये एक ही धान का बीज है। अगर तुम इसे खा लोगे तो ये खत्म हो जाएगा। इसलिए सबसे पहले इसे बो देते हैं, जिससे नई फसल उगेगी और धान की मात्रा बढ़ जाएगी तब तुम भरपेट चावल खा लेना। इसलिए जब तक फसल नहीं आती तुम इसे नहीं खाओगे।"

लोगों के कहने पर चूहा मान गया। इसके बाद से ही मिजोरम में धान की फसल उगने लगी। आज भी मिजो समाज धान का बीज लाने के लिए चूहे के अहसान मंद हैं और वहां के बुर्जुग आज भी कहते हैं।" जब अन्नघर में चूहे चावल खाते हैं तो उन्हें मारना नहीं चाहिए और उन्हें शुभ समझ कर छोड़ देना चाहिए।

No comments:

Post a Comment

कमेन्ट पालिसी
नोट-अपने वास्तविक नाम व सम्बन्धित आर्टिकल से रिलेटेड कमेन्ट ही करे। नाइस,थैक्स,अवेसम जैसे शार्ट कमेन्ट का प्रयोग न करे। कमेन्ट सेक्शन में किसी भी प्रकार का लिंक डालने की कोशिश ना करे। कमेन्ट बॉक्स में किसी भी प्रकार के अभद्र भाषा का प्रयोग न करे । यदि आप कमेन्ट पालिसी के नियमो का प्रयोग नही करेगें तो ऐसे में आपका कमेन्ट स्पैम समझ कर डिलेट कर दिया जायेगा।

अस्वीकरण ( Disclaimer )
गोण्डा न्यूज लाइव एक हिंदी समुदाय है जहाँ आप ऑनलाइन समाचार, विभिन्न लेख, इतिहास, भूगोल, गणित, विज्ञान, हिन्दी साहित्य, सामान्य ज्ञान, ज्ञान विज्ञानं, अविष्कार , धर्म, फिटनेस, नारी ब्यूटी , नारी सेहत ,स्वास्थ्य ,शिक्षा ,18 + ,कृषि ,व्यापार, ब्लॉगटिप्स, सोशल टिप्स, योग, आयुर्वेद, अमर बलिदानी , फूड रेसिपी , वाद्ययंत्र-संगीत आदि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी केवल पाठकगणो की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दिया गया है। ऐसे में हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि आप किसी भी सलाह,उपाय , उपयोग , को आजमाने से पहले एक बार अपने विषय विशेषज्ञ से अवश्य सम्पर्क करे। विभिन्न विषयो से सम्बन्धित ब्लाग/वेबसाइट का एक मात्र उद्देश आपको आपके स्वास्थ्य सहित विभिन्न विषयो के प्रति जागरूक करना और विभिन्न विषयो से जुडी जानकारी उपलब्ध कराना है। आपके विषय विशेषज्ञ को आपके सेहत व् ज्ञान के बारे में बेहतर जानकारी होती है और उनके सलाह का कोई अन्य विकल्प नही। गोण्डा लाइव न्यूज़ किसी भी त्रुटि, चूक या मिथ्या निरूपण के लिए जिम्मेदार नहीं है। आपके द्वारा इस साइट का उपयोग यह दर्शाता है कि आप उपयोग की शर्तों से बंधे होने के लिए सहमत हैं।

”go"