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बाकला के उपयोग,फायदे और नुकसान

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हरी सब्जियां कई प्रकार की होती हैं। इन्हीं में एक है, फावा बीन्स।  इस खास प्रकार की सब्जी पर ही आधारित है। यहां पाठक जान पाएंगे कि शरीर के लिए फावा बीन्‍स के फायदे क्या हैं? साथ ही फावा बीन्‍स का उपयोग किस प्रकार किया जा सकता है। साथ ही इस लेख में फावा बीन्‍स के नुकसान के बारे में भी बताया गया है, लेकिन पाठक इस बात का ध्यान रखें कि फावा बीन्‍स के गुण लेख में बताई गई किसी भी बीमारी का इलाज नहीं है। शारीरिक समस्या के लिए डॉक्टरी उपचार जरूरी है।

फावा बीन्स क्या है?
फावा एक प्रकार की बीन्स है, जिसे सब्जी के रूप में खाया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम विसिया फाबा  है। इसे क्षेत्रीय भाषा में बाकला के नाम से भी जाना जाता है। वहीं, अंग्रेजी में इसे ब्रॉड बीन्स से नाम से पुकारा जाता है । भले ही इसके नाम से बीन्स शब्द जुड़ा हो, लेकिन यह सब्जी मटर के परिवार से संबंध रखती है। इतिहास बताता है कि रोमन और यूनानियों के आहार में इसकी एक लोकप्रिय भूमिका थी। इसके अलावा, इसमें प्रोटीन, फाइबर और विटामिन ए जैसे कई जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो कई तरीके से शरीर को लाभ पहुंचाने का काम कर सकते हैं। इससे होने वाले स्वास्थ्य लाभों को आगे लेख में बताया गया है।

फावा बीन्स के फायदे –
फावा बीन्स न सिर्फ खाने में स्वादिष्ट होती है, बल्कि फावा बीन्‍स के गुण भी कई हैं। नीचे हम फावा बीन्‍स के फायदे के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देने की कोशिश कर रहे हैं।

1. पार्किंसन रोग के लिए फावा बीन्‍स के फायदे
पार्किंसन, तंत्रिका तंत्र से संबंधित एक बीमारी है। इस बीमार से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में कंपन होता है, जिससे शारीरिक गतिविधियां प्रभावित होती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह समस्या तब होती है जब तंत्रिका कोशिकाएं डोपामाइन नामक मस्तिष्क रसायन का उत्पादन नहीं कर पाती हैं । ऐसे में फावा बीन्‍स का उपयोग लाभकारी सिद्ध हो सकता है।

एनसीबीआई  की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, फावा बीन्स एल-डोपा और सी-डोपा (एक प्रकार के एमिनो एसिड) का अच्छा स्रोत है। शोध में कुछ पार्किंसन रोगियों को फावा बीन्‍स का सेवन कराया गया। इसके सेवन से उनके खून में एल-डोपा और सी-डोपा के स्तर में वृद्धि देखी गई। इतना ही नहीं इसके सेवन से बिना किसी दुष्प्रभाव के पार्किंसन रोगियों के मोटर स्किल (शारीरिक विकास के साथ-साथ चीजों को पकड़ने, सिर को सीधा रखने और मांसपेशियों का उपयोग करना) में सुधार भी हो सकता है । आमतौर पर, लेवोडोपा का उपयोग पार्किंसंस रोग के उपचार के लिए डोपामाइन के रिप्लेसमेंट के रूप में किया जाता है।

2. जन्म दोषों से बचाव के लिए फावा बीन्‍स के फायदे
गर्भावस्था के दौरान गर्भवती के शरीर में फॉलिक एसिड की कमी होने वाले शिशु में जन्म दोष का कारण बन सकती है । जन्म दोष का प्रभाव शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास पर पड़ सकता है। ऐसे में शिशु के सही विकास के लिए गर्भवती महिला फावा बीन्स का सेवन कर सकती है। फावा बीन्स फोलेट का एक अच्छा स्रोत है। प्रति 100 ग्राम ब्रॉड बीन्स में 0.423 मिलीग्राम फोलेट होता है। सावधानी के तौर पर गर्भवती को इसका सेवन करने से पहले किसी विशेषज्ञ या डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

3. मधुमेह के लिए फावा बीन्‍स के फायदे
डायबिटीज की समस्या किसी को भी हो सकती है। ऐसे में जरूरी है कि खुद ध्यान रखा जाए। मधुमेह से बचाव के लिए फावा बीन्स मददगार साबित हो सकती है। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, फावा बीन्‍स में मौजूद विसिने और डिवीसीन नामक कंपाउंड के एंटी-डाइबिटिक गुण मधुमेह के लिए लाभकारी हो सकते हैं ।

4. कैंसर के लिए फावा बीन्‍स के फायदे
कैंसर एक प्राणघातक बीमारी है। ऐसे में इससे बचाव के लिए व्यक्ति को खुद का ध्यान रखना जरूरी है। कैंसर से बचाव के लिए फावा बीन्‍स लाभकारी हो सकती हैं। फावा बीन्स में एंटी-कैंसर गुण मौजूद होते हैं, जो खासकर पेट के कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं। इतना ही नहीं फावा बीन्स को पेट के कैंसर के उपचार के लिए सप्लीमेंट के तौर पर उपयोग किया जा सकता है। ध्यान रखें कि यह कैंसर की स्थिति पर निर्भर करता है। इसके अलावा, कैंसर के लिए सिर्फ फावा बीन्स पर निर्भर रहना समाधान नहीं है। याद रखें कैंसर का एकमात्र इलाज डॉक्टरी उपचार है।

5. ब्लड प्रेशर के लिए फावा बीन्‍स के फायदे
फलियां पोटैशियम, मैग्नीशियम और फाइबर से भरपूर होती हैं। ये सभी पोषक तत्व रक्तचाप पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित रिसर्च पेपर के अनुसार, एक वैज्ञानिक शोध में 500 लोगों को शामिल किया गया। इनमें से आधे अधिक वजन वाले लोग थे, जिन्हें फलियां का सेवन कराया गया और उनमें रक्तचाप में कमी पाई गई। वहीं दूसरे अध्ययन के अनुसार, 113 मोटापे से ग्रस्त लोगों ने रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट खाद्य पदार्थों के स्थान पर 18 महीने तक प्रतिदिन दो सर्विंग फलियों और चार सर्विंग अनाज का सेवन किया। इनमें रक्तचाप, ट्राइग्लिसराइड्स (रक्त में मौजूद एक प्रकार का फैट) और वजन में कमी देखी गई । ये अध्ययन फलियों पर किए गए थे। इसलिए, फावा बीन्स सीधे तौर पर कितनी फायदेमंद हो सकती हैं, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।

6. वजन घटाने के लिए फावा बीन्‍स के फायदे
आहार, जिसमें नियमित रूप से फलियां शामिल हैं, वजन नियंत्रण में मदद कर सकती हैं। फलियों में फाइबर, प्रोटीन और धीरे-धीरे पचने वाले कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो पेट के भरे रहने का अहसास कराते हैं। नेशनल हेल्थ एंड न्यूट्रिशन एग्जामिनेशन सर्वे  में देखा गया है कि फलियों का सेवन न करने वालों की तुलना में विभिन्न प्रकार की फलियों का सेवन करने वाले वयस्कों में शरीर का वजन कम था। इसके अलावा, जो व्यक्ति फलियों का सेवन करते हैं, उनमें मोटापे का जोखिम भी कम हो सकता है। इतना ही नहीं प्रमाण यह भी है कि मेडिटेरियन डाइट जिसमें – फलियां, फाइबर और मोनोअनसैचुरेटेड शामिल हैं, वजन कम करने में लाभकारी हो सकती है ।

7. कोलेस्ट्रॉल के लिए फावा बीन्‍स के फायदे
नियमित रूप से फलियों का सेवन करने से एलडीएल यानि हानिकारक कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी हो सकती है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध में 3 हफ्तों तक 10 लोगों ने फलियों का सेवन किया। इस परीक्षण में देखा गया कि फलियों का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी हो सकती है।

इसके अलावा 31 व्यक्तियों पर किए गए एक अन्य परीक्षण से भी यह बात सिद्ध होती है। इसमें टाइप 2 मधुमेह वाले 31 व्यक्तियों को बिना किसी फली के आहार दिया गया। इसके अलावा, प्रति सप्ताह 3 दिन लाल मांस की दो सर्विंग्स की जगह पर भी फलियों का सेवन कराया गया है। इसके बाद शोधकर्ताओं ने फलिया खाने वाले व्यक्तियों में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स (ब्लड में मौजूद वसा) में तो सुधार देखा ही है। साथ ही ब्लड ग्लूकोज और इंसुलिन स्तर में भी सुधार पाया गया । ध्यान रहे कि भले ही ये शोध फलियों के साथ तो किए गए हैं, लेकिन इसमें यह स्पष्ट नहीं है कि इसमें फावा बीन्स का उपयोग कितनी मात्रा में किया गया है। इसलिए, इस विषय में अभी और शोध की आवश्यकता है।

फावा बीन्स का उपयोग – 
अगर फावा बीन्‍स के फायदे चाहते हैं, तो फावा बीन्‍स का उपयोग भी सही तरीके से करना जरूरी है। इसलिए, नीचे हम फावा बीन्‍स का उपयोग कैसे किया जा सकता है, उस विषय में जानकारी दे रहे हैं।
  • फावा बीन्स को आलू के साथ सब्जी बनाकर रात या दोपहर के भोजन के साथ लिया जा सकता है।
  • फावा बीन्स को प्याज और टमाटर के साथ भी सब्जी बनाकर सेवन किया जा सकता है।
  • सुबह या शाम फावा बीन्स को सलाद में उपयोग कर सेवन किया जा सकता है।
  • सुबह या शाम फावा बीन्स से बने सूप का भी सेवन किया जा सकता है।
  • नोट : कभी-कभी सब्जी, सूप या अन्य तरीकों से इसका सेवन किया जा सकता है। वहीं, अगर फावा बीन्स की मात्रा की अगर बात करें, तो यह व्यक्ति की उम्र और स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। इसे कितनी मात्रा में सेवन करना है, इसके लिए डॉक्टर या विशेषज्ञ से सलाह लेना बेहतर है।

फावा बीन्स से नुकसान – 
बीन्‍स के नुकसान बताकर हमारा अपने पाठकों को डराने का उद्देश्य नहीं है। हम नुकसान इसलिए बता रहे हैं, ताकि फावा बीन्‍स का उपयोग व्यक्ति सावधानी से करे।
  • ग्लूकोज-6-फॉस्फेट डिहाइड्रोजनेज (G6PD-एक प्रकार का एंजाइम) की कमी से हीमोलिटिक एनीमिया हो सकता है। इसमें लाल रक्त कोशिकाएं समय से पहले टूटने  लगती हैं । वैसे तो हीमोलिटिक एनीमिया की समस्या अनुवांशिक है, लेकिन कभी-कभी यह समस्या फावा बीन्स के सेवन से भी हो सकती है ।
  • अगर कोई पहली बार फावा बीन्स का सेवन कर रहा है, तो इसका कम मात्रा में ही सेवन करें। खासतौर पर वो व्यक्ति जिन्हें नए खाद्य पदार्थों से फूड एलर्जी का जोखिम रहता हो।
  • ध्यान रहे कि गर्भावस्था में फावा बीन्स के सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह लें। गर्भावस्था के दौरान जरूरत से ज्यादा फावा बीन्स के सेवन से नवजात शिशु में ग्लूकोज-6-फॉस्फेट डिहाइड्रोजनेज (G6PD) की कमी हो सकती है। इससे हिमोलिटिक एनीमिया का खतरा हो सकता है ।

फावा बीन्‍स के फायदे अनेक है। अगर फावा बीन्स को सही मात्रा और तरीके से उपयोग किया जाए, तो यह एक लाभकारी आहार हो सकता है। हमारी कोशिश यही रही कि इस लेख के माध्यम से हम पाठकों तक फावा बीन्स की ज्यादा से ज्यादा जानकारी पहुंचा सकें।

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