गोण्डा लाइव न्यूज एक प्रोफेशनल वेब मीडिया है। जो समाज में घटित किसी भी घटना-दुघर्टना "✿" समसामायिक घटना"✿" राजनैतिक घटनाक्रम "✿" भ्रष्ट्राचार "✿" सामाजिक समस्या "✿" खोजी खबरे "✿" संपादकीय "✿" ब्लाग "✿" सामाजिक "✿" हास्य "✿" व्यंग "✿" लेख "✿" खेल "✿" मनोरंजन "✿" स्वास्थ्य "✿" शिक्षा एंव किसान जागरूकता सम्बन्धित लेख आदि से सम्बन्धित खबरे ही निःशुल्क प्रकाशित करती है। एवं राजनैतिक , समाजसेवी , निजी खबरे आदि जैसी खबरो का एक निश्चित शुल्क भुगतान के उपरान्त ही खबरो का प्रकाशन किया जाता है। पोर्टल हिंदी क्षेत्र के साथ-साथ विदेशों में हिंदी भाषी क्षेत्रों के लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है और भारत में उत्तर प्रदेश गोण्डा जनपद में स्थित है। पोर्टल का फोकस राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को उठाना है और आम लोगों की आवाज बनना है जो अपने अधिकारों से वंचित हैं। यदि आप अपना नाम पत्रकारिता के क्षेत्र में देश-दुनिया में विश्व स्तर पर ख्याति स्थापित करना चाहते है। अपने अन्दर की छुपी हुई प्रतिभा को उजागर कर एक नई पहचान देना चाहते है। तो ऐसे में आप आज से ही नही बल्कि अभी से ही बनिये गोण्डा लाइव न्यूज के एक सशक्त सहयोगी। अपने आस-पास घटित होने वाले किसी भी प्रकार की घटनाक्रम पर रखे पैनी नजर। और उसे झट लिख भेजिए गोण्डा लाइव न्यूज के Email-gondalivenews@gmail.com पर या दूरभाष-8303799009 -पर सम्पर्क करें।

होली में छिपे हैं जीवन के रंग, जो देते हैं बड़े संदेश

Image SEO Friendly

सनातन धर्म में प्रत्येक मास की पूर्णिमा का बड़ा ही महत्व है और यह किसी न किसी उत्सव के रूप में मनाई जाती है। उत्सव के इसी क्रम में होली (Holi ), वसंतोत्सव के रूप में फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। रंगों का उत्सव होली (Holi) एक सांस्कृतिक, धार्मिक और पारंपरिक त्यौहार है। आइए जानते हैं इस महापर्व से जुड़ी परंपराओं और उनसे जुड़े सामाजिक-आध्यात्मिक महत्व के बारे में…

आठ दिन नहीं होते शुभ कार्य
अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तक के समय में कोई शुभ कार्य या नया कार्य आरम्भ करना शास्त्रों के अनुसार वर्जित माना गया है। होलाष्टक के आठ दिनों में नवग्रह भी उग्र रूप में होते हैं, इसलिए इन दिनों में किए गए शुभ कार्यों में अमंगल होने की आशंका रहती है।

जो होली सो होली
होली शब्द का संबंध होलिका दहन से भी है और इस शब्द का अर्थ यह भी इशारा करता है कि जो होना था हो गया। कहने का तात्पर्य यह कि पिछले वर्ष की गलतियां एवं बैर-भाव को भुलाकर आज के दिन एक दूसरे को रंग लगाकर, गले मिलकर रिश्तों को नए सिरे से आरम्भ किया जाए। इस प्रकार होली भाईचारे, आपसी प्रेम एवं सद्भावना का त्यौहार है।

होली के हजार रंग
होली भारतीय समाज में लोकजनों की भावनाओं को अभिव्यक्त करने का आईना है। परिवार को समाज से जोड़ने के लिए होली जैसे पर्व महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। रीति-रिवाज़ों और परम्पराओं के अनुसार होली उत्तर प्रदेश में 'लट्ठमार होली' के रूप में, असम में 'फगवाह' या 'देओल', बंगाल में 'ढोलपूर्णिमा' और नेपाल आदि में 'फागु' नामों से लोकप्रिय है।

मुगलकाल में भी मनाई जाती थी होली
मुग़ल साम्राज्य के समय में होली की तैयारियां कई दिन पहले ही प्रारम्भ हो जाती थीं। मुगलों के द्वारा होली खेलने के संकेत कई ऐतिहासिक पुस्तकों में मिलते हैं। जिसमें अकबर, हुमायूं, जहांगीर, शाहजहां और बहादुरशाह जफ़र मुख्य बादशाह थे, जिनके समय में होली खेली जाती थी।

बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक
होलिका दहन बुराइयों के अंत एवं अच्छाइयों की विजय के पर्व के रूप में मनाया जाता है। होली यह संदेश लेकर आती है कि जीवन में आनंद, प्रेम, संतोष एवं दिव्यता होनी चाहिए। जब मनुष्य इन सबका अनुभव करता है, तो उसके अंतः करण में उत्सव का भाव पैदा होता है, जिससे जीवन स्वाभाविक रूप से रंगमय हो जाता हैं। रंगों का पर्व यह भी सिखाता है कि काम, क्रोध, मद, मोह एवं लोभ रुपी दोषों को त्यागकर ईश्वर भक्ति में मन लगाना चाहिए।

दूर होती है नकारात्म्क ऊर्जा
सौहार्दपूर्ण ढंग से होली खेलने से आस-पास की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है, वहीं सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। घर-परिवार पर देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है।

No comments:

Post a Comment

कमेन्ट पालिसी
नोट-अपने वास्तविक नाम व सम्बन्धित आर्टिकल से रिलेटेड कमेन्ट ही करे। नाइस,थैक्स,अवेसम जैसे शार्ट कमेन्ट का प्रयोग न करे। कमेन्ट सेक्शन में किसी भी प्रकार का लिंक डालने की कोशिश ना करे। कमेन्ट बॉक्स में किसी भी प्रकार के अभद्र भाषा का प्रयोग न करे । यदि आप कमेन्ट पालिसी के नियमो का प्रयोग नही करेगें तो ऐसे में आपका कमेन्ट स्पैम समझ कर डिलेट कर दिया जायेगा।

अस्वीकरण ( Disclaimer )
गोण्डा न्यूज लाइव एक हिंदी समुदाय है जहाँ आप ऑनलाइन समाचार, विभिन्न लेख, इतिहास, भूगोल, गणित, विज्ञान, हिन्दी साहित्य, सामान्य ज्ञान, ज्ञान विज्ञानं, अविष्कार , धर्म, फिटनेस, नारी ब्यूटी , नारी सेहत ,स्वास्थ्य ,शिक्षा ,18 + ,कृषि ,व्यापार, ब्लॉगटिप्स, सोशल टिप्स, योग, आयुर्वेद, अमर बलिदानी , फूड रेसिपी , वाद्ययंत्र-संगीत आदि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी केवल पाठकगणो की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दिया गया है। ऐसे में हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि आप किसी भी सलाह,उपाय , उपयोग , को आजमाने से पहले एक बार अपने विषय विशेषज्ञ से अवश्य सम्पर्क करे। विभिन्न विषयो से सम्बन्धित ब्लाग/वेबसाइट का एक मात्र उद्देश आपको आपके स्वास्थ्य सहित विभिन्न विषयो के प्रति जागरूक करना और विभिन्न विषयो से जुडी जानकारी उपलब्ध कराना है। आपके विषय विशेषज्ञ को आपके सेहत व् ज्ञान के बारे में बेहतर जानकारी होती है और उनके सलाह का कोई अन्य विकल्प नही। गोण्डा लाइव न्यूज़ किसी भी त्रुटि, चूक या मिथ्या निरूपण के लिए जिम्मेदार नहीं है। आपके द्वारा इस साइट का उपयोग यह दर्शाता है कि आप उपयोग की शर्तों से बंधे होने के लिए सहमत हैं।

”go"