गोण्डा लाइव न्यूज एक प्रोफेशनल वेब मीडिया है। जो समाज में घटित किसी भी घटना-दुघर्टना "✿" समसामायिक घटना"✿" राजनैतिक घटनाक्रम "✿" भ्रष्ट्राचार "✿" सामाजिक समस्या "✿" खोजी खबरे "✿" संपादकीय "✿" ब्लाग "✿" सामाजिक "✿" हास्य "✿" व्यंग "✿" लेख "✿" खेल "✿" मनोरंजन "✿" स्वास्थ्य "✿" शिक्षा एंव किसान जागरूकता सम्बन्धित लेख आदि से सम्बन्धित खबरे ही निःशुल्क प्रकाशित करती है। एवं राजनैतिक , समाजसेवी , निजी खबरे आदि जैसी खबरो का एक निश्चित शुल्क भुगतान के उपरान्त ही खबरो का प्रकाशन किया जाता है। पोर्टल हिंदी क्षेत्र के साथ-साथ विदेशों में हिंदी भाषी क्षेत्रों के लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है और भारत में उत्तर प्रदेश गोण्डा जनपद में स्थित है। पोर्टल का फोकस राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को उठाना है और आम लोगों की आवाज बनना है जो अपने अधिकारों से वंचित हैं। यदि आप अपना नाम पत्रकारिता के क्षेत्र में देश-दुनिया में विश्व स्तर पर ख्याति स्थापित करना चाहते है। अपने अन्दर की छुपी हुई प्रतिभा को उजागर कर एक नई पहचान देना चाहते है। तो ऐसे में आप आज से ही नही बल्कि अभी से ही बनिये गोण्डा लाइव न्यूज के एक सशक्त सहयोगी। अपने आस-पास घटित होने वाले किसी भी प्रकार की घटनाक्रम पर रखे पैनी नजर। और उसे झट लिख भेजिए गोण्डा लाइव न्यूज के Email-gondalivenews@gmail.com पर या दूरभाष-8303799009 -पर सम्पर्क करें।

पाकिस्तान स्थित हिन्दुओं के 19 प्राचीन, पौराणिक और ऐतिहासिक मंदिर

पाकिस्तान में हिन्दुओं के कई प्राचीन मंदिर स्थित है जिनमे से कइयों का पौराणिक व ऐतिहासिक महत्तव भी है।  लेकिन बड़े अफ़सोस की बात है की यह सभी मंदिर पाकिस्तान सरकार की उपेक्षा का शिकार हो रहे है। हालात यह हो गए है की कुछ मंदिरों को छोड़कर बाकी सब जर्जर चुके है। आइए जानते है पाकिस्तान में स्तिथ ऐसे ही 20 हिन्दू मंदिरो के बारे में।

1. कटास राज मंदिर, चकवाल 
Image SEO Friendly
पाकिस्तान में सबसे बड़ा मंदिर शिवजी का कटासराज मंदिर है, जो लाहौर से 270 किमी की दूरी पर चकवाल जिले में स्थित है। इस मंदिर के पास एक सरोवर है। कहा जाता है कि मां पार्वती के वियोग में जब शिवजी के आंखों से आंसू निकले तो उनके आंसुओं की दो बूंदे धरती पर गिरीं और आंसुओं की यही बूंदे एक विशाल कुंड में परिवर्तित हो गईं। इस कुंड के बारे में मान्यता है कि इसमें स्नान करने से मानसिक शांति मिलती है और दुख-दरिद्रता से छुटकारा मिलता है। इसके साथ ही यहां एक गुफा भी है। इसके बारे में कहा जाता है कि सरोवर के किनारे पांडव अपने वनवास के दौरान आए थे।

2. हिंगलाज माता मंदिर, बलूचिस्तान 
Image SEO Friendly
पाकिस्तान में दूसरा विशाल मंदिर हिंगलाज देवी का है। इस मंदिर की गिनती देवी के प्रमुख 51 शक्ति पीठो में होती है। कहा जाता है कि इस जगह पर आदिशक्ति का सिर गिरा था। यह मंदिर बलूचिस्तान के ल्यारी जिला के हिंगोल नदी के किनारे स्थित है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर यह जगह इतनी खूबसूरत है कि यहां आने वाले व्यक्ति का मन वापस लौटने का नहीं होता। कहते हैं कि सती की मृत्यु से नाराज भगवान शिव ने यहीं तांडव खत्म किया था। एक मान्यता यह भी है कि रावण को मारने के बाद राम ने यहां तपस्या की थी।

भारत-पाक बंटवारे से पहले यहां लाखों की तादात में श्रद्धालु आया करते थे, लेकिन अब बिगड़ते हालात के चलते श्रद्धालुओं की संख्या बहुत कम हो चुकी है। हालांकि स्थानीय लोगों के लिए इस मंदिर का काफी महत्व है। बताया जाता है कि इस मंदिर के दर्शन करने गुरु गोविंद सिंह भी आए थे। यह मंदिर विशाल पहाड़ के नीचे स्थित और यहां शिवजी का एक प्राचीन त्रिशूल भी है।

3. गौरी मंदिर, थारपारकर
Image SEO Friendly
पाकिस्तान में स्थित तीसरा विशाल मंदिर है गौरी मंदिर। यह सिंध प्रांत के थारपारकर जिले में स्थित है। पाकिस्तान के इस जिले में हिंदु बहुसंख्यक हैं और इनमें अधिकतर आदिवासी हैं। पाकिस्तान में इन्हें थारी हिंदु कहा जाता है। गौरी मंदिर मुख्य रूप से जैन मंदिर है, लेकिन इसमें अनेकों देवी-देवताओं की मूर्तियां रखी हुई हैं। इस मंदिर की स्थापत्य शैली भी राजस्थान और गुजरात की सीमा पर बसे माउंट आबू में स्थित मंदिर जैसी ही है। इस मंदिर का निर्माण मध्ययुग में हुआ। पाकिस्तान के बिगड़ते हालात और कट्टरपंथियों के बढ़ते प्रभाव के कारण यह मंदिर भी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंच चुका है।

4. मरी इंडस, पंजाब 
Image SEO Friendly
कालाबाग (पंजाब) में स्थित इस मंदिर का निर्माण पांचवीं सदी में हुआ। दरअसल मरी नामक यह जगह उस समय गांधार प्रदेश का हिस्सा थी। चीनी यात्री हेनसांग ने भी अपनी पुस्तक में मरी का उल्लेख किया है। हालांकि अब यह प्राचीन मंदिर धीरे-धीरे अपनी चमक खोता जा रहा है। यह मंदिर स्थापत्य की दृष्टि से अद्भुत है, लेकिन उपेक्षा के कारण खंडहर हो चुका है।

5. शिव मंदिर, पीओके 
Image SEO Friendly
यह मंदिर  पाक अधिकृत कश्मीर में स्तिथ है। यह मंदिर कब अस्तित्व में आया, इसका इतिहास उपलब्ध नहीं। भारत-पाक बंटवारे के कुछ सालों तक यह मंदिर अच्छी अवस्था में था, लेकिन पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकियों के बढ़ते प्रभाव के कारण मंदिर में श्रद्धालुओं का आवागमन कम हो गया और अब यह मंदिर भी खंडहर में परिवर्तित होने की कगार पर है।

6. गोरखनाथ मंदिर, पेशावर
Image SEO Friendly
पाकिस्तान के पेशावर में मौजूद ये ऐतिहासिक मंदिर 160 साल पुराना है। ये बंटवारे के बाद से ही बंद पड़ा था और यहां रोजाना का पूजा-पाठ भी बंद पड़ा था। पेशावार हाई कोर्ट के आदेश पर छह दशकों बाद नवंबर 2011 में दोबारा खोला गया। इस मंदिर खोलने के लिए पुजारी की बेटी फूलवती ने याचिका दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने इसे खोलने का आदेश दिया था।

7. श्रीवरुण देव मंदिर, मनोरा कैंट, कराची 
Image SEO Friendly
1000 साल पुराना यह मंदिर अपनी स्थापत्य कला के लिए मशहूर है। 1947 में बंटवारे के बाद इस मंदिर पर भूमाफिया ने कब्जा कर लिया था। 2007 में पाकिस्तान हिंदू काउंसिल ने इस बंद पड़े और क्षतिग्रस्त मंदिर को फिर से तैयार करने का फैसला किया। जून 2007 में इसका नियंत्रण पीएचसी को मिल गया।

8. स्वामी नारायण मंदिर, कराची 
Image SEO Friendly
कराची में मौजूद स्वामी नारायण मंजिद 32, 306 स्क्वॉयर क्षेत्र में फैला हुआ है। यह एमए जिन्ना रोड पर स्थित है। अप्रैल 2004 में मंदिर ने अपनी 150वीं सालगिरह मनाई। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां हिंदुओं के साथ-साथ मुस्लिम भी पहुंचते हैं। मंदिर में बनी धर्मशाला में लोगों के ठहरने की भी व्यवस्था है।

9. पंचमुखी हनुमान मंदिर, कराची
Image SEO Friendly
1500 साल पुराना हनुमान के पांच सिर वाली मूर्ति वाला मंदिर भी कराची के शॉल्जर बाजार में बना है। इस मंदिर में आर्किटेक्चर में जोधपुर की नक्काशी की झलक दिखाई देती हैं। हालांकि, इस मंदिर को जीर्णोद्धार की सख्त जरूरत है, जिसे लेकर अब सहमति बन गई है।

10. साधु बेला मंदिर, सुक्कुर
Image SEO Friendly
सिंध प्रांत के सुक्कुर में बाबा बनखंडी महाराज 1823 में आए थे। उन्होंने मेनाक परभात को एक मंदिर के लिए चुना। आठवें गद्दीनशीं बाबा बनखंडी महाराज की मृत्यु के बाद संत हरनाम दास ने इस मंदिर का निर्माण 1889 में कराया। यहां महिलाओं और पुरुषों के लिए पूजा करने की अलग-अलग व्यवस्था है। यहां होने वाला भंडारा पूरे पाकिस्तान में मशहूर है।

11. शारदा देवी मंदिर, पीओके 
Image SEO Friendly
मां सरस्वती को समर्पित यह मंदिर लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) नीलम घाटी पर स्थित है। यह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में है। कहा जाता है कि आदिशंकर यहां से यात्रा करते हुए निकले थे। यह मंदिर भी लगभग खंडहर में तब्दील हो चूका है।

पाकिस्तान के अन्य इलाको में स्तिथ कुछ अन्य जर्जर मंदिर :

12. पाकिस्तान के भेरा में स्थित एक मंदिर
Image SEO Friendly

13. सिंध प्रांत के नागरपारकर में स्थित बोधेश्वर जैन मंदिर:-
Image SEO Friendly

14. रावलपिंडी के पास स्थित जर्जर अवस्था में एक मंदिर :-
Image SEO Friendly

15. सियालकोट, पंजाब 
Image SEO Friendly

16. टीला जोगिया (पंजाब) :-
Image SEO Friendly

17. रावल लेक के पास (इस्लामाबाद) :-
Image SEO Friendly

18. श्री बादोकी मंदिर (गुजरानवाला, पंजाब) :-
Image SEO Friendly

19. लाहौर में अनारकली बाजार के पास स्थित मंदिर :
Image SEO Friendly


No comments:

Post a Comment

कमेन्ट पालिसी
नोट-अपने वास्तविक नाम व सम्बन्धित आर्टिकल से रिलेटेड कमेन्ट ही करे। नाइस,थैक्स,अवेसम जैसे शार्ट कमेन्ट का प्रयोग न करे। कमेन्ट सेक्शन में किसी भी प्रकार का लिंक डालने की कोशिश ना करे। कमेन्ट बॉक्स में किसी भी प्रकार के अभद्र भाषा का प्रयोग न करे । यदि आप कमेन्ट पालिसी के नियमो का प्रयोग नही करेगें तो ऐसे में आपका कमेन्ट स्पैम समझ कर डिलेट कर दिया जायेगा।

अस्वीकरण ( Disclaimer )
गोण्डा न्यूज लाइव एक हिंदी समुदाय है जहाँ आप ऑनलाइन समाचार, विभिन्न लेख, इतिहास, भूगोल, गणित, विज्ञान, हिन्दी साहित्य, सामान्य ज्ञान, ज्ञान विज्ञानं, अविष्कार , धर्म, फिटनेस, नारी ब्यूटी , नारी सेहत ,स्वास्थ्य ,शिक्षा ,18 + ,कृषि ,व्यापार, ब्लॉगटिप्स, सोशल टिप्स, योग, आयुर्वेद, अमर बलिदानी , फूड रेसिपी , वाद्ययंत्र-संगीत आदि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी केवल पाठकगणो की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दिया गया है। ऐसे में हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि आप किसी भी सलाह,उपाय , उपयोग , को आजमाने से पहले एक बार अपने विषय विशेषज्ञ से अवश्य सम्पर्क करे। विभिन्न विषयो से सम्बन्धित ब्लाग/वेबसाइट का एक मात्र उद्देश आपको आपके स्वास्थ्य सहित विभिन्न विषयो के प्रति जागरूक करना और विभिन्न विषयो से जुडी जानकारी उपलब्ध कराना है। आपके विषय विशेषज्ञ को आपके सेहत व् ज्ञान के बारे में बेहतर जानकारी होती है और उनके सलाह का कोई अन्य विकल्प नही। गोण्डा लाइव न्यूज़ किसी भी त्रुटि, चूक या मिथ्या निरूपण के लिए जिम्मेदार नहीं है। आपके द्वारा इस साइट का उपयोग यह दर्शाता है कि आप उपयोग की शर्तों से बंधे होने के लिए सहमत हैं।

”go"