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विटामिन A की कमी के कारण, लक्षण और घरेलु उपचार

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बेहतर स्वास्थ्य और खुशहाल जीवन के लिए जरूरी है शरीर में सभी पोषक तत्वों की संतुलित मात्रा। इसके लिए चाहिए होता है पोषक आहार। आखिर खाद्य पदार्थों के माध्यम से ही तो इन जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति होती है। अगर इनमें से किसी एक भी पोषक तत्व की कमी या अधिकता हो जाए तो धीरे-धीरे मनुष्य को कई शारीरिक समस्याएं घेरने लगती हैं। इन्हीं पोषक तत्वों में से एक है विटामिन ए।  इस लेख में आपको विटामिन ए के स्रोत, विटामिन ए के फायदे और विटामिन ए की कमी से जुड़ी कई जरूरी बातें जानने को मिलेंगी। ऐसे में आपको इस बात का खास ध्यान रखना होगा कि विटामिन ए लेख में बताई जाने वाली समस्याओं से राहत पाने का एक विकल्प हो सकता है, लेकिन यह इसका इलाज नहीं है। इसलिए, किसी भी समस्या के पूर्ण उपचार के लिए डॉक्टरी परामर्श बेहद जरूरी है। 

विटामिन A के फायदे – 
1. कैंसर से बचाव
एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित बायोमेड रिसर्च इंटरनेशनल के एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि विटामिन ए शरीर के विभिन्न भागों में ट्यूमर को बढ़ने से रोक सकता है। साथ ही इसमें कैंसर सेल के खिलाफ लड़ने की भी क्षमता पाई जाती है (1)। इस कारण यह माना जा सकता है कि विटामिन ए युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कैंसर से बचाव का काम कर सकता है।

2. बढ़ती उम्र के कारण मैकुलर डिजेनेरेशन
मैकुलर डिजेनेरेशन (Macular Degeneration) का अर्थ है, मैकुला (Macula) का नष्ट होना। बता दें मैकुला आंख में मौजूद रेटीना का केन्द्रीय हिस्सा होता है, जो देखने की क्रिया में मुख्य भूमिका निभाता है (2)। आंखों के लिए जरूरी पोषक तत्वों से जुड़े एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि विटामिन ए आंखों की कार्यक्षमता में सुधार करने के साथ ही मैकुलर डिजेनेरेशन के जोखिम को दूर रखने में भी मदद कर सकता है । ऐसे में यह कहा जा सकता है कि विटामिन ए युक्त खाद्य पदार्थों का चयन इस समस्या से राहत पाने का एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।

3. मीजल्स की समस्या में लाभकारी
मीजल्स (Measles) एक प्रकार का वायरस संक्रमण है, जो मुख्य तौर पर श्वसन तंत्र से संबंधित है। इसमें आमतौर पर रोगी में बुखार, सूखी खांसी और नाक बहने की समस्या देखी जाती है। वहीं गंभीर स्थिति में शरीर पर चकत्ते भी देखने को मिल सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक विटामिन ए की कमी की स्थिति में इस समस्या के होने का जोखिम अधिक रहता है। यही कारण है कि इस संक्रमण के इलाज में विटामिन ए की खुराक को शामिल किया जाता है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि विटामिन ए युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से इस समस्या से राहत पाने के साथ ही इसके होने की आशंका को भी दूर रखा जा सकता है।

4. आंखों की रोशनी बढ़ाए
आंखों की रोशनी को बनाए रखने में भी विटामिन ए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस संबंध में वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के बायो-केमेस्ट्री विभाग द्वारा किए शोध में पाया गया कि विटामिन ए आंखों की कोशिकाओं को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है, जो देखने की क्रिया में मुख्य भूमिका निभाती हैं। इस तथ्य के आधार पर यह कहा जा सकता है कि विटामिन ए युक्त खाद्य पदार्थों को आंखों की रोशनी बढ़ाने वाले आहार के रूप में लिया जा सकता है।

5. हड्डियों के विकास में सहायक
यूएस के विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय के न्यूट्रीशनल साइंस विभाग द्वारा किए गए एक शोध में इस बात को माना गया कि विटामिन ए अप्रत्यक्ष तरीके से यानी प्रोविटामिन ए कैरोटीनॉयड (विटामिन ए का एक्टिव रूप) के रूप में हड्डियों के विकास में सहायक साबित हो सकता है। साथ ही शोध में इस बात का भी जिक्र मिलता है कि विटामिन ए का अत्यधिक सेवन हड्डियों के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है। हालांकि, यह शरीर में किस मात्रा में और कब तक सुरक्षित रह सकता है और हड्डियों को मजबूती देने में यह किस प्रकार कार्य करता है, इस संबंध में अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है ।

6. प्रजनन में मददगार
विशेषज्ञों के मुताबिक विटामिन ए अन्य स्वास्थ्य लाभों के साथ ही प्रजनन की क्रिया में भी अहम भूमिका निभाता है। बताया जाता है कि जहां एक ओर पुरुषों में यह वीर्य यानी स्पर्म के बनने की प्रक्रिया में मदद करता है तो दूसरी ओर महिलाओं के गर्भधारण की प्रक्रिया में मददगार साबित होता है। इतना ही नहीं गर्भधारण के पश्चात भ्रूण के विकास में भी सहायता करता है। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि स्त्री व पुरुष दोनों में ही विटामिन ए समान रूप से प्रजनन प्रक्रिया में सहायक साबित हो सकता है

7. प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए 
विटामिन ए को रोग प्रतिरोधक क्षमता  बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है। दरअसल, यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर कई तरह के संक्रमण से लड़ने की शरीर को शक्ति देता है। साथ यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ ही उसे बनाए रखने में भी मदद करता है  इस कारण यह कहना गलत नहीं होगा कि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में विटामिन ए युक्त खाद्य पदार्थ सकारात्मक प्रभाव प्रदर्शित कर सकते हैं।

विटामिन A की कमी क्या  है? – 
सामान्य तौर पर व्यक्ति के खून में करीब प्रति डेसीलीटर 15 से 60 माइक्रोग्राम विटामिन ए पाया जाता है। जब यह मात्रा 15 माइक्रोग्राम से भी कम हो जाती है तो इसे विटामिन ए की कमी कहा जाता है । विटामिन ए की कमी होने पर कुछ खास लक्षण देखने को मिल सकते हैं, जिनके बारे में हम आपको आगे लेख में बताएंगे।

विटामिन A की कमी होने का कारण – 
अन्य पोषक तत्वों की तरह ही आहार में विटामिन ए युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल न करना इसकी कमी का एक कारण हो सकता है। वहीं कुछ स्वास्थ्य समस्याएं भी है, जो विटामिन ए की कमी का कारण उत्पन्न हो सकती है। वह समस्याएं कुछ इस प्रकार हैं  :
  • सिस्टिक फाइब्रोसिस (फेफड़े से संबंधित एक गंभीर समस्या)।
  • पेनक्रियाज यानी अग्नाशय में सूजन या उसका ठीक तरह से काम न करना।
  • सीलिएक डिजीज (आंतों से संबंधित एक समस्या)।
  • विटामिन ए की कमी के कारणों के बाद आइए अब हम विटामिन A की कमी के लक्षण भी जान लेते हैं।
विटामिन A की कमी के लक्षण –
विटामिन A की कमी के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं ।
  • छोटे बच्चों में हड्डियों और दांतों से जुड़ी समस्या होना।
  • आंखों में सूजन व सूखापन आना।
  • रतौंधी (रात के वक्त देखने में परेशानी) होना।
  • बार-बार संक्रमण की चपेट में आना।
  • त्वचा पर चकत्ते दिखना।
  • विकास में कमी होना।
  • सूखी त्वचा का होना। 
विटामिन A युक्त खाद्य पदार्थ – 
1. बीफ लिवर
विटामिन ए की कमी के उपचार के लिए बीफ लिवर को इस्तेमाल में लाया जा सकता है। बीफ लिवर में मौजूद विटामिन ए की प्रचुर मात्रा शरीर में इसकी पूर्ति कर विटामिन ए की कमी से होने वाले जोखिमों को दूर रखने में मदद कर सकता है।
  •  मात्रा– 100 ग्राम बीफ लिवर में करीब 26088 IU (इंटरनेशनल यूनिट) विटामिन ए पाया जाता है ।
2. सैलमन मछली
मछली खाने के शौकीन सैलमन मछली को विटामिन ए के विकल्प तौर पर इस्तेमाल में ला सकते हैं। वजह यह है कि इसमें शरीर के लिए जरूरी अन्य कई पोषक तत्वों के साथ विटामिन ए भी मौजूद होता है। ऐसे में विटामिन ए की कमी के उपचार के तौर पर सैलमन मछली को भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
  • मात्रा– 100 ग्राम सैलमन मछली में करीब 40 IU (इंटरनेशनल यूनिट) विटामिन ए पाया जाता है ।
3. ड्राई एप्रिकोट
विटामिन ए की कमी के उपचार में ड्राई एप्रिकोट का सेवन भी किया जा सकता है। शाकाहार पर निर्भर रहने वाले लोगों के लिए ड्राई एप्रिकोट विटामिन ए की कमी को पूरा करने का एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।
  • मात्रा–  100 ग्राम ड्राई एप्रिकोट में करीब 250 IU (इंटरनेशनल यूनिट) विटामिन ए पाया जाता है ।
4. हरी पत्तेदार सब्जियां
विटामिन ए की कमी को पूरा करने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियों को भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है। विटामिन ए की कमी के उपचार के तौर पर हरी पत्तेदार सब्जियों का सूप बनाकर भी उपयोग में लाया जा सकता है।

  • मात्रा – 100 ग्राम हरी पत्तेदार सब्जियों के सूप में करीब 196 IU (इंटरनेशनल यूनिट) विटामिन ए पाया जाता है ।
5. फोर्टीफाइड ओटमील
फोर्टीफाइड ओटमील को आहार में शामिल कर भी काफी हद तक विटामिन ए की कमी को होने से रोका जा सकता है। इसके लिए आप नियमित नाश्ते में इसे शामिल कर सकते हैं। वहीं आप चाहें तो इसे शाम के नाश्ते के तौर पर भी प्रयोग में ला सकते हैं।

  • मात्रा– 100 ग्राम फोर्टीफाइड ओटमील में करीब 2574 IU (इंटरनेशनल यूनिट) विटामिन ए पाया जाता है ।
6. खरबूजा
गर्मियों के दिनों में खरबूजा के फायदे पानी की कमी को तो पूरा करते ही हैं, साथ ही यह विटामिन ए की कमी को पूरा करने में भी सहायक है। ऐसे में इसे भी विटामिन ए की पूर्ति के लिए इस्तेमाल में शामिल किया जा सकता है।
  • मात्रा– 100 ग्राम खरबूजे में करीब 772 IU (इंटरनेशनल यूनिट) विटामिन ए पाया जाता है।
7. दुग्ध उत्पाद
दूध को पोषक तत्वों का भण्डार माना जाता है। यही कारण है दूध के फायदे भी कई है। खास यह है कि इसके सेवन से स्वास्थ्य के लिए जरूरी कई पोषक तत्व हासिल हो जाते हैं। इसमें विटामिन ए भी शामिल है। ऐसे में विटामिन ए की कमी को पूरा करने के लिए भी दूध व दूध से बने पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
  • मात्रा– 100 मिली दूध में करीब 208 IU (इंटरनेशनल यूनिट) विटामिन ए पाया जाता है ।
8. गाजर
गाजर के फायदे में विटामिन ए की कमी को पूरा करना भी शामिल है। दरअसल, शाकाहार में शामिल यह एक ऐसा खाद्य पदार्थ है, जिसमें भरपूर मात्रा में विटामिन ए पाया जाता है। ऐसे में गाजर का सेवन न केवल विटामिन ए की दैनिक जरूरत को पूरा कर सकता है, बल्कि इसकी कमी की स्थिति में भी सकारात्मक प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है।
  • मात्रा– 100 ग्राम गाजर में करीब 7051 IU (इंटरनेशनल यूनिट) विटामिन ए पाया जाता है ।
9. पपीता
मीठे और रसीले स्वाद के लिए पसंद किया जाने वाला पपीता भी किसी मायने में कम नहीं है। इसमें भी विटामिन ए भरपूर मात्रा में उपलब्ध होता है। ऐसे में विटामिन ए की पूर्ति के लिए इसे भी एक अच्छे विकल्प के तौर पर इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
  • मात्रा– 100 ग्राम पपीता में करीब 1000 IU (इंटरनेशनल यूनिट) विटामिन ए पाया जाता है ।
10. शकरकंद
आप में से कई लोगों को शकरकंद का मीठा स्वाद काफी लुभाता होगा, लेकिन शायद ही आपको मालूम हो कि शकरकंद के फायदे में विटामिन ए की कमी को पूरा करना भी शामिल है। विशेषज्ञों के मुताबिक अन्य फलों और सब्जियों से कहीं अधिक विटामिन ए शकरकंद में उपलब्ध होता है। यही कारण है कि इसे विटामिन ए का एक बेहतरीन स्रोत माना जाता है।
  • मात्रा– 100 ग्राम शक्करकंद में करीब 14173 IU (इंटरनेशनल यूनिट) विटामिन ए पाया जाता है ।
11. आम
विटामिन ए की कमी से जूझ रहे लोगों के लिए आम के फायदे बड़े काम आ सकते हैं। कारण यह है कि विटामिन ए की दैनिक जरूरी मात्रा को पूरा करने में यह अकेले ही सक्षम है। अन्य पोषक तत्वों के साथ ही इसमें विटामिन ए भी अच्छी मात्रा में उपलब्ध होता है।
  • मात्रा– 100 ग्राम आम में करीब 714 IU (इंटरनेशनल यूनिट) विटामिन ए पाया जाता है ।
नोट– एक वयस्क महिला को प्रतिदिन करीब 700 माइक्रोग्राम यानी लगभग 2331 IU (इंटरनेशनल यूनिट) और पुरुष को करीब 900 माइक्रोग्राम यानी लगभग 2999 IU (इंटरनेशनल यूनिट) विटामिन ए की आवश्यकता होती है ।
  • विटामिन ए के स्रोत के बारे में जानने के बाद अब हम आपको विटामिन ए की कमी से रोग कौन-कौन से हो सकते हैं, इस बारे में बताएंगे।
  • विटामिन A की कमी से होने वाले रोग
  • विटामिन ए की कमी से रोग होना स्वाभाविक है, जो कुछ इस प्रकार हैं ।
  • रतौंधी (कम रोशनी या रात में न देख पाने की समस्या)।
  • जीरोप्थैलमिया (Xerophthalmia) यानी आंखों से आंसू सूख जाने की समस्या।
  • हाइपरकेराटोसिस (Hyperkeratosis) यानी त्वचा का रूखा-सूखा और बेजान हो जाना। 
  • विटामिन ए की कमी से रोग के विषय में जानने के बाद अब हम आपको विटामिन ए की कमी से बचाव के बारे में बताएंगे।
विटामिन A की कमी से बचने के उपाय – 
विटामिन ए की कमी से बचाव के उपाय कुछ इस प्रकार हैं।
  • संतुलित और पौष्टिक आहार ही विटामिन ए की कमी से बचाव का एक मात्र उपाय है।
  • विटामिन ए की पूर्ति के लिए जितना हो सके विटामिन ए के स्रोत यानी खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
  • विटामिन ए के किसी भी स्रोत को संतुलित मात्रा में ही इस्तेमाल में लाएं।
  • अगर विटामिन ए के सप्लीमेंट को उपयोग में लाना चाहते हैं तो उसकी ली जाने वाली मात्रा के बारे में डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।
विटामिन ए की स्वास्थ्य को बनाए रखने में क्या भूमिका है, इस बारे में तो अब आप अच्छे से जान गए होंगे। वहीं विटामिन ए के फायदे और इसकी कमी से होने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बारे में भी आपको पूरी जानकारी हासिल हो गई होगी। लेख में हमने आपको विटामिन ए की कमी के लक्षणों के विषय में बताया है, जो इस समस्या की पहचान कर उपचार की ओर कदम बढ़ाने में मददगार साबित हो सकते हैं। फिर देर किस बात की, अगर आपका भी कोई नजदीकी या परिवार का सदस्य इस समस्या से जूझ रहा है तो लेख में बताए गए तरीकों को इस्तेमाल कर आप इस समस्या को काफी हद तक दूर कर सकते हैं। इस विषय से जुड़ा कोई अन्य सवाल हो तो उसे नीचे दिए कमेंट बॉक्स के माध्यम से हम तक पहुंचाना न भूले।

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