खानपान में गड़बड़ी से शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। इन पोषक तत्वों में कई प्रकार के विटामिन भी शामिल हैं, जैसे विटामिन-ए, विटामिन-बी, विटामिन-सी, विटामिन-डी आदि। शरीर में विटामिन की पूर्ति इसलिए जरूरी है, क्योंकि इनकी कमी कई शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकती है। ऐसे ही एक विटामिन की बात हम इस लेख में करने वाले हैं, जिसका नाम है, विटामिन बी 12। विटामिन बी 12 एक वाटर सोल्युबल (पानी में घुल जाने वाला) विटामिन है। यह वो विटामिन हैं, जिनका पूरा उपयोग कर लेने के बाद, इनके अवशेष यूरिन के माध्यम से शरीर से निकल जाते हैं । इस लेख में हम विटामिन बी 12 की कमी के कारण और उससे जुड़ी सभी समस्याओं के बारे में बात करेंगे। इस लेख से आप विटामिन बी 12 की कमी के लक्षण और इससे जुड़े रोग के बारे में भी जान पाएंगे।
विटामिन बी12 के प्रकार –
विटामिन बी12 शरीर के मेटाबॉलिज्म के लिए जरूरी है । इसके दो प्रकार होते हैं, जो मेटाबॉलिज्म को बेहतर करने का काम करते हैं। इसके प्रकार निम्न हैं :
मिथाइलकोबालामिन (Methylcobalamin) : यह विटामिन बी12 का वह प्रकार होता है, जिसका उपयोग कुछ पोषण संबंधी बीमारियों के साथ-साथ अल्जाइमर रोग और रूमेटाइड अर्थराइटिस जैसी रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है। साथ ही यह मधुमेह की वजह से होने वाले दर्द, कमर दर्द और नसों के दर्द को कम करने में भी मदद कर सकता है ।
एडेनोसिलकोबालामिन (Adenosylcobalamin): यह भी विटामिन बी 12 का दूसरा प्रकार है, जिसकी कमी से मेटाबॉलिज्म स्तर प्रभावित हो सकता है
विटामिन बी12 की कमी क्या है? –
शरीर में विटामिन बी12 की आवश्यक मात्रा का न होना ही विटामिन बी 12 की कमी है। सामान्य तौर पर एक वयस्क को 2.4 माइक्रोग्राम विटामिन बी 12 की जरूरत होती है। इसे सीरम या प्लाज्मा में विटामिन बी 12 के स्तर से मापा जाता है। यह दुनियाभर में लगभग 15 प्रतिशत लोगों को प्रभावित करता है। इसकी कमी से लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या में कमी आ सकती है। इस स्थिति को विटामिन बी 12 डेफिशियेंसी एनीमिया कहा जाता है । विटामिन बी 12 की कमी के कारण खून की कमी हो सकती है और दिमाग व तंत्रिका तंत्र को ठीक से काम करने में समस्या हो सकती है।
विटामिन बी12 की कमी होने का कारण –
विटामिन बी 12 की कमी के कारण में सबसे ऊपर आता है विटामिन बी 12 के स्रोत का सेवन न करना। यह खासकर उन लोगों को होता है, जो शाकाहारी आहार का सेवन करते हैं और उन्हें विटामिन बी 12 के सप्लीमेंट्स लेने की जरूरत पड़ सकती है । इसके अलावा भी कुछ कारण होते हैं, जिनकी वजह से विटामिन बी 12 की कमी हो सकती है, जैसे
परनीसियस एनीमिया (Pernicious Anemia) : इसमें व्यक्ति के शरीर में ऐसे प्रोटीन की कमी हो जाती है, जो विटामिन बी 12 को शरीर में अवशोषित करने में मदद करते हैं। इन प्रोटीन को इंट्रिन्सिक फैक्टर कहा जाता है। इनकी कमी से गैस्ट्रोइंटेस्टिनल ट्रैक्ट में विटामिन को अवशोषित (Absorption) करने में समस्या आने लगती है और शरीर में विटामिन बी 12 की कमी होने लगती है।
पेट की बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति : पेट या आंत की बीमारी जैसे सीलिएक रोग और क्रोहन रोग (आंत में सूजन से जुड़े रोग) से पीड़ित लोगों के शरीर में पर्याप्त विटामिन बी 12 अवशोषित करने में समस्या होती है। इस वजह से व्यक्ति की सोचने-समझने की क्षमता (Cognitive Function) में भी कमी आ सकती है।
पेट की सर्जरी : कई बार लोगों को वजन कम करने के लिए या किसी और बीमारी के वजह से पेट की सर्जरी करवानी पड़ती है। इस सर्जरी के दौरान उन कोशिकाओं की कमी हो जाती है, जो इंट्रिन्सिक फैक्टर का निर्माण करती हैं। शरीर में विटामिन बी12 को अवशोषित करने के लिए इंट्रिन्सिक फैक्टर की जरूरत होती है। इस प्रकार यह विटामिन बी12 की कमी का कारण बन सकता है।
शाकाहारी आहार : विटामिन बी12 के स्रोत में सबसे ऊपर आता है मांसाहारी आहार। ऐसे में शुद्ध शाकाहारी और वीगन आहार का सेवन करने वाले लोगों को विटामिन बी 12 की कमी हो सकती है। मांसाहारी खाद्य पदार्थों के सेवन न करने वालों के लिए विटामिन बी 12 के स्रोत के रूप में अनाज आदि ही होते हैं।
शाकाहारी मां के शिशु : गर्भावस्था के दौरान विटामिन बी 12 प्लेसेंटा से निकल कर मां के दूध में आ जाता है और मां का दूध ही शिशु के लिए विटामिन बी 12 का स्रोत बन जाता है। ऐसे में, उन महिलाओं के शिशुओं को इसकी कमी हो सकती हैं, जिन महिलाओं ने गर्भावस्था के दौरान अपने शरीर में इसके स्तर पर ध्यान न दिया हो। अगर आप गर्भवती हैं या स्तनपान करवा रही हैं, तो अपने शरीर में विटामिन बी12 के स्तर को लेकर अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य करे लें।
बढ़ती उम्र के कारण : बढ़ती उम्र के साथ पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड का उत्पादन कम होने लगता है। इसके चलते विटामिन बी 12 का अवशोषण करने में समस्या आने लगती है। इसके अलावा, हाइड्रोक्लोरिक एसिड की कमी के कारण पेट में बैक्टीरिया भी पनपने लगते हैं, जो शरीर में मौजूद विटामिन बी 12 को खत्म करते हैं। यह समस्या बढ़ती उम्र के साथ लगभग 10 से 30 प्रतिशत लोगों को होती है।
विटामिन बी12 की कमी के लक्षण –
विटामिन बी 12 की कमी के लक्षण शारीरिक रूप से आसानी से समझ आने लगते हैं। ये कुछ इस प्रकार हो सकते हैं
- मेगालोब्लास्टिक एनीमिया (शरीर में सामान्य से अलग और बड़ी लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण होना)
- थकान
- कमजोरी
- कब्ज
- भूख न लगना
- वजन में कमी
- हाथ और पैरों में सुन्नपन और झुनझुनी
- मुंह और जुबान में तकलीफ होना
- चक्कर आना
- धड़कनें तेज होना
- चोट लगने पर आसानी से खून आ जाना
अधिक कमी हो जाने पर विटामिन बी 12 की कमी के लक्षण व्यक्ति के व्यवहार में भी दिखने लगते हैं। ये कुछ इस प्रकार हो सकते हैं (:
- अवसाद
- संतुलन बनाए रखने में कठिनाई
- असमंजस और भ्रम की स्थिति
- स्मृति (Memory) कम होना
विटामिन बी12 के फायदे –
1. मानसिक और तंत्रिका स्वास्थ्य के लिए
न्यूरोलॉजिकल (केंद्रीय तंत्रिका तंत्र) स्वास्थ्य को बनाए रखने में विटामिन बी 12 का अहम योगदान होता है। इसकी कमी से कई न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हो सकती हैं, जैसे नींद न आना, संतुलन बनाए रखने में समस्या होना, हाथ व पैरों में कंपकंपी, त्वचा का सुन्न होना आदि । नर्वस सिस्टम को स्वस्थ बनाए रखने के लिए भी विटामिन बी 12 की अहम भूमिका होती है ।
2. हृदय रोग के लिए
माना जाता है कि शाकाहारी भोजन करने वाले लोगों को मांसाहारी आहार लेने वाले लोगों के मुकाबले हृदय रोग का खतरा कम होता है। हालांकि, एक शोध में पाया गया है कि कई बार सिर्फ शाकाहारी आहार का सेवन करने वाले लोगों में भी हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। ऐसा विटामिन बी 12 की कमी से हो सकता है। विटामिन बी 12 की कमी से हृदय रोग के खतरे को कम करने वाले शाकाहारी आहार के गुणों का प्रभाव कम हो सकता है। ऐसे में, विटामिन बी 12 के रोग से बचने के लिए विटामिन बी 12 के सप्लीमेंट्स लेने की सलाह दी जाती है ।
3. पाचन शक्ति बेहतर करे
विटामिन बी 12 की उचित मात्रा आपकी पाचन शक्ति को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है। यही वजह है कि इसकी कमी के वजह से अपच, कब्ज और डायरिया जैसी समस्या हो सकती है ।
4. डीएनए संश्लेषण में मदद करे
डीएनए (DNA, Deoxyribonucleic Acid) हमारी कोशिकाओं में पाया जाता है। मनुष्य का शरीर कई कोशिकाओं से बना है और हर कोशिका में कई डीएनए होते हैं। ये व्यक्ति के शारीरिक व मानसिक विकास और प्रजनन में मदद करते हैं । दरअसल, हमारे पूरे जीवन में कोशिकाएं कई बार विभाजित होती हैं और जिनसे नई कोशिकाओं का निर्माण होता है, जिन्हें डीएनए की जरूरत होती है । ऐसे में कोशिकाओं के विभाजन के दौरान डीएनए के प्रतिरूप (Replica) बनते हैं। कोशिका विभाजन के दौरान प्रतिरूप के जरिए डीएनए बढ़ने की इसी प्रक्रिया को डीएनए संश्लेषण (DNA Synthetic/ DNA Replication) कहा जाता है । यहां विटामिन बी 12 इसलिए जरूरी है, क्योंकि यह डीएनए संश्लेषण की प्रक्रिया को बढ़ावा देने का काम करता है।
5. वजन कम करने में मदद करे
विटामिन बी 12 आपका मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में मदद करता है। मेटाबॉलिज्म बढ़ने से आपके शरीर में कैलोरी बर्न होगी और भोजन फैट के रूप में जमा नहीं होगा । इससे आपके शरीर में फैट की मात्रा कम होगी और आपको वजन नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
6. त्वचा को स्वस्थ रखे :
यूवी किरणों की वजह से अक्सर त्वचा का रंग फीका हो जाता है। ऐसे में विटामिन बी12 का उपयोग करना लाभदायक साबित हो सकता है। यह फोलिक एसिड के साथ मिलकर यूवी किरणों की वजह से फीके पड़े त्वचा के रंग को निखारने में मदद कर सकता है। यह मुंहासे, त्वचा से जुड़ी कुछ एलर्जी और चेहरे पर पड़े लाल चकत्तों से आराम पाने में भी मदद कर सकता है।
7. बालों के लिए फायदेमंद
विटामिन बी 12 की कमी आपके बालों के लिए भी नुकसानदायक हो सकती है। एक वैज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार, इसकी कमी बालों के झड़ने का कारण हो सकती है । इसके अलावा, विटामिन बी 12 की कमी के कारण बाल समय से पहले सफेद हो सकते हैं ।
आपने यह जान लिया कि बी12 की कमी से आपको विटामिन बी 12 के रोग का सामना करना पड़ सकता है। अब आपके मन में सवाल आता होगा कि इसकी कमी से कैसे बचा जाए। तो इस बारे में जानिए लेख के अगले भाग में।
विटामिन बी12 की कमी से बचने के उपाय –
विटामिन बी 12 के रोग से बचना बहुत आसान है। यह आप कुछ इस प्रकार कर सकते हैं :
- अपने आहार में विटामिन बी 12 की भरपूर मात्रा लें।
- डॉक्टर से अपने शरीर में विटामिन बी 12 के स्तर की जांच करवाते रहें।
- लिवर (चिकन या मटन का) को विटामिन बी 12 के स्रोत में सबसे ऊपर रखा जाता है। इसलिए, इसका सेवन करने से आप विटामिन बी 12 के रोग से बच सकते हैं।
- इसके अलावा, दूध, दही और चीज़ में भी इसकी भरपूर मात्रा पाई जाती है और इनका सेवन विटामिन बी 12 के स्रोत के रूप में किया जा सकता है।
- जो लोग वीगन हैं और किसी डेयरी या मांसाहारी आहार का सेवन नहीं करते, उन्हें विटामिन बी 12 के सप्लीमेंट्स लेने की जरूरत पड़ सकती है।
इस लेख के जरिए आप विस्तार से समझ गए होंगे कि विटामिन बी 12 को अपने आहार में शामिल करना कितना जरूरी है और यह आपके स्वास्थ के लिए कितना महत्वपूर्ण है। विटामिन बी 12 के रोग से बचने के लिए इससे समृद्ध खाद्य पदार्थों या इसके सप्लीमेंट्स का सेवन करें।
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