गोण्डा लाइव न्यूज एक प्रोफेशनल वेब मीडिया है। जो समाज में घटित किसी भी घटना-दुघर्टना "✿" समसामायिक घटना"✿" राजनैतिक घटनाक्रम "✿" भ्रष्ट्राचार "✿" सामाजिक समस्या "✿" खोजी खबरे "✿" संपादकीय "✿" ब्लाग "✿" सामाजिक "✿" हास्य "✿" व्यंग "✿" लेख "✿" खेल "✿" मनोरंजन "✿" स्वास्थ्य "✿" शिक्षा एंव किसान जागरूकता सम्बन्धित लेख आदि से सम्बन्धित खबरे ही निःशुल्क प्रकाशित करती है। एवं राजनैतिक , समाजसेवी , निजी खबरे आदि जैसी खबरो का एक निश्चित शुल्क भुगतान के उपरान्त ही खबरो का प्रकाशन किया जाता है। पोर्टल हिंदी क्षेत्र के साथ-साथ विदेशों में हिंदी भाषी क्षेत्रों के लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है और भारत में उत्तर प्रदेश गोण्डा जनपद में स्थित है। पोर्टल का फोकस राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को उठाना है और आम लोगों की आवाज बनना है जो अपने अधिकारों से वंचित हैं। यदि आप अपना नाम पत्रकारिता के क्षेत्र में देश-दुनिया में विश्व स्तर पर ख्याति स्थापित करना चाहते है। अपने अन्दर की छुपी हुई प्रतिभा को उजागर कर एक नई पहचान देना चाहते है। तो ऐसे में आप आज से ही नही बल्कि अभी से ही बनिये गोण्डा लाइव न्यूज के एक सशक्त सहयोगी। अपने आस-पास घटित होने वाले किसी भी प्रकार की घटनाक्रम पर रखे पैनी नजर। और उसे झट लिख भेजिए गोण्डा लाइव न्यूज के Email-gondalivenews@gmail.com पर या दूरभाष-8303799009 -पर सम्पर्क करें।

सेवा और भक्ति नेपाली लोक-कथा

Image SEO Friendly

राजा सुशर्मा अपने दरबारियों के हर प्रश्न का जवाब देते थे ।

एक बार एक व्यक्ति ने दरबार में उनसे पूछा, 'राजन, मनुष्य के जीवन में भक्ति और सेवा में किसका महत्व ज्यादा है ?' उस समय वह उस प्रश्न का जवाब नहीं दे पाए लेकिन वह इस बारे में लगातार सोचते रहे । कुछ समय बाद राजा शिकार के लिए जंगल की ओर निकले लेकिन उन्होने किसी को साथ में नहीं लिया । घने जंगल में वह रास्ता भटक गए । शाम हो गयी । प्यास से उनका बुरा हाल ले गया था ।

काफी देर भटकने के बाद उन्हें एक कुटिया दिखाई पड़ी । वह किसी संत की कुटिया थी ।
राजा किसी तरह कुटिया तक पहुंचे और 'पानी - पानी' कहते हुए मूर्छित हो गए । कुटिया में संत समाधि में लीन थे । राजा के शब्द संत के कानों में गये,

"पानी - पानी" की पुकार सुनने से संत की समाधि भंग हो गयी । वह अपना आसन छोड़ राजा के पास गए और उन्हें पानी पिलाया । पानी पीकर राजा की चेतना लौट आयी ।

राजा पिलाकर को जब पता चला कि संत समाधिस्थ थे तो उन्होने कहा 'मुनिवर मेरी वजह से आपके ध्यान में खलल पड़ा । मैं दोषी हूं । मुझे प्रायश्चित करना होगा ।' संत ने कहा -'राजन आप दोषी नहीं हैं इसलिए प्रायश्चित करने का प्रश्न ही नहीं है । प्यासा पानी मांगता है और प्यास बुझाने वाला पानी देता है । आपने अपना कर्म किया है और मैंने अपना । यदि आप पानी की पुकार नहीं करते तो आपका जीवन खतरे में पड़ जाता और यदि मैं समाधि छेड़कर आपको पानी नहीं पिलाता, तब भी आपका जीवन खतरे में पड़ता । आपको पानी पिलाकर जो संतुष्टि मिल रही, वह कभी समाधि की अवस्था में भी नहीं मिलती, भक्ति और सेवा दोनों ही मोक्ष के रास्ते हैं, लेकिन यदि आप आज प्यासे रह जाते तो मेरी अब तक की सारी साधना व्यर्थ हो जाती ।'
राजा को उत्तर मिल गया कि सेवा का महत्त्व भक्ति से अधिक है ।

No comments:

Post a Comment

कमेन्ट पालिसी
नोट-अपने वास्तविक नाम व सम्बन्धित आर्टिकल से रिलेटेड कमेन्ट ही करे। नाइस,थैक्स,अवेसम जैसे शार्ट कमेन्ट का प्रयोग न करे। कमेन्ट सेक्शन में किसी भी प्रकार का लिंक डालने की कोशिश ना करे। कमेन्ट बॉक्स में किसी भी प्रकार के अभद्र भाषा का प्रयोग न करे । यदि आप कमेन्ट पालिसी के नियमो का प्रयोग नही करेगें तो ऐसे में आपका कमेन्ट स्पैम समझ कर डिलेट कर दिया जायेगा।

अस्वीकरण ( Disclaimer )
गोण्डा न्यूज लाइव एक हिंदी समुदाय है जहाँ आप ऑनलाइन समाचार, विभिन्न लेख, इतिहास, भूगोल, गणित, विज्ञान, हिन्दी साहित्य, सामान्य ज्ञान, ज्ञान विज्ञानं, अविष्कार , धर्म, फिटनेस, नारी ब्यूटी , नारी सेहत ,स्वास्थ्य ,शिक्षा ,18 + ,कृषि ,व्यापार, ब्लॉगटिप्स, सोशल टिप्स, योग, आयुर्वेद, अमर बलिदानी , फूड रेसिपी , वाद्ययंत्र-संगीत आदि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी केवल पाठकगणो की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दिया गया है। ऐसे में हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि आप किसी भी सलाह,उपाय , उपयोग , को आजमाने से पहले एक बार अपने विषय विशेषज्ञ से अवश्य सम्पर्क करे। विभिन्न विषयो से सम्बन्धित ब्लाग/वेबसाइट का एक मात्र उद्देश आपको आपके स्वास्थ्य सहित विभिन्न विषयो के प्रति जागरूक करना और विभिन्न विषयो से जुडी जानकारी उपलब्ध कराना है। आपके विषय विशेषज्ञ को आपके सेहत व् ज्ञान के बारे में बेहतर जानकारी होती है और उनके सलाह का कोई अन्य विकल्प नही। गोण्डा लाइव न्यूज़ किसी भी त्रुटि, चूक या मिथ्या निरूपण के लिए जिम्मेदार नहीं है। आपके द्वारा इस साइट का उपयोग यह दर्शाता है कि आप उपयोग की शर्तों से बंधे होने के लिए सहमत हैं।

”go"