सेंजी या इंडियन स्वीट क्लोवर महत्तवपूर्ण चारे की फसल है। यह फसल सूखे की स्थितयों को सहन कर सकती है।इसकी पीली और सफेद किस्म चारा उद्देश्य के लिए प्रयोग की जाती है। इसमें 60% पाचन पोषक तत्व और 16.57% कच्चा प्रोटीन होता है। सिंचित हालातों में इसकी औसतन पैदावार 120-140 क्विंटल जबकि बारानी क्षेत्रों में इसकी औसतन पैदावार 80-100 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
मिट्टी
इसे मिट्टी की कई किस्मों में उगाया जा सकता है, पर यह दोमट से भारी मिट्टी में अच्छे परिणाम देती है।
प्रसिद्ध किस्में और पैदावार
FOS 1: यह मध्यम समय की, बीमारी रहित किस्म है। इसके पीले रंग के फूल होते हैं। इसकी औसतन पैदावार 76 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
HFWS 55: यह किस्म सी सी एस एच ए यू, हिसार द्वारा विकसित की गई है। यह दरमियाने समय की बीमारी रहित किस्म है, इसके फूल सफेद रंग के होते हैं। इसकी औसतन पैदावार 112 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
दूसरे राज्यों की किस्में
Senji Safed 76: यह किस्म पी ए यू, लुधियाना द्वारा विकसित की गई है।
YSL 106: इस किस्म की सिंचित और समय पर बोने के लिए सिफारिश की गई है।
PC 5: यह लंबे समय की किस्म है। इसकी सिंचित और समय पर बोने के लिए सिफारिश की गई है। यह किस्म 172 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है।
ज़मीन की तैयारी
सेंजी फसल की खेती के लिए एक जोताई काफी होती है। जोताई के बाद सुहागे से मिट्टी को समतल कर लें।
बिजाई
बिजाई का समय
असिंचित क्षेत्रों में, बिजाई खरीफ फसल की कटाई के बाद पूरी कर लें। YSL किस्म की बिजाई का उचित समय सितंबर के आखिरी हफ्ते से अक्तूबर का आखिरी हफ्ते में अनुकूल होता है। Sanji Safed की बिजाई, नवंबर के दूसरे पखवाड़े में पूरी कर लें।
फासला
इसकी बिजाई बुरकाव द्वारा की जाती है|
बिजाई का ढंग
इसकी बिजाई बुरकाव विधि द्वारा की जाती है|
बीज
बीज की मात्रा
एक एकड़ खेत में बिजाई के लिए 15 किलो बीज के छिल्के का प्रयोग करें। बिजाई के बाद, एक हल्की सिंचाई करें।
खाद
खादें (किलोग्राम प्रति एकड़)
UREA | SSP | MURIATE OF POTASH |
- | 155 | - |
तत्व (किलोग्राम प्रति एकड़)
NITROGEN |
PHOSPHORUS
| POTASH |
- | 25 | - |
बिजाई के समय, फासफोरस 25 किलो (सिंगल सुपर फासफेट 155 किलो) प्रति एकड़ में डालें।
सिंचाई
बढ़िया विकास के लिए दो से तीन सिंचाइयों की आवश्यकता होती है।
पौधे की देखभाल-
हानिकारक कीट और रोकथाम
काली भुण्डी: इसका हमला दिखाई दें तो, मैलाथियॉन 50 ई सी 400 मि.ली. को 100-150 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ में स्प्रे करें।
काला चेपा: इसका हमला दिखाई दें तो, मैलाथियॉन 50 ई सी 400 मि.ली. को 150 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ में स्प्रे करें।
फसल की कटाई
चारे के लिए, फसल की कटाई पूरी तरह खिलने पर करें। फसल की कटाई ना करें जो बीज लेने के उद्देश्य से उगाई गई हो। फसल मार्च के महीने में पक जाती है|
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